रामचरित मानस मामले में योगी आदित्यनाथ, मुंह क्यों खराब करना जब जरूरत होगी बोलेंगे

रामचरित मानस प्रकरण पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सबसे पहले तो स्थानीय स्तर पर किस तरह की शब्दावली का इस्तेमाल किया जाता है उसे समझना चाहिए। जहां तक इस मामले में स्वामी प्रसाद मौर्य ने कुछ कहा है उसक जवाब उचित समय पर जरूर देंगे।

रामचरित मानस की एक चौपाई इन दिनों सुर्खियों में हैं। बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने उस चौपाईं का उद्धरण देते हुए सनातनी व्यवस्था पर सवाल उठाया। बिहार से उठे बवाल में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य को अवसर नजर आया और उन्होंने ब्राह्मण व्यवस्था, सनातनी व्यवस्था को समाज के दबे कुचले वर्ग का दुश्मन तक बता डाला। इस बीच जब बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के चमत्कारों की चर्चा होने लगी (हालांकि बागेश्नवर धाम सरकार का कहना है कि वो चमत्कार नहीं करते) तो मौर्य के तेवर और तल्ख हुए। अब इस विषय पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी टिप्पणी की है।

'मुंह क्यों खराब करना, समय आने पर बोलेंगे'

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुंह क्यों खराब करना, जब जहां जरूरत होगी जरूर बोलेंगे। उन्होंने कहा कि सबसे पहले यह समझना होगा कि स्थानीय स्तर पर कई तरह के शब्दों का उच्चारण होता है जिसके अपने अर्थ होते हैं। सवाल यह है कि जब भाषा की समझ ना हो तो उसके बारे में क्या कहना। आदित्यनाथ ने कहा कि जब यूपी निराशा और हताशा से बाहर निकल कर कुछ नया कर रहा है तो कुछ लोगों को परेशानी हो रही है वो नहीं चाहते कि यूपी विकास के रास्ते पर आगे बढ़े। उन्होंने कहा ओबीसी समाज पहले भी हिंदू रहा है और आज भी हिंदू उसमें किसी तरह का विवाद होना ही नहीं चाहिए। सिर्फ अपने राजनीतिक फायदे के लिए इस तरह की भड़काने वाली बात की जा रही है।

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