जिस नैमिषारण्य में भगवान राम को ब्रह्म हत्या से मुक्ति मिली, उसे नई पहचान दे रही योगी सरकार

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार धार्मिक पर्यटन पर जमकर काम कर रही है। इसी क्रम में नैमिषारण्य को संवारा जा रहा है। नैमिषारण्य वही जगह है, जहां पर भगवान राम को भी रावण पर विजय प्राप्त करने के बाद ब्रह्म हत्या से मुक्ति मिली थी।

योगी सरकार की नैमिषारण्य के लिए खास योजना

नैमिषारण्य को तीर्थस्थल के रूप में संवारने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं जुटे हुए हैं। मुख्यमंत्री सीतापुर में मौजूद नैमिषारण्य को एक तीर्थस्थल के रूप में स्थापित करना चाहते हैं। हो भी क्यों न, इसका संबंध भगवान राम से जो है। अयोध्या में राम लला का भव्य मंदिर निर्माण जोरों पर है। 22 जनवरी 2024 को अयोध्या के मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई है। ऐसे में अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नैमिषारण्य धाम को विकासित करने में जुट गए हैं। लखनऊ के पास सीतापुर में नैमिषारण्य ही वह जगह है, जहां पर भगवान राम ने ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति पाई थी।

नैमिषारण्य से जुड़ी राम की कहानी

यह कहानी तब की है, जब भगवान राम ने रावण पर जीत हासिल कर ली थी। जब वह लंका में प्रकांड पंडित रावण को मारने के बाद वापस अयोध्या लौटे। रावण जैसे महा पंडित का वध करने के बाद भगवान राम नैमिषारण्य आए। यहीं पर उन्हें ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति मिली। यहां के कण-कण में भगवान राम की महिमा रची बसी है। नैमिषारण्य या नैमिषतीर्थ ऋषियों की तपोभूमि रही है। यह मां ललिता देवी शक्तिपीठ के लिए मशहूर है।

स्वयं मुख्यमंत्री नैमिषारण्य के विकास पर नजर बनाए हुए हैं। राज्य सरकार नैमिषारण्य को एक बड़े तीर्थस्थल के रूप में स्थापित करना चाहती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह बातें नैमिषारण्य के नए मंदिर के चित्रशक्ति गेट व श्री जगदम्बा राज राजेश्वरी मंदिर में स्थापना-प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के उद्घाटन के समय कहीं। मुख्यमंत्री के अनुसार नैमिषारण्य के महत्व को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार इसे बड़े धार्मिक स्थल के तौर पर विकसित करना चाहती है।

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