Lucknow Airport : 3 महीने में टपकने लगा 2400 करोड़ का नया एयरपोर्ट टर्मिनल, PM मोदी ने दिखाई थी हरी झंडी

Lucknow Airport : 2400 करोड़ रुपये की लागत से बना लखनऊ एयरपोर्ट का टर्मिनल-3 निर्माण के तीन महीने बाद ही पहली मानसूनी बारिश का सामना नहीं कर पाया और टपकने लगा। इसी पीएम मोदी ने इसका उद्घाटन किया था।

Lucknow Airport Water Leaked

लखनऊ एयरपोर्ट की छत लिकेज

मुख्य बातें
  • लखनऊ एयरपोर्ट का टर्मिनल-3 लीकेज
  • 2400 करोड़ रुपये की लागत से बना है लखनऊ एयरपोर्ट का टर्मिनल-3
  • वेटिंग लॉज में यात्रियों को नहीं मिला बैठने का ठिकाना
Lucknow Airport : लखनऊ स्थित चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट का टर्मिनल-3 निर्माण के 3 महीने बाद ही पहली बारिश में टपकने लगा। दरअसल, दो दिन पहले शहर में तेज बारिश हुई थी। जब एयरपोर्ट के वेटिंग लाउंज में यात्री पहुंचे तो वहां कुर्सियों पर पानी टपक रहा था। बैठने का कहीं ठौर ठिकाना नहीं दिख रहा था। लिहाजा, किसी पैसेंजर ने उसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। एयरपोर्ट के अधिकारियों से भी इसकी शिकायत की गई, जिसके बाद एयरपोर्ट अथॉरिटी के लोगों ने इसके लिए टास्क फोर्स बना दी है। साथ ही मरम्मत का काम भी कर लिया गया है।

2400 करोड़ रुपये की लागत से बना है टर्मिनल

आपको बता दें कि 2400 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किए गए अमौसी हवाई अड्डे के टर्मिनल-3 पहली ही बारिश नहीं झेल पाया। उपर से टपकने पर घटिया निर्माण की पोल खुल गई। अमर उजाला के मुताबिक, इतनी लागत से तैयार की गई व्यवस्था के फेल होने का एक वीडियो भी सामने आया है, जिससे एयरपोर्ट प्रशासन की किरकिरी हुई। हालांकि, अब अथॉरिटी ने दावा किया है कि इसे ठीक कर लिया है।

पीएम ने किया था उद्घाटन

चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने 10 मार्च को उद्घाटन किया था और अप्रैल महीने से ही इंटरनेशनल फ्लाइट्स को इस पर शिफ्ट किया गया था। देखने में टर्मिनल बेहद भ्वय और विशाल है, लेकिन पहली मानसूनी बारिश से मुकाबला करने में अक्षम साबित हुआ। बारिश में ही टर्मिनल-3 के चेकिंग काउंटर के पास पानी टपकने लगा।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | लखनऊ (cities News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

लेटेस्ट न्यूज

Pushpendra kumar author

पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्षा-दीक्षा भी उसी परिवेश के साथ आगे बढ़ी। साल 2016 स...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited