कारगिल में शहीद हुए महावीर चक्र पाने वाले मेजर राजेश अधिकारी के गांव को 25 साल बाद भी सड़क का इंतजार

साल 1999 में जब कारगिल युद्ध हुआ तो भारतीय सैनिकों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए पाकिस्तानी घुसपैठियों को भारतीय जमीन से मार भगाया। इस दौरान हमारे बहुत से वीर सैनिकों को जान भी गंवानी पड़ी। 30 मई 1999 को शहीद हुए मेजर राजेश अधिकारी को मरणोपरांत महावीर चक्र से नवाजा गया। उनके गांव तक तीन किमी सड़क की भी घोषणा हुई, जो 25 साल बाद भी नहीं बन पायी है।

1999 कारगिल युद्ध में शहीद हुए मेजर राजेश अधिकारी

फिल्म LOC:Kargil तो आपने देखी ही होगी। विपरीत परिस्थितियों में भी हमारे सैनिकों ने वीरता का अद्भुत परिचय दिया, उनके साहस की कहानी को इस फिल्म में बड़े ही जबरदस्त तरीके से दर्शाया गया है। फिल्म आपने देखी है तो आपको एक खास प्वाइंट पर लेकर जाते हैं। जब फिल्म को शुरू हुए डेढ़ घंटा हो जाता है तो 18 ग्रेनेडियर्स तोलोलिंग को पाकिस्तानी घुसपैठियों के कब्जे से छुड़ाने के लिए जाते हैं। अभी कहानी 1.35.30 पर पहुंचती है तो मेजर राजेश अधिकारी (Major Rajesh Adhikari) सैटेलाइट फोन पर अपने सीनियर से बात कर रहे होते हैं। दुश्मन की तरफ से भारी गोलीबारी और मेजर अधिकारी की टीम में भारी कैजुअल्टी के बीच उन्हें वापस आने का ऑर्डर दिया जाता है। लेकिन वह वापस लौटने से इनकार कर देते हैं और कहते हैं कि अगर उन्होंने अपनी जगह छोड़ दी तो दूसरी टीम को यहां तक पहुंचने में बहुत ज्यादा नुकसान झेलना पड़ेगा। फिर 1.36.49 पर मेजर राजेश अधिकारी को दुश्मन की गोली लग जाती है और वह शहीद हो जाते हैं। यह एक सैनिक का कमिटमेंट है, जो आपने फिल्म में देखा।

30 मई 1999 को तोलोलिंग की लड़ाई में मेजर राजेश अधिकारी ने देश की खातिर अपने प्राणों की बाजी लगा दी थी। महावीर चक्र विजेता शहीद मेजर राजेश अधिकारी कारगिल युद्ध में शहीद होने वाले दूसरे बड़े अधिकारी थे। लेकिन शहीद होने से पहले उन्होंने पाकिस्तानियों को बड़ा नुकसान पहुंचाया और उन्हें पोस्ट छोड़कर पीछे हटने पर मजबूर कर दिया था। 30 मई को उनके शहीद होने के कुछ दिन बाद ही यानी 9 जून को उनकी शादी की पहली सालगिरह थी। 9 जून 1998 को उनकी किरन नेगी से शादी हुई थी। मेजर राजेश अधिकारी को संगीत से बड़ा प्यार था, वह गिटार भी बजाते थे। उनके दोस्त उन्हें प्यार के एडी कहते थे। मेजर राजेश अधिकारी 1993 में भारतीय सेना में शामिल हुए थे। मेजर राजेश अधिकारी को देश का दूसरा सबसे बड़ा मिलिट्री सम्मान मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया। इसी के साथ उनके गांव तक सड़क पहुंचाने का वादा भी सरकार की तरफ से किया गया था।

शहीद मेजर राजेश अधिकारी को मरणोपरांत मिला महावीर चक्र। यहां सरकारी दस्तावेजों में पढ़ें उनकी बहादुरी के किस्से

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