MP News: सागर और रीवा हादसे के बाद खुली प्रशासन की आंख, जर्जर इमारतों पर नजर, जनता से सहयोग की उम्मीद

मध्य प्रदेश के रीवा और सागर में दीवार और मकान गिरने की घटना के बाद से प्रशासन अलर्ट मोड पर है। सरकार ने सभी जिला अधिकारियों को जर्जर इमारतों के सर्वे करने के निर्देश दिए हैं।

सागर और रीवा हादसे के बाद खुली प्रशासन की आंख

MP News: मध्य प्रदेश के रीवा में दीवार गिरने से हुए हादसों के बाद सरकार और प्रशासन अलर्ट मोड पर है। प्रशासन की नजर अब एमपी की जर्जर इमारतों पर है। पिछले दिनों जर्जर इमारतें दो बड़े हादसों की वजह बनीं। एक हादसा रीवा में हुआ तो दूसरा हादसा सागर जिले से सामने आया। इन दोनों हादसों में जर्जर इमारतों के ढहने से 13 बच्चों की जान गई है। इन दोनों हादसों के बाद से ही प्रशासन ने जर्जर इमारतों की खोज शुरू कर दी। बता दें कि प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले दिनों में भी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। इस दौरान जर्जर इमारतों के गिरने की संभावना भी बढ़ जाती है। इस प्रकार के हादसे न हो इसलिए सरकार ने जिला अधिकारियों को जर्जर इमारतों के सर्वे के निर्देश दिए हैं।

दो बड़े हादसों के बाद जागा प्रशासन

मध्य प्रदेश में दो दिन पहले रीवा में एक जर्जर दीवार के गिरने से 4 मासूम बच्चों की मौत हो गई। इसी प्रकार के एक मामला सागर से भी सामने आया था, जहां शाहपुर में एक जर्जर मकान के गिरने से 9 बच्चों की मौत हो गई। इन दोनों बड़े हादसों में बच्चों की मौत के बाद प्रशासन प्रदेश में जर्जर इमारतों को खोजा जा रहा है। इतना ही नहीं प्रशासन ने आम जनता से भी सहायता मांगी है और उनसे आसपास स्थित जर्जर इमारतों की जानकारी मुहैया करने का अनुरोध किया है।

सरकार ने सर्वे के दिए निर्देश

इन हादसों के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने सभी जिला अधिकारियों को जर्जर इमारतों के सर्वे के निर्देश दिए। बताया जा रहा है कि भोपाल में बड़ी संख्या में ऐसी इमारत हैं, जिनकी हालत जर्जर हो गई है। इतना ही नहीं इस तरह की इमारतों में स्कूल चल रहे हैं। प्रशासन ने बताया कि करीब 42 स्कूलों की इमारतों की हालत एकदम खस्ता हो गई है। इसमें 4 ऐसी इमारत हैं जो कभी भी एक बड़े हादसे का कारण बन सकती है। इन इमारतों की जानकारी मिलते कई इन्हें सील करने की कार्रवाई की जा रही है।

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