केदारनाथ में पूरा हुआ बचाव अभियान, क्षतिग्रस्त रास्तों को ठीक करने का काम जारी; जानें ताजा अपडेट

Uttarakhand News: एमआई-17 को केदारनाथ से वापस भेज दिया गया है, क्षतिग्रस्त रास्तों को ठीक करने का काम युद्धस्तर पर जारी है। सीएम धामी ने कहा है कि सरकार की प्राथमिकता केदारनाथ में जल्द से जल्द हालात सामान्य करने की है। फिलहाल काम तेजी से चल रहा है, देखना होगा कि हालात कब सामान्य होते हैं।

kedarnath rescue

केदारनाथ में अब कैसे हैं हालात।

Kedarnath Updates: केदारनाथ में बचाव अभियान पूरा होने के बाद वायुसेना के एमआई17 हेलीकॉप्टर को रविवार को वापस भेज दिया गया जबकि अतिवृष्टि और बादल फटने से क्षतिग्रस्त रास्तों को ठीक करने का काम युद्धस्तर पर जारी है। अधिकारियों ने यहां बताया कि केदारनाथ में स्वेच्छा से रुके 78 लोगों को एमआई17 हेलीकॉप्टर के जरिये सुबह गुप्तकाशी पहुंचाया गया जिनमें स्थानीय दुकानदार, साधु-संत, घोड़ा-खच्चर चालक आदि शामिल थे।

बादल फटने के कारण क्षतिग्रस्त हुए रास्तों

अधिकारियों ने कहा कि केदारनाथ में नीचे लाने के लिए अब कोई व्यक्ति शेष नहीं है और बचाव अभियान के पूरा होने के साथ ही एमआई-17 हेलीकॉप्टर को विदा कर दिया गया है। उनके मुताबिक, बचाव अभियान में मदद कर रहे वायु सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर को भारी मशीनों को पहुंचाने के लिए अभी रोका गया है। मौसम के ठीक होते ही केदारनाथ में बड़ी मशीनों को पहुंचाकर चिनूक को भी रवाना कर दिया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि केदारनाथ मार्ग पर 31 जुलाई को अतिवृष्टि और बादल फटने के कारण क्षतिग्रस्त रास्तों को ठीक करने का काम युद्धस्तर पर जारी है। उन्होंने बताया कि 29 विभिन्न स्थानों पर मार्ग क्षतिग्रस्त हुए थे जिनमें से 25 जगह पर इसे यात्रियों के पैदल आवागमन के योग्य बना दिया गया है।

मार्गों को भी जल्द सुचारू करने के निर्देश

अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शेष मार्गों को भी जल्द सुचारू करने के निर्देश दिए हैं, ताकि जल्द से जल्द पैदल मार्ग से भी चारधाम यात्रा शुरू की जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता केदारनाथ में जल्द से जल्द हालात सामान्य करने की है। केदारनाथ में चले बचाव और राहत अभियान के दौरान एक सप्ताह में 15 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया।
उधर, भीमबली में हेलीपैड के पास रविवार को हुए भूस्खलन से जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ है । इस स्थान पर पहले से पत्थर गिर रहे थे और एहतियातन वहां से लोगों को पहले ही हटा दिया गया था। भूस्खलन के कारण नदी के एक हिस्से में पानी एकत्र हो गया जिसे हटाने के लिए कार्रवाई की जा रही है।
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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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