अब तिब्बत जाने की जरूरत नहीं, उत्तराखंड से होंगे कैलाश पर्वत के दर्शन, धामी सरकार ने बनाया 5 दिन का टूर पैकेज

Uttarakhand News: कैलाश पर्वत के दर्शन के लिए अब तिब्बत जाने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि प्रदेश सरकार ने उत्तराखंड के रास्ते कैलाश पर्वत दर्शन की परियोजना को जमीन पर सफलतापूर्वक उतार दिया है। नवरात्रि के पहले दिन 5 सदस्यों के पहले जत्थे ने कैलाश पर्वत के दर्शन किए।

उत्तराखंड से होंगे कैलाश पर्वत के दर्शन

Uttarakhand News: एक समय था जब कैलाश पर्वत के दर्शन के लिए चीन के कब्जे वाले तिब्बत क्षेत्र में जाने पड़ता था, लेकिन अब इसकी कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि उत्तराखंड के रास्ते कैलाश दर्शन की परियोजना को जमीन पर उतारने में प्रदेश सरकार को सफलता मिल गई है। अब श्रद्धालुओं को भगवान शिव के निवास स्थान के दर्शन करने के लिए चीन पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि अब, ये सौभाग्य सभी को आसानी से मिल सकता है। उत्तराखंड सरकार द्वारा इस सुविधा को दिए जाने के बाद कैलाश पर्वत के दर्शन के लिए 5 सदस्यों के पहला जत्था बुधवार को रवाना हुआ और नवरात्रि के पहले दिन यानी गुरुवार को कैलाश पर्वत के दर्शन किए। श्रद्धालुओं को कैलाश पर्वत के दुर्लभ दर्शन का सौभाग्य देने के लिए उत्तराखंड सरकार ने 5 दिवसीय टूर पैकेज तैयार किया है, जिसमें शिव के दो अन्य धामों के दर्शन भी प्राप्त होंगे।

कुमाऊं मंडल विकास निगम ने बनाया कैलाश पर्वत का टूर पैकेज

उत्तराखंड के रास्ते कैलाश पर्वत के दर्शन की इस योजना को केंद्र सरकार द्वारा मंजूरी मिलने के बाद धामी सरकार ने इसका सफल संचालन किया। उत्तराखंड विकास परिषद की पहल पर कुमाऊं मंडल विकास निगम ने कैलाश पर्वत समेत शिव के दो अन्य धामों को शामिल करते हुए 5 दिन का एक टूर पैकेज तैयार किया है। इस पैकेज के माध्यम से शिव भक्त कैलाश पर्वत के साथ 'आदि कैलाश' और 'ऊँ पर्वत' के भी दर्शन कर सकेंगे। इस पैकेज के तहत बुधवार को 5 सदस्यों के एक ग्रुप रवाना हुआ। नवरात्रि के पहले दिन शिव के निवास स्थान कैलाश पर्वत के दर्शन करने के बाद आज जौलिकांग से आदि कैलाश के दर्शन करेंगे। गूंजी में रात रुकने के बाद 5 अक्टूबर को इन्हें हेलीकॉप्टर के माध्यम से वापस पिथौरागढ़ लाया जाएगा।

पिथौरागढ़ से होंगे माउंट कैलाश के दर्शन

जानकारी के लिए बता दें कि कैलाश पर्वत दर्शन के टूर पैकेज के लिए पिथौरागढ़ जिले में स्थित ओल्ड लिपुलेख पर यात्रा के सारे इंतजाम किए गए हैं। पिथौरागढ़ के नैनी-सैनी एयरपोर्ट से हेलीकॉप्टर की मदद से गुंजी पहुंचाया जाएगा। गुंजी से गाड़ियों की मदद से ओल्ड लिपुलेख की तलहटी तक यात्री जाएंगे। उसके बाद करीब 3 किमी की खड़ी चढ़ाई के बाद वह स्थान आएगा, जहां से श्रद्धालु कैलाश पर्वत के दर्शन कर पाएंगे।

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