UP Transfer Policy: नई ट्रांसफर नीति पर योगी कैबिनेट की मुहर, ताबड़तोड़ तबादले के आसार

UP Transfer Policy : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश न्यू ट्रांसफर पॉलिसी को कैबिनेट में मंजूरी दे दी है।

Uttar Pradesh new transfer policy

न्यू ट्रांसफर नीति

UP Transfer Policy: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की कैबिनेट में तबादला नीति 2024-25 को हरी झंडी मिल गई है। लोकसभा चुनाव के बाद योगी सरकार की पहली ही बैठक में 41 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी मिल गई, जिसमें नई ट्रांसफर नीति भी शामिल है। कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रदेश में अब अफ़सर से लेकर कर्मचारियों का व्यापक तौर पर तबादला शुरू होगा।

जलशक्ति विभाग के 26 प्रस्ताव

उत्तर प्रदेश कैबिनेट में 41 प्रस्ताव पास हुए हैं, जिनमें 26 प्रस्ताव जलशक्ति विभाग के हैं। जलशक्ति विभाग की 26 परियोजनाओं को मंजूरी मिल गई है। वहीं, बुंदेलखंड से जुड़ी 26 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिनमें ललितपुर, झांसी, महोबा, मिर्जापुर, महोबा जैसे जिलों से जुड़ी परियोजनाओं शामिल हैं। इसके अलावा राज्य विश्वविद्यालय से राज्य शब्द हटाने का प्रस्ताव भी पास हुआ है। वहीं, 2 निजी विश्वविद्यालय को लेटर ऑफ इंटेंट देने के प्रस्ताव पर मुहर लगी है।

कुंभ के लिए विशेष प्रस्ताव पास

उधर, योगी सरकार ने आगामी महाकुंभ 2025 की तैयारियों के सम्बंध में प्रस्ताव पास किए हैं। प्रस्ताव के मुताबिक, 3200 हेक्टयर से बढ़ाकर 4000 हेक्टेयर में मेला लगेगा। साथ ही महाकुंभ में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने के आसार को देखते हुए घाटों की संख्या को बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा वन विभाग से कुंभ में लकड़ी के लाट लेने के लिए 99 हज़ार के सापेक्ष 79 हज़ार लाट लेने के लिए 236 करोड़ का प्रस्ताव पास किया गया है। साथ ही बिजली विभाग में लोन लेने के लिए 1000 करोड़ का लोन 9.5% की दर से हुडको से लेने के प्रस्ताव पर मुहर लगी है।

संसदीय कार्य मंत्री ने कही ये बात

कैबिनेट बैठक में पारित प्रस्तावों के विषय में जानकारी देते हुए वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि कैबिनेट ने स्थानांतरण नीति 2024-25 को मंजूरी प्रदान कर दी है। इस नीति में पिछले वर्ष की नीति के प्राविधानों का अनुसरण किया गया है। इसके तहत समूह क और ख के वो अधिकारी जिन्होंने अपने सेवाकाल में मंडल में 7 वर्ष और जनपद में 3 वर्ष पूरे कर लिए हों वो स्थानांतरण नीति के अंतर्गत आएंगे। इसके साथ ही समूह क और ख में स्थानांतरण संवर्ग वार अधिकारियों की संख्या अधिकतम 20 प्रतिशत होगी और समूह ग और घ के लिए अधिकतम सीमा 10 प्रतिशत रखी गई है। उन्होंने बताया कि समूह ग और घ के लिए जो व्यवस्था की गई है उसके अनुसार सबसे पुराने अधिकारियों का पहले स्थानांतरण किया जाएगा। यदि 10 प्रतिशत से ऊपर स्थानांतरण करना होगा तो इसके लिए मंत्री जी की अनुमति आवश्यक होगी। वहीं, यदि समूह क और ख में 20 प्रतिशत से अधिक स्थानांतरण करने की आवश्यकता होगी तो उसकी अनुमति मुख्यमंत्री जी से लेना आवश्यक होगा।

मानव संपदा के माध्यम से डिजिटाइज होगा स्थानांतरण

उन्होंने बताया कि समूह ग और घ में स्थानांतरण को पूरी तरह मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से पूर्ण किया जाएगा। मानव संपदा की जो व्यवस्था शुरू की गई है उसके अंतर्गत स्थानांतरण के बाद कार्यभार मुक्ति और ग्रहण करने की व्यवस्था ऑनलाइन ही की जा सकेगी। इससे अधिकारियों की सर्विस बुक और सैलरी को डिजिटाइज किया जा सकेगा। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि प्रदेश के 8 आकांक्षी जिलों और 34 जिलों के 100 आकांक्षी विकासखंडों के लिए पहले से जो व्यवस्था चली आ रही है, उसके अंतर्गत वहां रिक्त पड़े पदों को भरने की सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।

एक दिन पूर्व रिटायर होने वाले कर्मचारियों को मिलेगा वेतन वृद्धि का लाभ

कैबिनेट ने प्रदेश के लाखों सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी है। इसके अनुसार अब 30 जून और 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले सरकारी कर्मचारियों को एक जुलाई और एक जनवरी से प्रस्तावित वेतन वृद्धि का लाभ मिल सकेगा। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि अभी तक जो व्यवस्था थी उसके अनुसार 30 जून और 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले कर्मचारियों को एक जुलाई या एक जनवरी को प्रस्तावित वेतन वृद्धि का लाभ नहीं मिल पाता था। हालांकि अब कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दे दी है। इससे कर्मचारियों को वेतन वृद्धि का लाभ उनकी पेंशन और ग्रेचुयुटी में मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय के बाद ज्यूडिशियल कर्मचारियों को पहले ही इसका लाभ दिया जा चुका है और अब सरकारी कर्मचारी भी इससे लाभान्वित हो सकेंगे।

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Pushpendra kumar author

पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्षा-दीक्षा भी उसी परिवेश के साथ आगे बढ़ी। साल 2016 स...और देखें

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