Basti News: मां ने ही अपने खून का खून बहाया, ढाई महीने की बेटी का गला रेत डाला
मां को प्यार की मूरत माना जाता है, लेकिन उत्तर प्रदेश के बस्ती से एक ऐसी खबर आई है, जो इस बात को गलत साबित करती है। यहां एक मां ने अपनी ही ढाई महीने की मासूम का गला रेतकर उसकी हत्या की कोशिश की। भला हो पिता समय पर अस्पताल ले गया तो बच्ची की जान बच गई।
मां ने ही मासूम की हत्या की कोशिश की
मां का दर्जा हमारे समाज में देवी जैसा है। मां को पूजनीय बताया गया है। कहा जाता है कि मां अपने बच्चे की सलामती के लिए यमराज तक से लड़ सकती है। लेकिन हर बच्चे को ऐसी ही मां मिले यह जरूरी भी नहीं। ऐसी ही एक अभागी बच्ची की ये दास्तां है। सिर्फ ढाई माह की बच्ची का गला उसकी ही अपनी मां ने रेत दिया। जिसने भी यह खबर सुनी, वह सिहर गया। हर किसी के मन में यही प्रश्न है कि आखिर उस अबोध मासूम का क्या गुनाह रहा होगा, जिसके लिए उसकी मां ने इतना बड़ा कदम उठा लिया? आखिर बच्ची का पिता क्या कर रहा था?
भूत-प्रेत के चक्कर में उठाया कदमखबर उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले की है. जिस मां ने 9 महीने तक उस बच्ची को अपने पेट में पाला और फिर ढाई महीने तक उसे लाड़-प्यार दिया। आखिर ऐसी क्या नौबत आ गई कि उसी मां ने अपने जिगर के टुकड़े का कत्ल करने को तैयार हो गई। शर्मनाक बात तो यह है कि मां ने यह काम भूत-प्रेत और झाड़-फूंक के चक्कर में फंसकर किया। आज जब देश चांद पर पहुंच गया है और इंसान को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी हो रही है, ऐसे समय में इस तरह भूत-प्रेत के चक्कर में मां द्वारा अपने ही खून का खून करना समझ से परे है।
डॉक्टरों ने बचा ली बच्ची की जानबस्ती जिले के कप्तानगंज थाना क्षेत्र में परसपुर दुबौली गांव में रहने वाले महेंद्र की पत्नी ने अपनी ढाई महीने की बेटी का गला रेत दिया। मासूम की गला रेतने की खबर सुनकर हर कोई हैरान रह गया। सिर्फ ढाई महीने की मासूम जब दर्द से तड़पने लगी तो पिता महेंद्र आनन-फानन में उसे लेकर जिला अस्पताल के लिए भागे। गनीमत रही कि पिता अपने बेटी को समय पर अस्पताल ले गया और डॉक्टरों ने गले में टांके लगाकर किसी तरह मासूम की जान बचा ली। डॉक्टरों का कहना है कि मासूम अब खतरे से बाहर है। जिला अस्पताल के डॉक्टर बच्ची की हालत पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
बच्ची भी बीमार रहती हैबच्ची के पिता महेंद्र का कहना है कि उनकी पत्नी पर बुरी आत्मा का वास है। उन्होंने बताया कि बुरी आत्मा के साए से छुटकारा पाने के लिए तांत्रिक को भी दिखाया था। उनका कहना है कि कुछ दिन तो उनकी पत्नी को आराम भी मिला, लेकिन एक बार फिर से उनमें पुराने लक्षण दिखाई देने शुरू हो गए। उन्होंने बताया कि बुरा साया उनकी पत्नी पर हावी हो गया, जिसके कारण उन्होंने बेटी की हत्या करने की कोशिश की। महेंद्र ने बताया कि उनकी बेटी की मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं थी, वह भी पैदा होने के बाद से ही बीमार रहती है।
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