Lucknow news: UP में बायो डीजल का होगा उत्पादन, 550 करोड़ के 12 प्रस्तावों को मिली मंजूरी
यूपीनेडा ने कम्प्रेस्ड बायोगैस और बायो डीजल के उत्पादन संयंत्रों की स्थापना के लिए 550 करोड़ रुपए के 12 प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की है। इन परियोजनाओं से 93 टन सीबीजी और 44 किलो लीटर बायो डीजल का उत्पादन प्रतिदिन करने का लक्ष्य है।
CM योगी आदित्यनाथ
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने जैव ऊर्जा को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया है। गुरुवार को यूपीनेडा की राज्य स्तरीय समिति ने कम्प्रेस्ड बायोगैस तथा बायोडीजल के उत्पादन संयंत्रों की स्थापना के लिए 550 करोड़ रुपये के 12 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इन 12 परियोजनाओं से 93 टन सीबीजी और करीब 44 किलो लीटर बायो डीजल का उत्पादन प्रतिदिन के हिसाब से होगा। राज्य सरकार की ओर से पूर्व में 13 परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है, जिनका निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। अभी तक स्वीकृत कुल 25 प्रस्तावों से 1271 करोड़ रुपये का निवेश होगा।
यूपीनेडा के अपर मुख्य सचिव ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत महेश कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय समिति की बैठक में जिन परियोजनाओं के लिए भूमि बैंक लोन, फीड स्टॉक की उपलब्धता और ऑफटेक आदि से सम्बन्धित समस्त कार्यवाहियां निवेशकों की ओर से पूर्ण कर ली गई हैं, उन्हें स्वीकृति प्रदान की गई। यूपीनेडा के निदेशक अनुपम शुक्ला ने मुताबिक, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में अब तक लगभग सात लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव यूपीनेडा को प्राप्त हुए हैं।
57 हजार करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव
उन्होंने बताया कि, लगभग 57 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति-2022 के तहत बायो ऊर्जा क्षेत्र के हैं। कम्प्रेस्ड बायोगैस, बायो डीजल और बायोकोल के प्लांटों की स्थापना के लिए 354 निवेशकों ने अपनी परियोजनाओं की स्वीकृति के लिए यूपीनेडा के समक्ष अपना प्रस्ताव प्रस्तुत किया है, जिसमें से 80 परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।
स्वीकृति 12 परियोजनाओं में कम्प्रेस्ड बायो गैस के लिए बरेली में कार्बन सर्कल प्राइवेट लिमिटेड, मेरठ में आनंद मंगल इन्फ्रा डेवलपर्स प्रा.लि., मुजफ्फरनगर में मेसर्स रिजूलेशन इण्डिया प्रा.लि., मुरादाबाद में जैविक विकल्प ऊर्जा लि., सीतापुर में ईकोतारस सस्टेनेबल सोल्यूशन प्रा. लि., मुजफ्फरनगर में बायोस्पार्क एनर्जी प्रा.लि., रायबरेली में पंचवटी फूड, सहारनपुर में बी.के. इन्वेस्टमेंट सर्विस प्रा.लि., मथुरा में अडानी टोटल एनर्जी बायोमास लि. और शामली में श्री शताक्छी बायोटेक प्रा.लि. की स्थापना होगी। बायो डीजल के लिए लखनऊ में सिसोदिया रिसर्च लेबोरेटरीज प्रा.लि. एवं मैटफ्यूजन वेल्ड प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की जाएगी.
बायोडीजल है क्या
बायोडीजल पारंपरिक या 'जीवाश्म' डीजल के स्थान पर एक वैकल्पिक ईंधन है। बायोडीजल सीधे वनस्पति तेल, पशुओं के वसा, तेल और खाना पकाने के अपशिष्ट तेल से उत्पादित किया जाता है। इन तेलों को बायोडीजेल में परिवर्तित करने के लिए प्रयुक्त प्रक्रिया को ट्रान्स-इस्टरीकरण कहा जाता है।
बायोगैस का उत्पादन
वैज्ञानिकों के मुताबिक, बायोगैस का उत्पादन एक जैव-रासायनिक प्रक्रिया से होता है, जिसके तहत कुछ विशेष प्रकार के बैक्टीरिया जैविक कचरे को उपयोगी बायोगैस में बदलते हैं। इस गैस को जैविक गैस या बायोगैस इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसका उत्पादन जैविक प्रक्रिया (बायोलॉजिकल प्रॉसेस) के जरिए होता है। यह गैस विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में खाना पकाने और प्रकाश व्यवस्था के लिए उर्जा की आपूर्ति को पूरा करती है।
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