Banke Bihari Mandir: बांके बिहारी मंदिर में होगी रंगों की वर्षा, पांच दिन के कार्यक्रम की इस दिन से होगी शुरुआत
Banke Bihari Mandir:बांके बिहारी मंदिर में होली के त्योहार की तैयारी जोरों से चल रही है। रंग गुलाल के बीच श्रद्धालु होली रसिया गायन गा रहे हैं। आइए आज आपको बताएं बांके बिहारी में मंदिर में पांच दिन का रंगीली होली कार्यक्रम कब से शुरू होगा।
बांके बिहारी मंदिर में होली कार्यक्रम
कब शुरू होगा होली कार्यक्रम
बांके बिहारी मंदिर में होली मनाने की तैयारी कर रहे श्रद्धालुओं को बता दें कि 20 मार्च से रंगभरी एकादशी के साथ होली के पांच दिन के कार्यक्रम की शुरुआत होगी। इस दौरान बांके बिहारी मंदिर 24 मार्च तक सुबह शाम रंग गुलाल से रंगा रहेगा। पांच दिन तक मंदिर में केवल रंग गुलाल की वर्षा देखी जाएगी।
रंगभरी एकादशी से होली की शुरुआत
बांके बिहारी मंदिर के अचार्य प्रहलाद बल्लभ गोस्वामी ने होली के बारे में बात करते हुए कहा कि फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी की रात्री से रंगीली होली का आयोजन बांके बिहारी मंदिर में किया जाएगा। पांच दिन तक मंदिर में रंग और गुलाल से होली खेली जाएगी। यानी की 20 मार्च से लेकर 24 मार्च तक रंगीली होली खेली जाएगी। उन्होंने आगे बताया कि पांच दिन के इस कार्यक्रम के बाद छठे दिन धुल्हंडी के डोलोत्सव का आयोजन किया जाएगा।
इस कार्यक्रम की शुरुआत के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि एकादशी पर ठाकुर बांके बिहारी जी को श्वेत पोशाक धारण कर उनका दिव्य श्रृंगार किया जाएगा, जिसके बाद ठाकुर जी मंदिर के जगमोहन में स्वर्ण सिंहासन पर विराजमान होंगे। आगे के कार्यक्रम की जानकारी देते हुए आचार्य ने बताया कि ललिता जी, विशाखा जी, चित्रा जी, रंग देवी नामक सखियों के मध्य सिंहासन पर विराजमान ठाकुरजी की भक्तों के साथ होली होगी। पांच दिन के इस कार्यक्रम के दौरान ठाकुरजी को जलेबी, चाट और ठंडाई का भोग लगाया जाएगा।
ऐसे आयोजित होगा होल कार्यक्रम
एकादशी से पांच दिन की रंगीली होली के कार्यक्रम की शुरुआत होगी। इस कार्यक्रम के दौरान मंदिर में रंगों की बरसात होगी। पांच दिन के होली कार्यक्रम में होली के गुलाल, अबीर, टेसू के फूल का रंग, चंदन, इत्र, चोवा, अरगजा, केसर, गुलाब जल, केवड़ा आदि का प्रयोग किया जाता है। माना जाता है कि होली के दौरान बांके बिहारी मंदिर में टेसू के गुनगुने रंग में भीगने से त्वचा संबंधित परेशानियां भी दूर होती है। ये भी एक कारण है कि बांके बिहारी के दर्शन के साथ गर्भगृह में बरसते हुए कृपारूपी रंगों की बूंद-बूंद के लिए श्रद्धालु लालायित रहते हैं। होली के रंगों में रंगे बांके बिहारी के मनोरम रूप को देखने और रंगली होली का आनंद लेने के लिए लाखों श्रद्धालु बांके बिहारी मंदिर की यात्रा करने की तैयारी में लगे हुए हैं।
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वर्षा कुशवाहा टाइम्स नाऊ नवभारत में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रही हैं। नवबंर 2023 से Timesnowhindi.c...और देखें
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