यूपी में 28 शहरों की सड़कें बनेंगी सेफ, रोड एक्सीडेंट में आएगी 40 फीसदी तक कमी

​​यूपी में 28 शहरों की मुख्य सड़कों के 50 हिस्सों की पहचान की गई है। जहां पर ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं होती है। इन सड़कों को सेफ बनाने की तैयारी की जा रही है। इसके तहत यहां की रोड इंजीनियरिंग की खामियों को दूर किया जाएगा। जिससे दुर्घटनाएं 40 फीसदी तक कम की जा सकेंगी।

यूपी में खतरनाक सड़कें बनेंगी सेफ (सांकेतिक फोटो)

UP Accident Prone Area: उत्तर प्रदेश में 28 शहरों की खूनी सड़कों को सेफ बनाने की तैयारी की जा रही है। ये ऐसी सड़के हैं जिनपर ज्यादा एक्सीडेंट होते हैं। इन सड़कों पर होने वाले हादसों में कमी लाने के लिए राज्य सरकार पहल कर रही है। इसके तहत 50 खतरनाक सड़कों की खामियों को दूर किया जाएगा। जिससे यहां पर होने वाले रोड एक्सीडेंट में 40 फीसदी तक कमी आएगी। इसके लिए यातायात निदेशालय ने कवायद शुरू कर दी है।

रोड इंजीनियरिंग की खामियां की जाएंगी दूर

यूपी में 28 ऐसे शहर हैं, जहां दुर्घटना बाहुल्य सड़कों की पहचान की गई है। इन शहरों की मुख्य सड़कों के 50 हिस्से ऐसे हैं, जहां पर रोड एक्सीडेंट्स ज्यादा होते हैं। जैसे लखीमपुर खीरी राजमार्ग पर डिवाइडर नहीं होने के कारण यहां वाहनों की आमने-सामने टक्कर हो जाती है। अप्रैल में ऐसे हादसों में करीब 100 लोगों की जान गई। वहीं बिजनौर से धामपुर और मेरठ तक जाने वाली सड़क पर भी डिवाइडर नही हैं। जिस कारण यहां एक्सीडेंट होते हैं साथ ही तेज धूप में भी कई हादसे हुए हैं। जिन खतरनाक सड़कों की पहचान की गई हैं। वहां की रोड इंजीनियरिंग की खामियों को दूर किया जाएगा। इससे यहां होने वाले एक्सीडेंट्स करीब 40 फीसदी तक कम किए जा सकेंगे।

दुर्घटना बाहुल्य इलाकों का रोड सेफ्टी ऑडिट

इस योजना पर एडीजी यातायात की देखरेख में काम होगा। इस प्लान को बनाने में आईआईटी रुड़की, सेव लाइफ फाउंडेशन, एस यू एल प्राइवेट लिमिटेड, वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के रोड सेफ्टी एडवाइजर अखिलेश श्रीवास्तव की मदद से दुर्घटना बाहुल्य इलाकों का रोड सेफ्टी ऑडिट कराया जा रहा है। अभी नागपुर में इस तरह से रोड एक्सीडेंट्स में 85 फीसदी तक कमी लाने में कामयाबी मिली है।

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