एमपी का एक स्मारक, जहां के नाम से कांप उठते हैं लोग, जानें दर्दनाक इतिहास
खरगोन से तकरीबन 50km दूर मंडलेश्वर नामक जंगल में एक ऐसी जगह है, जहां के नाम से लोग कांप उठते हैं। ऐसा कहा जाता है कि यहां सालों पहले मौत का तांडव हुआ था। आज भी यहां जाने से लोग कतराते हैं।
खरगोन जंगल
आप सभी ने कई हॉरर फिल्में देखी होंगी, जिन्हें देखने के बाद आपके होश उड़ गए होंगे। उन दुश्यों के देखने पर आपको ऐसा लगा होगा कि यह आपके साथ हो रहा है। आपके इर्द-गिर्द कोई है। लेकिन कुछ देर बाद आपको लगा होगी अरे यह तो फिल्म थी। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में जानने के बाद आपको ये हॉरर फिल्में फिकी पड़ती नजर आएंगी। आप सोच में पड़ जाएंगे कि क्या सच में ऐसा हुआ होगा। क्या सचमें यहां पर लोगों को जानसे मारने के बाद जानवरों को उनकी लाश खिला दी गई होगी ? तो आपको बता दें कि हां, ऐसा हुआ है। संबंधित खबरें
आपको जानकर हैरानी होगी कि यह जगह भारत के एमपी में है। खरगोन से तकरीबन 50km दूरी मंडलेश्वर नामक जंगल में वह जगह है। ऐसा कहा जाता है कि यहां सालों पहले मौत का तांडव हुआ था, जिसमें एक साथ 150 लोगों को पहले फांसी दी गई और उसके बाद उनके शरीर को भूखे मगरमच्छों के आगे डाल दिया गया। इस घटना के बारे में जानकर आज भी लोगों की रुह कांप उठती है। यहां जाने के नाम से लोग कतराते हैं। लोगों का मानना है आज भी यह जगह उन घटनाओं की याद दिलाती है। संबंधित खबरें
150 क्रांतिकारियों को दी गई फांसीसंबंधित खबरें
इस जगह के बारे में बताया जाता है कि यहां पहले अंग्रेजी हुकूमत के दौरान यह जंगल निमाड़ रेज में आता था। ब्रिटिश रेजिडेंट यहां रहा करते थे। साल 1857 से लेकर 1858 के दौरान ब्रिटिश ने इस किले पर हमाल कर इसे अपने आधीन कर लिया। जिसमें निमाड़ के क्रांतिरकारी भीमा नायक सहित उनके लगभग 150 साथियों को बंदी बनाकर सभी को इसी जगह पर फांसी पर लटका दिया गया। इतना ही नहीं इसके बाद उन सभी क्रांतिकारियों के मृत शरीर को नर्मदा नदी के किनारे मगरमच्छों के आगे फेंक दिया गया।संबंधित खबरें
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आज मौजूद है वह स्मारकसंबंधित खबरें
एमपी के ऊंचे टीले पर कटिली झाड़ियों से घिरी पुरानी यहां कि स्मारक आज भी मौजूद है, जिसे निमाड़ के क्रांतिकारियों ने बनवाया था। लोग यहां जाने से डरते हैं। उस दर्दनाक हादसे से कोई रूबरू नहीं होना चाहता है। उजाड़ पड़ी यह जगह जीर्णोद्धार की उम्मीद में पड़ी है। संबंधित खबरें
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Maahi Yashodhar author
माही यशोधर Timesnowhindi.com में न्यूज डेस्क पर काम करती हैं। यहां वह फीचर, इंफ्रा, डेवलपमेंट, पॉलिट...और देखें
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