अपनी गाड़ी रखने वालों के लिए आ गया नया नियम: जानिए, कब-कहां होगा लागू और क्या होगा बदलाव

Uttar Pradesh Latest News: दो-पहिया, चार-पहिया या फिर और गाड़ियां खरीदने पर डीलर प्वॉइंट यानी वाहन बेचने वाले के पास गाड़ियों की फाइल्स सेफ रहती हैं। चूंकि, रोजाना भारी संख्या में गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन होते हैं और यह आंकड़ा प्रतिदिन एक लाख से दो लाख के आसपास (पंजीकरण) तक चला जाता होगा। ऐसे में डीलर्स के लिए इतनी भारी संख्या में फाइल्स को सहेजना मुश्किल होता है।

तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल)

Uttar Pradesh Latest News: उत्तर प्रदेश में प्राइवेट व्हीकल्स (निजी वाहनों) के रजिस्ट्रेशन से जुड़ी फाइल्स को सहेजने की जिम्मेदारी अब गाड़ी के मालिकों की रहेगी। गाड़ी के मालिक से शपथ-पत्र लेकर डीलर उन्हें फाइल सौंप देंगे और एआरटीओ ऑफिस की ओर से मांगे जाने पर उसे पेश करेंगे। हालांकि, कमर्शियल वाहनों की फाइल्स को एआरटीओ ऑफिस को संभाल कर रखना होगा।

यह सब ऐसा इसलिए होगा क्योंकि उत्तर प्रदेश (यूपी) में निजी वाहनों के लिए नया नियम तीन अक्टूबर, 2023 से लागू हो जाएगा। परिवहन आयुक्त चंद्रभूषण सिंह ने इस बाबत आरटीओ और एआरटीओ को आदेश दे दिया है। सूबे के परिवहन विभाग ने फैसला लिया है कि प्राइवेट गाड़ियों की फाइलें (पत्रावलियां) वाहन के मालिक रखें, जबकि कमर्शियल गाड़ियों की फाइल्स एआरटीओ ऑफिस में रखी जाएं। वैसे, यूपी में फिलहाल जो व्यवस्था है, उसके तहत चार नवंबर 2020 से ओरिजिनल (मूल) फाइल्स डीलर के पास रखी जा रही हैं।

दो-पहिया, चार-पहिया या फिर और गाड़ियां खरीदने पर डीलर प्वॉइंट यानी वाहन बेचने वाले के पास गाड़ियों की फाइल्स सेफ रहती हैं। चूंकि, रोजाना भारी संख्या में गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन होते हैं और यह आंकड़ा प्रतिदिन एक लाख से दो लाख के आसपास (पंजीकरण) तक चला जाता होगा। ऐसे में डीलर्स के लिए इतनी भारी संख्या में फाइल्स को सहेजना मुश्किल होता है। यही वजह है कि डीलर फेडरेशन की ओर से सरकार के सामने गुजारिश की गई थी कि फाइल्स रखने के सिस्टम में बदलाव किया जाए।

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