यूपी के बजट सत्र में काली शेरवानी पहनकर विधानसभा क्यों पहुंचे अखिलेश यादव?

यूपी के बजट सत्र में अखिलेश और समाजवादी पार्टी के विधायकों ने काली शेरवानी पहनकर विरोध की एक नई लकीर खींचने की कोशिश की। जिसके बाद उत्तर प्रदेश में इस बात पर चर्चा गर्म हो गई है कि क्या यूपी में अगला लोकसभा चुनाव भगवा Vs ऑल होगा?

यूपी में योगी सरकार ने आज विधानसभा में अपना दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश किया। योगी सरकार के ये बजट 6 लाख 90 हजार 242 करोड़ 43 लाख रुपए का है। जो यूपी के इतिहास में अबतक का सबसे बड़ा बजट है। योगी सरकार के बजट और इसके चुनावी कनेक्शन पर हम आगे बात करेंगे । लेकिन उससे पहले आपको दो तस्वीरें देखिए। बजट के दौरान सीएम योगी अपने चिर-परिचत अंदाज यानी अपना भगवा चोला पहनकर पहुंचे तो दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी योगी के विरोध में काली शेरवानी में नजर आई। अखिलेश और समाजवादी पार्टी के विधायक काली शेरवानी पहनकर विधानसभा पहुंचे। एसपी नेताओं ने अखिलेश के खिलाफ एकजुटता दिखाते हुए इस बजट का विरोध जताया।

विधानसभा में इस बजट को पेश करने के बाद योगी ने इस बजट को लेकर एक बड़ी बात कही। योगी ने कहा कि ये बजट अगले 4 साल में यूपी 1 ट्रिलियन की इकॉनोमी बना देगा। तो वहीं अखिलेश ने इस बजट को लेकर ना सिर्फ यूपी के योगी सरकार बल्कि केंद्र की बीजेपी सरकार को अपने निशाने पर ले लिया। चलिए आपको सुनाते हैं कैसे बजट पर यूपी की सियासत में नई लकीर खिंची जा रही है।

यूपी के बजट सत्र में अखिलेश और समाजवादी पार्टी के विधायकों ने काली शेरवानी पहनकर विरोध की एक नई लकीर खींचने की कोशिश की। जिसके बाद यूपी में इस बात पर चर्चा गर्म हो गई है क्या यूपी में अगला लोकसभा चुनाव भगवा Vs ऑल होगा। क्या जाति जोड़ो वाले अखिलेश ने मोदी-योगी के विरोध में अपनी 2024 वाली रणनीति बना ली है। इस पर बात करें उससे पहले आप योगी सरकार के इस बजट की कुछ बड़ी बातें जान लीजिए।

योगी 2.0 का दूसरा बजट

  1. PM आवास योजना में UP नंबर 1
  2. प्रदेश में बेरोजगारी दर घटकर 4.20 % हुई
  3. 1,96,000 करोड़ का गन्ना मूल्य भुगतान
  4. यूपी में दूध, गन्ना और चीनी उत्पादन बढ़ा
  5. इन्वेस्टर्स समिट में 33.50 लाख करोड़ के MoU
  6. गोरखपुर पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेस-वे बन रहा
  7. डिफेन्स कॉरिडोर प्रोजेक्ट के लिए 550 करोड़
  8. स्टार्ट अप के सीड फंड के लिए 100 करोड़ रुपये
  9. 3 महिला PAC बटालियन का गठन किया जा रहा
  10. 70 हजार हेक्टेयर जमीन से अतिक्रमण हटा
  11. ODOP के बढ़ावे के लिए खुलेंगे यूनिटी मॉल
  12. यूनिटी मॉल के लिए 200 करोड़ रुपये का बजट
  13. एक्सप्रेस-वे के किनारे औद्योगिक गलियारा बनेगा
  14. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर 4 इंडस्ट्रियल पार्क
  15. फार्मा पार्क के लिए 25 करोड़ रुपये का फंड
  16. 6 लाख 90 हजार 242 करोड़ 43 लाख रुपये का बजट
  17. रोडवेज बस दुर्घटना में मुआवजा बढ़ाया
  18. कौशल विकास मिशन में युवाओं को ट्रेनिंग
  19. एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड में 20 करोड़ रुपये

अखिलेश योगी के इस बजट को दिशाहीन बता रहे हैं। लेकिन योगी सरकार ने जो आंकड़ा और कामकाज का ब्यौरा सदन में पेश किया है। उन आंकड़ों को देखे तो योगी का ये बजट मोदी के विजन का मूर्त रूप है। यानी मोदी जो सबका साथ... सबका विकास... सबका विश्वास और सबका प्रयास की जो बात करते हैं इस मोदी मंत्र को योगी ने यूपी में सिद्ध कर दिया है। योगी के इस बजट में ग्लोबल इनवेस्टर मिट के साथ-साथ किसान, महिला, युवा यानी समाज के हर वर्ग को फायदा मिल रहा है। और चुनावी जानकारों की माने तो योगी का ये विकास मंत्र वाला बजट 24 में गेमचेंजर साबित हो सकता है।

बीजेपी का 2024 में 400 प्लस का टारगेट

अब जरा इस बजट के चुनावी कनेक्शन को समझ लेते हैं। अगले साल देश में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। इस बार बीजेपी 2024 में 400 प्लस का टारगेट सेट किया है। इसके लिए बीजेपी पूर्व से लेकर पश्चिम और उत्तर से लेकर दक्षिण तक चुनावी चक्रव्यूह बना रही है। मोदी की अगुवाई में बीजेपी हिंदुत्व और विकास के ऐजेंडे के साथ मैदान में है। इसलिए विरोधी की मोदी-योगी की जोड़ी को घेरने के लिए जाति वाला कार्ड खेल रहे हैं। लेकिन बीजेपी को अपनी जीत का पूरा भरोसा है। और बीजेपी तो इस बार लोकसभा में क्लीन स्वीप करने का दावा कर रही है। इसके पीछे की वजह ये है कि इसके लिए आपको 2019 के लोकसभा नतीजों को एक बार समझना पड़ेगा।

2019 लोकसभा के परिणाम

2019 में बीजेपी के समीकरण के आगे विपक्षी दलों के सारे दांव पेंच फेल हो गए। भाजपा ने 78 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें से 62 सीटों पर पार्टी कमल खिलाने में कामयाब हो गई। वहीं बीजेपी की सहयोगी अपना दल एस को दो सीटों पर जीत हासिल हुई। सपा बसपा गठबंधन कोई खास करिश्मा नहीं दिखा पाया। बसपा के खाते में जहां 10 सीटें आई तो वहीं सपा को सिर्फ पांच सीटों पर जीत हासिल हुई थी। कांग्रेस को तो प्रदेश में तगड़ा झटका लगा। बीजेपी ने राहुल गांधी की पारंपरिक सीट अमेठी को भी छीन लिया और कांग्रेस महज एक रायबरेली सीट पर ही जीत दर्ज कर सकी, जहां से सोनिया गांधी ने चुनाव जीता। ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस मुकाबले में भी दिखाई नहीं दी। यानी यूपी में कांग्रेस एक हाशिये पर चली गई। लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी को 16 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। ये सीटें थीं बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, संभल, रायबरेली, घोसी, लालगंज, जौनपुर, अंबेडकर नगर, गाजीपुर, श्रावस्ती, मैनपुरी, सहारनपुर, आजमगढ़, रामपुर और नगीना।

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