यूपी है फिल्मवालों के लिए नई दुनिया, विदेशी फिल्म मेकर्स भी करेंगे उत्तर प्रदेश का रुख, बोले अनुराग ठाकुर

भारत सरकार के इनफॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्ट मिनिस्टर अनुराग ठाकुर ने लखनऊ में आयोजित यूपीजीआईएस में ‘मीडिया एंड एंटरटेनमेंटः द इंडियन डिजिटल ग्रोथ स्टोरी’ सेशन के दौरान कहा कि यूपी में जब फिल्म सिटी की शुरुआत हो जाएगी तो उन्हें उत्तर प्रदेश आने से भी कोई नहीं रोक सकता।

यूपी की फिल्म पॉलिसी में फिल्म मेकर्स के लिए कई तरह की संभावनाएं: अनुराग ठाकुर

लखनऊ : दुनिया भर के फिल्म मेकर्स अपने फिल्म के निर्माण के बाद पोस्ट प्रोडक्शन के लिए भारत आते हैं। कोई मुंबई आता है, कोई चेन्नई तो कोई हैदराबाद। यूपी में जब फिल्म सिटी की शुरुआत हो जाएगी तो उन्हें उत्तर प्रदेश आने से भी कोई नहीं रोक सकता। यूपी की फिल्म पॉलिसी दिखाती है कि यदि आप यहां फिल्म बनाएंगे तो आपको कई तरह की छूट प्राप्त होंगी। कौन सा ऐसा क्षेत्र है जहां योगी जी ने कमी छोड़ी हो। मैं तो कहता हूं फिल्म वालों कहीं अगली दुनिया दिखती है तो उत्तर प्रदेश में ही बनती दिखती है। जहां सरकार आपका हाथ पकड़कर चलने को तैयार है तो आपको पीछे नहीं जाना चाहिए। ये बातें रविवार को भारत सरकार के इनफॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्ट मिनिस्टर अनुराग ठाकुर ने लखनऊ में आयोजित यूपीजीआईएस में ‘मीडिया एंड एंटरटेनमेंटः द इंडियन डिजिटल ग्रोथ स्टोरी’ सेशन के दौरान कहीं। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री को यूपी सरकार के द्वारा उपहार स्वरूप ओडीओपी दिया गया।

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स्पोर्ट्स और सिनेमा को बढ़ावा दे रहा उत्तर प्रदेश

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अनुराग ठाकुर ने कहा कि उत्तर प्रदेश एक ऐसा राज्य है जिसने खेलों को भी और सिनेमा को भी बढ़ावा दिया है। इसके लिए सीएम योगी को बहुत बहुत धन्यवाद। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आगाज इतना जोरदार हुआ है कि शायद ही देश के किसी अन्य राज्य में पहले कभी 33 लाख करोड़ के निवेश की बात हुई हो। उत्तर प्रदेश ने एक ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनने का लक्ष्य रखा है। इसका मतलब ये है कि उत्तर प्रदेश, देश की कुल इकॉनमी का पांचवां हिस्सा योगदान करने वाला है। यहां हर सेक्टर में निवेश आएगा, लेकिन सही मायनों में स्पोर्ट्स और सिनेमा दो सेक्टर ऐसे हैं जो देश की सीमाओं को तोड़कर दुनिया के किसी भी हिस्से में जाकर दिल जीतने का काम करते हैं और तिरंगा फहराते हैं। खिलाड़ी जीतता है तो राष्ट्रगान भी बजता है और तिरंगा भी फहराया जाता है। वहीं कभी रीजनल फिल्म आरआरआर की तरह बने तो रीजनल से नेशनल और इंटरनेशनल बनते समय नहीं लगता है। ये क्षेत्र ऐसा है जिसकी कोई सीमा नहीं है।

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