यूपी में सरकारी मदद पाने वाले मदरसे के शिक्षकों की होगी जांच, आदेश के विरोध में मदरसा बोर्ड ने जताई नाराजगी
UP Madarsa News: एक दिसंबर को प्रदेश जिनतने भी विभागीय मंडलीय उपनिदेशक और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी हैं उन्हें एक पत्र भेजा गया था। ये पत्र अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के निदेशक जे. रीभा की ओर से भेजा गया था।
मदरसों के शिक्षकों की होगी जांच। (सांकेतिक फोटो)
30 दिसंबर डेडलाइन
हाल ही में एक दिसंबर को प्रदेश जिनतने भी विभागीय मंडलीय उपनिदेशक और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी हैं उन्हें एक पत्र भेजा गया था। ये पत्र अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के निदेशक जे. रीभा की ओर से भेजा गया था। इसमें मदरसों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की शिक्षा की क्वालिटी के संदर्भ में उसे और रुचिकर बनाने व तकनीकी रूप से विकसित किए जाने का उल्लेख किया गया था। इस पत्र में मदरसों की आधारभूत सुविधाओं और योग्य शिक्षकों की उपलब्धता को सुनिश्चित कराने आवश्यकता बताई गई थी। बता दें कि, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के निदेशक ने इन सभी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सबसे पहले सरकारी मदद पाने वाले मदरसों के शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों संबंधी सभी जांचों को पूरा करने के आदेश दिए थे। गौरतलब है कि, ये रिपोर्ट 30 दिसंबर तक मदरसा शिक्षा बोर्ड के रजिस्ट्रार को सौंपने के आदेश दिए गए हैं।
आंकड़ों पर भी डालें नजर
वर्तमान समय में आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश में 25,000 मान्यता प्राप्त एवं गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का संचालन हो रहा है। 25,000 मदरसों में से 560 को राज्य सरकार से अनुदान मिलता है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के निदेशक ने मदरसों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव बताया और कहा कि इससे विद्यार्थियों की शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ रहा है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | लखनऊ (cities News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
पत्रकारिता जगत में पांच साल पूरे होने जा रहे हैं। वर्ष 2018-20 में जागरण इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट ए...और देखें
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited