Bada Imambara Lucknow: उड़द दाल से बने भवन की 'दीवारों के भी हैं कान', जानिए इमारत की खासियतें

Lucknow Bhool-Bhulaiya: लखनऊ के शानदार पर्यटन स्थलों में से एक बड़ा इमामबाड़ा है। यहां कि सबसे बड़ी खासियत इसकी दीवारें और ढांचा है। उड़द की दाल और कंकरीट से बनी इसकी दीवारें अनूठी हैं। बिना खंभे वाले इस बड़ा इमामबड़ा को देखने हजारों की संख्या में पर्यटक आते रहते हैं।

लखनऊ में बड़ा इमामबाड़ा घूमने-फिरने के शौकीन लोगों के लिए आकर्षण का बड़ा केंद्र है।

मुख्य बातें
दुनिया से हजारों की तादात में लोग आते हैं इसे देखनेदुनिया से हजारों की तादात में लोग आते हैं इसे देखने

Lucknow News: एक बहुत ही मशहूर कहावत कही गई है कि 'दीवारों के भी कान होते हैं।' बहुत कम लोग इस बात को जानते हैं कि अगर लखनऊ का बड़ा इमामबाड़ा न बना होता तो शायद ही ये कहावत दुनिया को पता चल पाती। नवाब आसिफ-उद-दौला ने इस भूल-भुलैया के अंदर एक खास तरह की दीवारें बनवाने का काम किया था। अगर इन दीवारों पर एक सिरे पर करीब से कुछ बोला जाए तो दूसरे सिरे पर खड़े आदमी को सारी बातें एकदम साफ सुनाई देती हैं।

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बता दें कि दुनिया भर से हजारों की तादाद में पर्यटक यहां प्रतिदिन इस अनोखे इमामबाड़े को देखने के लिए आते हैं। लखनऊ के प्रमुख पर्यटक स्थलों में एक यह भी है।

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ऐसे हुआ था निर्माण

बता दें कि ऐसा कहा जाता है कि इस इमामबाड़े के निर्माण में उड़द की दाल, बड़ियां, चावल की लुगदी, बेल का गूदा, सरेस, शीरा, बुझा हुआ चूना और लखनऊ के निकट के कंकरखेड़ा गांव के महीन कंकरों का प्रयोग किया गया था। हैरानी की बात तो ये है कि दाल से बनी इस दीवार की मजबूती सालों से लोग देख रहे हैं। इसे न दीमक लगी न ही कोई और कीड़ा। आखिर दीवार के निर्माण में उड़द दाल का उपयोग क्यों किया गया, ये राज आज भी चर्चा का विषय है। इमामबाड़े के केंद्रीय भवन में तीन बड़े कक्ष हैं। एक कक्ष चाइनीज प्लेट डिजाइन का बना है तो दूसरा पर्शियन स्टाइल में बनाया गया है और तीसरा भारतीय खरबूजा के पैटर्न पर बना है। बता दें कि हॉल की लंबाई लगभग 163 फीट और चौड़ाई 60 फीट के करीब है। इस अनोखे हॉल में कोई भी खंभा नहीं है। खंभे के बिना बने इस हॉल की छत 15 मीटर से अधिक ऊंची है। ये हॉल लकड़ी, लोहे या पत्थ के बीम के बाहरी सहारे के बिना खड़ी दुनिया की सबसे बड़ी संरचना है।

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