Mahashivratri 2024: ना यूपी, ना एमपी...इस जिले में है सबसे ज्यादा ज्योतिर्लिंग, आप भी करें दर्शन
भारत के ज्योतिर्लिंग में लोगों की अटूट आस्था है। शिवभक्तों का मानना है कि महादेव इन ज्योतिर्लिंग में अलग-अलग रुपों में विराजमान हैं। अलग-अलग जगहों पर विराजमान इन 12 ज्योतिलिंगों में से 3 तीन महाराष्ट्र में स्थित हैं।
महाराष्ट्र, ज्योतिर्लिंगा
Mahashivratri 2024: भारत को धर्मों का देश माना जाता है। यहां के मठ और मंदिरों में लोगों की बड़ी आस्था है। भारत में भवगवान शिव के कुल 12 ज्योतिर्लिंग हैं। ऐसा माना जाता है कि यहां भगवान शिव स्वयं विराजमान हैं। भारत में अलग-अलग जगह महादेव के ये ज्योतिर्लिंग विराजमान हैं, जहां भारी संख्या में भक्त भगवान के दर्शन को पहुंचते हैं। आज हम जानेंगे कि इन्हीं प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों में भारत के किस जिले में सबसे ज्यादा ज्योतिर्लिंग हैं।
शिव भक्त हर साल भारी संख्या में भोलेनाथ के मंदिर और शिवालय में दर्शन करने पहुंचते हैं। इन ज्योतिलिंगा में लोगों की अटूट आस्था है। अलग-अलग जगहों पर विराजमान इन 12 ज्योतिलिंगों में से 3 तीन महाराष्ट्र में स्थित हैं।
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग (पुणे)
ऐसा माना जाता है कि भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग का नाम कुंभकर्ण के पुत्र भीमा के नाम पर पड़ा है। यहां एक भीमा नदी भी है। हर साल यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है। यह भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है, जो 12 ज्योतिर्लिंगों में 6वें स्थान पर आता है। इस मंदिर में दर्शन करने का समय सुबह 4 बजे से दोपहर 12 बजे तक है। महाशिवरात्रि और सावन में यहां भारी हजारों की सख्यां में भक्त पहुंचते हैं।
त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग (नासिक)
त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग नासिक के ब्रह्मगिरी पर्वत के पास स्थित है। यहीं से पापनाशिनी गोदावरी नदी निकलती है। इस मंदिर की खास बात है कि यह मंदिर कम खाली स्थान जैसा ज्यादा लगता है। यहां तीन खंभे बनें हैं, जो ब्रह्मा, विष्णु और महेश को समर्पित हैं। इस मंदिर में एक मुकुट भी है, जिसे त्रिदेव का मुकुट माना जाता है।त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग काले पत्थरों से बना है। कुल 12 ज्योतिर्लिंगों में यह 8वें स्थान पर आता है। यहां दर्शन करने का समय सुबह 5 बजे से लेकर 9 बजे तक है।
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग (औरंगाबाद)
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के औरंगाबाद में है। यह 12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे आखिरी स्थान पर आता है। मंदिर का नाम महादेव की एक भक्त घुष्मा के नाम पर पड़ा है। यह मंदिर पूर्वमुखी है। कहा जाता है कि यहां सूर्य देव पूजा किया करते थे। यह मंदिर अजंता और एलोरा गुफाओं के पास है। यहां दर्शन करने का समय सुबह 5 से रात के 9 बजे तक का है। मान्यता है कि यहां दर्शन करने से संतान की प्राप्ति होती है। औरंगाबाद में देखने के लिए यह एक सबसे सुंदर जगह है।
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Maahi Yashodhar author
माही यशोधर Timesnowhindi.com में न्यूज डेस्क पर काम करती हैं। यहां वह फीचर, इंफ्रा, डेवलपमेंट, पॉलिट...और देखें
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