यूपी में सरकारी मदद पाने वाले मदरसे के शिक्षकों की होगी जांच, आदेश के विरोध में मदरसा बोर्ड ने जताई नाराजगी

UP Madarsa News: एक दिसंबर को प्रदेश जिनतने भी विभागीय मंडलीय उपनिदेशक और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी हैं उन्‍हें एक पत्र भेजा गया था। ये पत्र अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के निदेशक जे. रीभा की ओर से भेजा गया था।




मदरसों के शिक्षकों की होगी जांच। (सांकेतिक फोटो)

UP Madarsa News: उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसों के शिक्षकों को लेकर एक बड़ा आदेश जारी किया है। सरकार ने उन सभी मदरसों के शिक्षकों व कर्मचारियों की शैक्षिक योग्यता की जांच के आदेश दिए हैं जिन्‍हें अब तक सरकारी मदद मिलती रही है। सरकार ने उनको उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं की स्थिति को भी जांचने के आदेश दिए हैं। हालांकि यूपी सरकार के इस फैसले के बाद से प्रदेश का मदरसा शिक्षा बोर्ड काफी नाराज है। उसके अध्यक्ष इफ्तिखार अहमद जावेद ने कटाक्ष में कहा कि, 'मदरसों की जांच अब एक नियमित प्रक्रिया बन गई है और बार-बार जांच होने से मदरसों में शिक्षण कार्य तथा अन्य गतिविधियों में व्यवधान पड़ता है।'

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30 दिसंबर डेडलाइन

हाल ही में एक दिसंबर को प्रदेश जिनतने भी विभागीय मंडलीय उपनिदेशक और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी हैं उन्‍हें एक पत्र भेजा गया था। ये पत्र अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के निदेशक जे. रीभा की ओर से भेजा गया था। इसमें मदरसों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की शिक्षा की क्‍वालिटी के संदर्भ में उसे और रुचिकर बनाने व तकनीकी रूप से विकसित किए जाने का उल्‍लेख किया गया था। इस पत्र में मदरसों की आधारभूत सुविधाओं और योग्य शिक्षकों की उपलब्धता को सुनिश्चित कराने आवश्‍यकता बताई गई थी। बता दें कि, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के निदेशक ने इन सभी आवश्‍यकताओं की पूर्ति के लिए सबसे पहले सरकारी मदद पाने वाले मदरसों के शिक्षकों व अन्‍य कर्मचारियों संबंधी सभी जांचों को पूरा करने के आदेश दिए थे। गौरतलब है कि, ये रिपोर्ट 30 दिसंबर तक मदरसा शिक्षा बोर्ड के रजिस्ट्रार को सौंपने के आदेश दिए गए हैं।

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