इस शहर में भारी जल संकट, अब रोज नहीं आएगा नल से जल; जानें क्या है नगर निगम का अगला प्लान

Mangaluru Water Crisis: गर्मी के दौरान दैनिक कार्यों में पानी की खपत बढ़ जाती है। ऐसे में पानी की कमी बहुत बड़ी मुसीबत है। बेंगलुरु के बाद अब कर्नाटक के एक और शहर में जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो रही है। यहां पीने के पानी का स्रोत सूखे की मार झेल रहा है। वहीं अन्य जलाशयों में भी पानी का स्तर कम होता जा रहा है।

Mangaluru Water Crisis.

मंगलुरु जल संकट

Mangaluru Water Crisis: दिन प्रतिदिन तापमान में वृद्धि हो रही है। सर्दी की तुलना में गर्मी में पानी की खपत अधिक होती है। ऐसे में पानी की कमी किसी मुसीबत से कम नहीं है। कर्नाटक के बेंगलुरु के बाद अब मंगलुरू में भी जल संकट की स्थिति बनने लगी है। मंगलुरू में पीने के पानी के स्रोत का जलस्तर कम होने लगा है। यहां की नदी भी सूखे की मार झेल रही है। ऐसी स्थिति में हर दिन जलापूर्ति करना मुश्किल हो गया है। नगर निगम द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, घरों में जलापूर्ति करने की एक नई योजना बनाई जा रही है, ताकि लोगों को कम से कम परेशानी का सामना करना पड़े। इसके अलावा इस समस्या से निपटने के लिए अन्य कारकों पर काम किया जा रहा है।

शहर में पानी का सबसे बड़ा स्रोत झेल रहा सूखे की मार

मंगलुरू नगर निगम ने बताया कि शहर में पीने के पानी का सबसे बड़ा स्रोत नेत्रवती नदी और थुम्बे जलाशय है। निगम ने जानकारी देते हुए बताया कि दोनों का जलस्तर तेजी से घट रहा है। नेत्रावती नदी का एक बड़ा हिस्सा सूखे की मार झेल रहा है। जलसंकट की स्थिति को देखते हुए मंगलुरू नगर निगम ने बताया कि जलस्तर कम होने की स्थिति में हर दिन पानी की आपूर्ति करना संभव नहीं है। मंगलुरू में जलसंकट की स्थिति को देखते हुए दक्षिण कन्नड़ जिले के उपायुक्त मुल्लई मुहिलन की अध्यक्षता में शनिवार को मंगलुरू नगर निगम के अधिकारियों एवं अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों के बीच बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में जल संकट के दौरान जलापूर्ति किस प्रकार की जाएगी, उस पर चर्चा करते हुए कुछ अहम फैसले लिए गए हैं।

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एक दिन के अंतराल पर होगी पानी की आपूर्ति

जिले के उपायुक्त की अध्यक्षता में हुई बैठक में पानी की कमी के कारण एक दिन के अंतर पर जलापूर्ति करने के फैसला लिया गया है। इसके अलावा पानी का दुरुपयोग करने वालों को चेतावनी दी गई है। लोगों को घरेलू उपयोग के अलावा किसी भी अन्य कार्यों के लिए पानी की बर्बादी से बचने के लिए कहा है। जिला उपायुक्त मुल्लई मुहिलन ने कहा कि बगीचे में पानी डालने, वाहन धोने व फर्श धोने जैसे अन्य कार्यों के पानी का उपयोग करने वाले लोगों को दंडित किया जाएगा। पानी की कमी को ध्यान में रखते हुए केवल आवश्यक कार्यों के लिए पानी का उपयोग करने के लिए कहा गया है।

जिला आयुक्त ने बताया कि पिछले पांच सालों में ये पहली बार है, जब मंगलुरू शहर में जल संकट की स्थिति उत्पन्न हुई है। आज से पहले 2019 में जल संकट की स्थिति बनी थी। आगे उन्होंने कहा कि फिलहाल शहर के जल स्रोतों में उपलब्ध जल को लंबे समय तक उपयोग के लिए सुरक्षित रखने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। मानसून के समय पानी की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है।

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varsha kushwaha author

वर्षा कुशवाहा टाइम्स नाऊ नवभारत में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रही हैं। नवबंर 2023 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। वह इंफ्रा, डे...और देखें

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