Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि का पर्व आज, महाकाल की हुई भस्म से आरती, UP के शिवालयों में 230 कंपनी PAC तैनात

Mahashivratri 2024: देश भर में आज महाशिवरात्रि के अवसर पर विभिन्न शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ देखी जा रही है। उज्जैन महाकाल, काशी विश्वनाथ, बाराबंकी लोधेश्वर समेत सभी मंदिरों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं।

उज्जैन महाकाल

Mahashivratri 2024: आज पूरे देश में महाशिवरात्रि का पर्व धूम धाम से मनाया जा रहा है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, महाशिवरात्रि का त्योहार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दर्थी तिथि के दिन मनाया जाता है। इस दिन भक्त भोलेनाथ और मां पार्वती की विशेष उपसना करते हैं। इस शुभ अवसर उज्जैन स्थित भगवान महाकाल के मंदिर को रंग बिरंगी लाइटों से सजाया गया है। साथ ही ब्रम्हा मुहूर्त में महाकाल की भस्म से आरती की गई। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में शिव मंदिर में अपार भीड़ देखने को मिल रही है। उधर, उत्तर प्रदेश पुलिस महाशिवरात्रि पर्व को लेकर अलर्ट है। डीजीपी प्रशांत कुमार ने किसी भी प्रकार की चूक न हो इसके लिए सभी पुलिस अधिकारियों को फील्ड पर रहने को कहा है। महाशिवरात्रि पर 230 कंपनी PAC तैनात, वाराणसी स्थित बाबा काशी विश्वनाथ और बाराबंकी लोधेश्वर मंदिर में विशेष सुरक्षा की गई है।

जानकारी के मुताबिक, उज्जैन में भगवान महाकाल के पट रात 2:48 बजे खोले गए। लोग गर्भगृह में दाखिल होकर महाकाल का अभिषेक कर रहे हैं। गुरुवार रात 2.30 बजे से शनिवार रात 10.30 बजे तक मंदिर के पट खुले रहेंगे। यानी भक्त 44 घंटे बाबा महाकाल के दर्शन कर सकेंगे। इस बार दावा किया जा रहा है कि महाशिवरात्रि पर करीब 12 लाख श्रद्धालुओं के यहां पहुंचने की संभावना है।

काशी में भक्तों का लगा तांता

वहीं, वाराणसी स्थित विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए गुरुवार को ही 2 लाख श्रद्धालु पहुंच गए थे। बाबा का दरबार लगातार कुल 36 घंटे से ज्यादा समय तक खुला रहेगा। इस दौरान करीब 10 लाख भक्तों के मंदिर आने का अनुमान है। आज शिव विवाह पर काशी में बाबा विश्वनाथ की भव्य बारात निकाली जाएगी। भस्मी लपेटे शिव गण नरमुंड लिए काली, गदारी, साधु-संन्यासियों और जादूगरों की टोलियां तांडव करेंगी। इसके अलावा बाराबंकी स्थित लोधेश्वर महादेव भी बम-बम की आवाज से गूंज रहा है। यहां देश के कोने-कोने कांवड़िये पहुंचे हैं। लिहाजा, किसी प्रकार की सुरक्षा की चूक के मद्देनजर यूपी पुलिस और पीएसी मंदिरों के आसपास की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है।

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