Chhath Puja in Mumbai: BMC ने जुहू समेत अन्य घाटों पर की बड़ी तैयारी, छठ के लिए बनाए गए विशालकाय मंच

Chhath Puja 2023 - मुंबई में छठ पूजा समारोह के लिए बीएमसी ने जूहू, गिरगांव चौपाटी, अक्सा समुद्र तट, गोराई समुद्र तट, पवई, सायन तालाब और मुलुंड में तैयारी की है। जुहू चौपाटी जैसे स्‍थानों में अधिक भीड़ होने की आशंका को देखते हुए खास इंतजाम किए गए हैं।

फाइल फोटो

मुंबई: माया नगरी की मशहूर जुहू बीच समेत अन्य घाटों पर छठ पूजा की तैयारियां की जा रही हैं। यहां पर कई मंचों का निर्माण किया जा रहा है। छठ पूजा की रौनक जुहू बीच पर नजर आती है और यहां पर कई बड़े कार्यक्रम होते हैं। बीएमसी की ओर से जुहू बीच पर व्यापक पैमाने पर व्यवस्थाएं की गई हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। वहीं, छठ को लेकर रेलवे स्‍टेशनों पर लगातार भीड़ दिख रही है, लेकिन जो लोग यह त्‍योहार मनाने के लिए अपने घर बिहार-यूपी या अन्य राज्य नहीं जा पाएं हैं, उनके लिए बीएमसी ने पुख्ता तैयारियां की हैं। जुहू चौपाटी जैसे स्‍थानों में अधिक भीड़ होने की आशंका को देखते हुए खास इंतजाम किए गए हैं। सुरक्षा के लिहाज से भारी पुलिस बल तैनात रहेगा।

खरना आज

इस साल 17 नवंबर से छठ लोक पर्व शुरू हो चुका है। आज दूसरे दिन खरना मनाया जा रहा है। पंडित ज्ञानी इसे सूर्य षष्ठी का नाम और परिभाषा देते रहे हैं, लेकिन बिहार और बिहार से सटे उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्से में इस पर्व को छठी मइया के नाम से ही मनाया जाता है। इससे जुड़ी कहानियां छठ के गीतों में ही कहीं न कहीं सुनी जाती हैं। खासकर, हिंदीभाषी क्षेत्र के एक महत्वपूर्ण हिस्से के इस पर्व की कहानी सीताजी से जोड़ कर बताई जाती है। कहा जाता है कि भगवान श्रीराम के लंका विजय के बाद जब हर्ष में प्रजा ने दिवाली मना ली तो सीता माता ने छठी मैया की पूजा की और कृतज्ञता जताई थी। लिहाजा, उसी दौरान से इस पर्व की परंपरा बताई जाती है। आज देशभर में उत्तर भारतीय लोग इसे मनाते हैं।

सूर्य को अर्घ्य

इस पर्व का समापन सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ही होता है। सामुदायिक रूप से कुंड, तालाब या नदी में नहा कर समूह में मंगलगीत गाते हुए महिलाएं सूर्य को फलों की भेंट चढ़ाते हुए दूध और गंगा-जल का अर्घ्य देती हैं। खास बात ये है कि यही वो पूजा है, जिसमें डूबते सूर्य की आराधना की जाती है। बाकी सभी जगहों पर उगते हुए सूर्य को ही अर्घ्य देने की रीति है।
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