बिहार जाते वक्त रास्ते से गायब हुआ था युवक, परिवार ने कर दिया था क्रिया-कर्म; अब नौ महीने बाद पहुंचा घर

पिछले साल एक युवक बिहार जाते वक्त लापता हो गया था। उसके परिवार ने उसे मरा हुआ मानकर उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया। अब कल्याण आरपीएफ ने उसे उसके परिवार से मिलाया है।

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सांकेतिक फोटो।

आपने एक कहावत तो जरूर सुनी होगी कि मुद्दई लाख बुरा चाहे तो क्या होता है, वही होता है जो मंजूरे खुदा होता है। कुछ ऐसा ही मामला मुंबई से सामने आया है, जहां एक युवक नौ महीने बाद अपने परिवार से मिला है। वह मानसिक रूप से कमजोर बताया जा रहा है और नौ महीने पहले अपने घर बिहार के लिए निकला था, लेकिन भटकर कहीं और पहुंच गया था, जो अब दोबारा अपने परिवार से मिल सका है।

मानसिक रूप से कमजोर है युवक

दरअसल, रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने बिहार के रहने वाले 20-वर्षीय दिमागी रूप से कमजोर युवक को उसके परिवार से मिलाया। रेलवे अधिकारी के मुताबिक, युवक का परिवार उसे मरा मान चुका था और इतना ही नहीं उन्होंने उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया था। अधिकारी ने बताया कि अर्जुन कुमार पिछले वर्ष अगस्त से लापता था। वह हिमाचल प्रदेश से बिहार में अपने गृहनगर जाने के लिए निकला था। उसके माता-पिता हिमाचल में काम करते थे।

भीख मांगते हुए मिला युवक

आरपीएफ ने युवक को मुंबई के पास ठाणे जिले के कल्याण रेलवे स्टेशन के पास भीख मांगते हुए पाया। आरपीएफ मुंबई के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त ऋषि कुमार शुक्ला को कल्याण रेलवे स्टेशन के आसपास घूम रहे युवक के बारे में संदेश मिला और उन्होंने अधिकारियों से उसे ढूंढने के लिए कहा।

सोशल मीडिया का लिया सहारा

आरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि हमने युवक को ढूंढ लिया, लेकिन उसने अपने गृहनगर और परिवार के बारे में किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया। उसने केवल अपना नाम अर्जुन कुमार बताया और उसे नहीं पता कि वह कल्याण कैसे पहुंचा। इसके बाद आरपीएफ कल्याण ने पटना के कई थानों से संपर्क किया और जानकारी हासिल करने के लिए सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल किया।

नौ महीने बाद पहुंचा घर

राकेश कुमार ने बताया कि बिहार के दुल्हन बाजार थाने से अर्जुन की पहचान हुई और उसके परिवार के पते की पुष्टि करने वाली सूचना मिली। इसके बाद पुलिस ने उसके पिता गनहोरी दास से संपर्क किया, जो हिमाचल प्रदेश के बद्दी में सुरक्षा गार्ड के तौर पर काम करते हैं। उन्होंने बताया कि गुरुवार को अर्जुन आखिरकार अपने परिवार से मिला।

इनपुटः भाषा

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Devshanker Chovdhary author

देवशंकर चौधरी मार्च 2024 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं और बतौर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। टाइम्स नाउ सिटी टीम में वह इंफ्रा...और देखें

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