महाराष्ट्र में रिकॉर्डतोड़ गर्मी : हीटस्ट्रोक के 475 संदिग्ध मामले सामने आए, डॉक्टर ने बताए बचने के रामबाण उपाय
Heat Wave in Maharashtra : पुणे में तापमान 40 डिग्री के करीब पहुंच गया है। शिवाजीनगर वेधशाला में अधिकतम तापमान 38.4 डिग्री तक पहुंच गया है। गहन देखभाल इकाई (आईसीयू) शहर में किसी भी पुष्ट या संदिग्ध हीटस्ट्रोक के मामलों की सूक्ष्मता से जांच भी करेगी।
महाराष्ट्र में हीटस्ट्रोक कई मामले सामने आए हैं। (सांकेतिक चित्र)
महाराष्ट्र में गर्मी का ये है हाल
पुणे शहर में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया है। शहर के शिवाजीनगर वेधशाला में अधिकतम तापमान 38.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। गहन देखभाल इकाई (आईसीयू) शहर में किसी भी पुष्ट या संदिग्ध हीटस्ट्रोक के मामलों की सूक्ष्मता से जांच भी करेगी। विशेषज्ञों की मानें तो भारत में हीटस्ट्रोक के कारण होने वाली मौतें असामान्य नहीं हैं। लगभग हर साल अप्रैल से शुरू होने वाले अस्पतालों के आपातकालीन विभागों में हीटस्ट्रोक के मामले सामने आते हैं। इस साल भी कई राज्यों और शहरों के अस्पतालों में पहले से ही मरीजों की संख्या बढ़ रही है। महाराष्ट्र में अप्रैल की शुरुआत से ही तापमान में बढ़ोतरी देखी जा रही है, जहां 10 जिलों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है।
लू से हुई थीं 14 मौतें
डिहाइड्रेशन के तेजी बढ़ रहे मामले और उनके खतरों को इसी बात से समझा जा सकता है कि विगत रविवार को महज लू 14 लोगों की मौत हो गई थी। वी मुंबई नगर निगम (NMMC) ने अत्यधिक गर्मी से निपटने के लिए एक एडवायजरी जारी की। नेरुल में सिविक द्वारा संचालित मासाहेब मीनाताई ठाकरे अस्पताल में हीटस्ट्रोक के रोगियों के लिए एक विशेष उपचार विंग भी शुरू किया गया है।
हीटस्ट्रोक से इनका बढ़ता है खतरा
डॉ. विवेक भार्गव ने हीटस्ट्रोक के बारे में कहा है कि गर्मी में अत्यधिक गर्मी के कारण शरीर का तापमान बढ़ जाता है। जिसमें दिल की धड़कन तेज होना, चक्कर आना, शरीर के सभी अंगों के काम करने की गति धीमी हो जाती है। इसका गहरा असर दिमाग पर भी पड़ता है। दिमाग, लिवर, आंतें, जिससे मल्टी ऑर्गन फेल होने का खतरा रहता है। आमतौर पर हमारे शरीर का आंतरिक तापमान 97° से 99° डिग्री फारेनहाइट होता है, लेकिन हीटस्ट्रोक के मामलों में यह 104°F से ऊपर चला जाता है, जो कई बार जोखिम भरा हो जाता है। हीट स्ट्रोक होने के क्लासिक लक्षणों में शरीर का उच्च तापमान, गर्म और शुष्क त्वचा, तेज़ दिल की धड़कन, सिरदर्द, चक्कर आना, मतली, भ्रम और बेहोशी शामिल हैं। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को तुरंत डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए।
इन बातों का रखें ध्यान
वरिष्ठ सलाहकार डॉ भार्गव का कहना है कि हीटस्ट्राक और गर्मी से बचने के लिए लोगों को धूप के सीधे संपर्क से बचना चाहिए। अपने पूरे शरीर को ढकना चाहिए, डिहाइड्रेशन और बेहोशी न हो इसके लिए अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए।
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Shivani Mishra author
Covering stories of public interest in crime and politics now. Entertainment enthusiast over five ye...और देखें
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