यह लाचारी क्यों?...यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है...अवैध रेहड़ी-पटरी वालों को लेकर बंबई हाई कोर्ट ने शिंदे सरकार को फटकारा

बंबई उच्च न्यायालय ने अवैध रेहड़ी-पटरी वालों को लेकर महाराष्ट्र सरकार को फटकार लगाई है। खंडपीठ ने कहा कि राज्य के अधिकारी 10 साल पहले लागू किए गए ‘स्ट्रीट वेंडर्स’ अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने में विफल रहे हैं, जबकि नागरिकों को महानगर में सार्वजनिक सड़कों पर अनधिकृत रेहड़ी-फटरीवालों के खतरे का सामना करना पड़ रहा है।

बंबई उच्च न्यायालय

मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र सरकार को अनधिकृत रेहड़ी-पटरी वालों के खिलाफ अधिनियम के प्रावधानों को पूरी तरह से लागू करने में विफल रहने और इसके बजाय बृह्नमुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के साथ आरोप-प्रत्यारोप में उलझने के लिए फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि इससे आम नागरिक लगातार परेशान हो रहे हैं।उच्च न्यायालय ने समय-समय पर पारित अपने आदेशों के क्रियान्वयन न होने पर निराशा व्यक्त करते हुए चेतावनी दी कि यदि उसे मजबूर किया गया तो वह अवमानना के प्रावधानों का इस्तेमाल करने से भी पीछे नहीं हटेगा।

स्ट्रीट वेंडर्स अधिनियम लागू करने में सरकार विफल

न्यायमूर्ति एम.एस.सोनक और न्यायमूर्ति कमल खाता की खंडपीठ ने कहा कि राज्य के अधिकारी 10 साल पहले लागू किए गए ‘स्ट्रीट वेंडर्स’ अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने में विफल रहे हैं जबकि नागरिकों को महानगर में सार्वजनिक सड़कों पर अनधिकृत रेहड़ी-फटरीवालों के खतरे का सामना करना पड़ रहा है।पीठ ने कहा कि यह ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद’’ है कि सरकार ने 2014 में संसद से पारित अधिनियम को लागू नहीं किया, बल्कि असहयोग को लेकर बीएमसी के साथ आरोप-प्रत्यारोप में उलझी हुई है। अदालत ने कहा, ‘‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और दुःखद है कि न तो कानून का क्रियान्वयन किया जा रहा है और न ही समय-समय पर पारित हमारे आदेशों का पालन किया जा रहा।
अदालत ने सवाल किया, ‘‘यह लाचारी क्यों? राज्य सरकार कहती है कि बीएमसी मदद नहीं कर रही है... बीएमसी किसी और को दोषी ठहराएगी। हर कोई पीड़ित है... हमें जवाब दें कि जब तक आपकी योजना लागू नहीं होती, तब तक आप आम आदमी की समस्या को कैसे कम करेंगे।
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