Lucknow: कोऑपरेटिव बैंक में 146 करोड़ का घोटाला, लोक भवन के सेक्शन अफसर सहित 5 पकड़े

Cooperative Bank Fraud Case: यूपी एसटीएफ ने उप्र. कोऑपरेटिव बैंक के खाते से 146 करोड़ रुपये हड़पने वाले शातिरों को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ ने लोक भवन के सेक्शन अफसर समेत पांच आरोपियों को पकड़ा है। एसटीएफ ने आरोपियों के पास से एक बैंक का आईडी कार्ड, 25 सेट आधार कार्ड, 25 सेट मूल निवास प्रमाण पत्र, हस्ताक्षर किए ब्लैंक चेक समेत काफी सामान बरामद किया है।

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यूपीएसटीएफ ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • कोऑपरेटिव बैंक में हेराफेरी करने वाले पांच और गिरफ्तार
  • शातिरों ने आठ लोगों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किए थे 146 करोड़ रुपये
  • एसटीएफ ने लोक भवन के सेक्शन अफसर सहित पांच को किया गिरफ्तार

Cooperative Bank Fraud Case: यूपी की राजधानी लखनऊ में स्थित उप्र. कोऑपरेटिव बैंक की हजरतगंज शाखा से 146 करोड़ रुपये की हेराफेरी करने का पर्दाफाश हुआ है। यूपी एसटीएफ ने लोक भवन में तैनात सेक्शन अफसर रामराज समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। सभी आरोपी इस हेराफेरी में शामिल थे। एसएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि, पकड़े गए अन्य आरोपियों में सीतापुर के महमूदाबाद में कोऑपरेटिव बैंक का सहायक प्रबंधक कर्मवीर सिंह (निवासी आशियाना लखनऊ), रायबरेली रोड का भूपेंद्र सिंह, लखनऊ के बालागंज का आकाश कुमार श्रीवास्तव और शाहजहांपुर का ध्रुव कुमार श्रीवास्तव शामिल हैं। जांच में सामने आया है कि, इन पांचों को पूर्व बैंक प्रबंधक आरएस दुबे ने अपने गिरोह में शामिल किया था।

इस गिरोह ने हेराफेरी के लिए कई जगह पर बैठक भी की थी। एसटीएफ का कहना है कि, योजनाबद्ध तरीके से आरएस दुबे साइबर एक्सपर्ट और अन्य दो-तीन युवकों के साथ बैंक में घंटों बैठता था। जांच में यह बात भी सामने आई है कि, ये लोग बैंक में अपने लैपटॉप लगाकर कार्य करते थे।

आठ लोगों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किए 146 करोड़ रुपयेपूर्व बैंक प्रबंधक आरएस दुबे और गिरोह से जुड़े साइबर एक्सपर्ट ने बैंक के दो कर्मियों की यूजर आईडी और पासवर्ड ले लिया। इसके जरिए 146 करोड़ रुपये ठेकेदार और बिल्डर समेत आठ लोगों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किए। इस मामले में साइबर क्राइम की टीम ने आरएस दुबे, सोलर कंपनी के मालिक सुखसागर सिंह को वारदात के दो दिन बाद ही पकड़ लिया था। इसके बाद टीम ने एक साइबर हैकर सतीश को पकड़ा। तीनों से यूपी एसटीएफ ने पूछताछ की, जिसके आधार पर नई गिरफ्तारियां हुईं। एसटीएफ ने बताया कि, मास्टरमाइंड ध्रुव श्रीवास्तव ने कबूल किया है कि, वह मई 2021 में लखनऊ अपने दोस्त ज्ञानदेव पाल के साथ आया था। यहां आकाश से मुलाकात हुई थी। आकाश के माध्यम से ही ज्ञानदेव और ध्रुव एक ठेकेदार से मिले।

300 करोड़ ट्रांसफर करने की थी साजिशआकाश ने कहा कि, उसके पास एक हैकर है। यदि बैंक के किसी अफसर को सेट कर लें तो सिस्टम को रिमोट एक्सिस पर लेकर लगभग 300 करोड़ रुपये अपने फर्जी बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किए जा सकते हैं। इसके बाद से भूपेंद्र सिंह के जरिए उप्र. कोऑपरेटिव बैंक महमूदाबाद के सहायक प्रबंधक कर्मवीर से मुलाकात की। सभी के बीच डील तय हुई। इसके बाद मुंबई से एक हैकर बुलाया गया। हैकर ने डिवाइस तैयार किया, इस डिवाइस को ही कर्मवीर सिंह और ज्ञानदेव पाल बैंक के सिस्टम में बार-बार लगाते रहे। एसटीएफ ने आरोपियों के पास से एक बैंक का आईडी कार्ड, 25 सेट आधार कार्ड, 25 सेट मूल निवास प्रमाण पत्र, हस्ताक्षर किए ब्लैंक चेक, खाली स्टांप पेपर, आठ मोबाइल, सात डेविट कार्ड, एक आधार कार्ड और एक पैन कार्ड के अलावा एक मेट्रो कार्ड बरामद किया है। इसके साथ ही एक निवार्चन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, 15,390 रुपये, 25 सेट हाईस्कूकल और इंटर के प्रमाण पत्र, अंक पत्र, एक चार पहिया गाड़ी और दो बाइक बरामद की गई हैं।

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