शरद पवार और I.N.D.I.A. का जालना हिंसा से है कोई कनेक्‍शन ? पढ़ें क्‍या है पूरा मामला

मराठा समुदाय ने संपूर्ण महाराष्‍ट्र में गर्वमेंट जॉब्‍स और शिक्षा के क्षेत्र में स्‍टूडेंट्स के लिए आरक्षण देने का मुद्दा पुरजोर तरह से उठाया है। हालांकि मराठा आरक्षण की ये चिंगारी काफी समय से सुलग रही थी इसने विकराल रूप ले लिया है।


I.N.D.I.A. गठबंधन की बैठक।

मराठा आरक्षण के कहीं न कहीं तार विपक्ष से जुड़ते नजर आ रहे हैं। एक तरफ मुख्‍यमंत्री एकनाथ शिंदे इस कोशिश में हैं कि हिंसा पर विराम लग सके तो वहीं, दूसरी ओर विपक्ष इसे चुनावी और विवादति मुद्दा बनाना चाह रहा है। इस पूरे मामले में सबसे ज्‍यादा चौंकाने वाला रुख डिप्टी सीएम अजीत पवार का है जिन्‍होंने सीएम से अलग ही स्टैंड लिया है। राजन‍ीतिक मामलों के जानकारों का कहना है कि, 'इसमें एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार का भी बड़ा रोल लग रहा है। चुनाव नजदीक हैं ऐसे में विपक्ष चाहता है कि किसी भी तरह मराठाओं का समर्थन हासिल किया जाए जो कि अभी सीएम एकनाथ शिंदे के पास है। पवार फैक्टर और कांग्रेस का नाम आने से इस हिंसा के तार इंडिया बैठक से भी जुड़ते दिख रहे हैं, क्योंकि जिस दिन ये घटना हुई उसी दिन INDIA की हाई लेवल मीटिंग हुई जो कि एक बड़ा संजोग है।' हालांकि स्‍थानीय लोगों का मानना है कि, दंगों के पीछे कांग्रेस के स्थानीय नेताओं का हाथ है।

क्‍या है पूरा मामला

मराठा समुदाय ने संपूर्ण महाराष्‍ट्र में गर्वमेंट जॉब्‍स और शिक्षा के क्षेत्र में स्‍टूडेंट्स के लिए आरक्षण देने का मुद्दा पुरजोर तरह से उठाया है। हालांकि मराठा आरक्षण की ये चिंगारी काफी समय से सुलग रही थी और अब राजनीतिक क्षेत्र में इसने विकराल रूप ले लिया है। गौरतलब है कि, देवेंद्र फडणवीस ने सीएम पद पर रहते हुए Socially and Educationally Backward Classes Act 2018 के तहत मराठा समुदाय को कोटा देने का निर्णय लिया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने टिप्‍पणी करते हुए इसे संविधान के 102वें संशोधन के भी खिलाफ बताया था और कहा था कि, इससे आरक्षण 50 फीसदी की तय सीमा से ज्यादा हो रहा है।

जालना में क्‍या हुआ

मराठा आरक्षण लागू करने की मांग पर अड़े लोगों ने भूख हड़ताल का फैसला लिया था। जालना के अंतरावली-सरावती गांव में मनोज जारांगे के नेतृत्‍व में 29 अगस्त से भूख हड़ताल शुरू की गई। इस दौरान तबियत बिगड़ गई और जब पुलिस उन्‍हें हॉस्पिटल ले जाने की कोशिश की तो भीड़ ने उन पर हमला कर दिया। तब पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागने पड़े। वहीं, पुलिस पर पथराव की भी खबरें सामने आईं। हालांकि तोड़फोड़ और आगजनी पर पुलिस ने 300 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया।

End of Article
टाइम्स नाउ नवभारत author

अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना च...और देखें

Follow Us:
End Of Feed