लखनऊ में ओला-उबर स्ट्राइक: आखिर धरने पर क्यों बैठे हैं ड्राइवर? जानें क्या हैं उनकी डिमांड

Lucknow: लखनऊ में बीते दिन 1000 से अधिक ओला-उबर कैब ड्राइवर हड़ताल पर चले गए। ड्राइवरों ने कंपनियों द्वारा हो रहे शोषण के खिलाफ धरना दिया और किराया बढ़ाने के साथ कई मांगे लोगों के सामने रखी। आइए आपको उन मांगों के बारे में बताएं।

लखनऊ में ओला-उबर स्ट्राइक

Lucknow: भारत में कर्मचारी हमेशा से ही अपनी मांगों को लेकर धरना/हड़ताल पर बैठते आए हैं। प्रशासन या कंपनी द्वारा उनकी परेशानियों को अनसुना किए जाने के हालात में वह धरने पर उतर आते हैं। अपनी मांगों को प्रशासन के सामने रखने का यह एक तरीका है। ऐसा ही एक मामला यूपी की राजधानी लखनऊ से भी सामने आया। लखनऊ में ओला, उबर कंपनियों के कैब ड्राइवरों ने हड़ताल कर दी। इस दौरान पूरे शहर में कैब सेवा बाधित रही। इस कारण सबसे अधिक परेशानी आम जनता को झेलनी पड़ी। लोगों सुबह से शाम तक कैब बुक करते रहे लेकिन कोई कैब नहीं मिली। बता दें कि सभी कैब ड्राइवरों ने कंपनियों द्वारा हो रहे शोषण के खिलाफ चक्का जाम किया और अपनी मांगे रखी। चलिए आज आपको बताएं आखिर क्यों ओला, उबर के कैब ड्राइवर धरने पर बैठे? कंपनियों से उनकी क्या मांगे हैं।

शोषण के खिलाफ कैब ड्राइवरों का धरना

ओला और उबर ऑनलाइन कैब उपलब्ध कराने वाली सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है। हर व्यक्ति के फोन में इसकी एप्लीकेशन है। आवश्यकता पड़ने पर, लंबी दूरी तय करने के लिए या समय पर और सुविधा के साथ किसी स्थान पर पहुंचने के लिए कैब सेवा एक अच्छा यातायात साधन है। लेकिन बीते शुक्रवार को ओला-उबर के कैब ड्राइवरों ने कंपनियों के शोषण के खिलाफ आवाज उठाई और किराया बढ़ाने की मांग की।

राष्ट्रवादी ड्राइवर यूनियन शक्ति के महासचिव प्रवीण विश्वकर्मा के अनुसार, ओला, उबर, इन ड्राइवर, रैपीडो कंपनी के शोषण के खिलाफ धरना दिया। कैब ड्राइवरों ने पीजीआई कोतवाली क्षेत्र के वृंदावन योजना सेक्टर 14-15 में आवास विकास परिषद की खाली पड़ी जमीन पर अपने वाहन खड़े किए।

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