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मुंबई में फर्जी IB अधिकारी बनकर ज्वैलरी दुकान में घुसे चार ठग, 11.50 लाख रुपये की उगाही कर फरार, पुलिस ने किया गिरफ्तार

Mumbai Crime: मुंबई पुलिस ने एक ज्वैलर के साथ 11.50 लाख रुपये की ठगी करने वाले 4 ठगों को गिरफ्तार किया गया है। इन बदमाशों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने कई टीम बनाई थी।

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मुंबई न्यूज

Mumbai Crime: मुंबई पुलिस ने चार ठगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने खुद को इंटेलिजेंस ब्यूरो का अधिकारी बताकर भुलेश्वर मार्केट के एक ज्वैलर से 11.50 लाख रुपये ठग लिए। यह घटना मुंबई के वीपी रोड इलाके में हुई और पुलिस ने 24 घंटे के अंदर ही आरोपियों को धर दबोचा। गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान पवन सुधाकर चौधरी (33), श्रीजीत गायकवाड़ (32), सूर्यकांत शिवाजी शिंदे (32) और किसान धोंडीबा शेलार (53) के रूप में हुई है।

ज्वैलरी दुकान में घुसकर कराया फोन बंद

वीपी रोड पुलिस के मुताबिक, चार अज्ञात लोग भुलेश्वर की एक ज्वैलरी दुकान में घुसे और खुद को आईबी अधिकारी बताया। दुकान में पहुंचते ही उन्होंने कर्मचारियों को मोबाइल फोन बंद करने और बाहर न जाने का आदेश दिया। जालसाजों ने दुकान मालिक पर अवैध नकदी लेनदेन का आरोप लगाया और कहा कि यह गंभीर अपराध है। उन्होंने कानूनी कार्रवाई से बचाने के बदले 25 लाख रुपये की मांग की। जब ज्वैलर ने पूरी रकम देने में असमर्थता जताई, तो उसे धमकाया गया। डर के मारे उसने 11.50 लाख रुपये दे दिए। पैसे लेने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए और कहा कि वे अपने सीनियर अधिकारियों को पैसे देने जा रहे हैं। जब वे वापस नहीं लौटे, तो ज्वैलर को ठगी का एहसास हुआ और उसने वीपी रोड पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की।

अपराधिक रिकॉर्ड खंगाल रही पुलिस

पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और भारतीय न्याय सहिता (बीएनएस) की धारा 308(3), 332(सी), 333, 204 और 3(5) के तहत मामला दर्ज किया। जांच के लिए विशेष टीमें बनाई गईं। पुलिस ने दुकान के सीसीटीवी फुटेज हासिल किए, जिसमें चारों आरोपियों के चेहरे साफ दिख रहे थे। आसपास के इलाकों के सीसीटीवी और गुप्त सूचनाओं की मदद से पुलिस ने चारों को मुंबई के अलग-अलग हिस्सों से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अब यह पता लगा रही है कि क्या ये आरोपी पहले भी ऐसी ठगी की वारदातों में शामिल थे। उनके आपराधिक रिकॉर्ड की जांच की जा रही है और यह भी देखा जा रहा है कि क्या उन्होंने इसी तरह के तरीके से अन्य लोगों को निशाना बनाया है। गिरफ्तार आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया।

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