विधानसभा में सपा को योगी ने फिर सुनाई खरी-खरी, कहा- 'जवाब सुनोगे तो याद आ जाएगा इतिहास'

UP Vidhansabha Winter Session: विधानसभा में शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन डेंगू के मुद्दे पर अखिलेश यादव को सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने करारा जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने विपक्षी विधायकों के शोर-शराबे के चुन-चुनकर सारे आरोपों पर सरकार का पक्ष रखा।

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विधान सभा में बोलते सीएम योगी। (Photo Credit: X)

UP Vidhansabha Winter Session: उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन डेंगू पर विपक्ष के सवालों का सीएम योगी ने करारा जवाब दिया। खासकर उन्होंने नेता प्रतिपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज के संबंध में जो वक्तव्य दिया गया है तो याद रखना कि ये डबल इंजन की सरकार है, ये कहती नहीं बल्कि करके भी दिखाती है। दरअसल, नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया था कि सरकारी अस्पतालों में लोगों को डेंगू का इलाज नहीं मिल रहा और लोग प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के लिए मजबूर हैं। नेता प्रतिपक्ष और सपा विधायकों के सवालों का जवाब डिप्टी सीएम और हेल्थ मिनिस्टर ब्रजेश पाठक दे रहे थे। विपक्षी विधायकों के शोर-शराबे के बीच सीएम योगी खड़े हुए और उन्होंने चुन-चुनकर सारे आरोपों का जवाब दिया।

योगी की खरी-खरी

सीएम योगी ने कहा कि विपक्ष ने डेंगू पर जैसा प्रश्न किया, वैसा ही उसका उन्हें उत्तर मिल रहा है। जब प्रश्न ही उल्टा था तो उस उल्टे प्रश्न को सही करने का प्रयास था। अभी आपने आधा ही जवाब सुना है, पूरा सुनेंगे तो संभवतः पुराना इतिहास याद आने लगेगा। सीएम योगी ने कहा कि डेंगू को लेकर सरकार पहले से ही अवेयर थी। अंतरविभागीय समन्वय से संचारी रोग नियंत्रण के लिए सरकार ने गंभीर प्रयास किया है। आपने सिर्फ डेंगू की बात की है, लेकिन जब वेक्टर बांड डिजीज की बात करते हैं तो उसमें डेंगू के साथ मलेरिया, चिकनगुनिया, कालाजार जैसी डिडीज भी आती हैं। इन सभी से संबंधित वेक्टर बांड डिजीज हों या वाटर बांड डिजीज हों, इनके उपचार के लिए सरकार के स्तर पर एक समन्वित प्रयास किया गया है। उस समन्वित प्रयास के माध्यम से ही संचारी रोग नियंत्रण के एक विशेष अभियान को वर्ष में तीन बार चलाया जाता है। पहले 15 दिन अवेयरनेस के साथ-साथ अंतरविभागीय समन्वय से स्वास्थ्य विभाग नोडल विभाग होने के नाते सभी अन्य विभागों के समन्वय से इन कार्यक्रमों को नियंत्रित करता है। इसके बाद दस्तक अभियान के माध्यम से डोर टू डोर जाकर यदि कोई भी व्यक्ति बुखार से पीड़ित है तो उसे नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में उपचार की सुविधा दिलाने की व्यवस्था करना शामिल है।

पीड़ित को देखकर दिया जाता है पैसा

सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के अंदर 10 करोड़ लोगों को आयुष्मान भारत और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत 5 लाख रुपए सालाना स्वास्थ्य बीमा का कवर भी ये सरकार उपलब्ध करा रही है। यही नहीं, मुख्यमंत्री राहत कोष से हम चेहरा देखकर पैसा नहीं देते हैं। कोई भी व्यक्ति आवेदन करता है, उसकी जाति, उसका मत और मजहब नहीं देखा जाता है। वो पीड़ित राज्य का नागरिक है, उसको प्रदेश में, देश में या दुनिया में कहीं भी स्वास्थ्य की अच्छी सुविधा मिलती है तो मुख्यमंत्री राहत कोष से भी हम पैसा देने में हम कोई कोताही नहीं करते।
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