महाराष्ट्र में पावर के लिए महाभारत: मोदी कैबिनेट में जाएंगे पवार? BJP के 'प्रस्ताव' पर बोले- मैं तो...
Maharashtra Politics: इस बीच, शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने दावा किया कि शरद जीते जी भाजपा से हाथ न मिलाएंगे। वह एनसीपी का पुनर्निर्माण कर रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या अजित ने बैठक के दौरान शरद को कोई पेशकश की? राउत बोले, “अजित इतने बड़े कब हो गए कि शरद को ऑफर दें।”
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की पॉलिटिक्स में प्रेशर के बीच पावर के लिए फिलहाल महाभारत जारी है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा/एनसपी) के अध्यक्ष शरद पवार और भतीजे अजीत पवार में "गुप्त" बैठक को लेकर सूबे के विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (एमवीए) में तनाव के बीच उन्होंने ने उन दावों को सिरे से खारिज किया है कि उन्हें 26 दलों के विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A को छोड़ने और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ गठबंधन करने के बदले में केंद्रीय मंत्री पद की पेशकश की गई।
कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर पवार ने बताया, "मुझे नहीं पता कि पूर्व सीएम ने क्या कहा। ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई। मैं उस बैठक से इन्कार नहीं कर रहा हूं, पर परिवार के मुखिया के रूप में मैं सभी सदस्यों से बात करता हूं। ये सिर्फ अफवाहें हैं लेकिन इनमें से किसी भी बात में कोई वास्तविकता नहीं है। मैं पार्टी का सबसे वरिष्ठ व्यक्ति हूं, मुझे कौन प्रस्ताव देगा?''
चाचा-भतीजे की सीक्रेट मीटिंग पर बोलीं सुले?इस बीच, बारामती से लोकसभा सदस्य, राकांपा नेत्री और पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि पिछले हफ्ते पुणे के उद्योगपति अतुल चोरडिया के घर पर शरद और अजित के बीच क्या बातचीत थी। वह बैठक में मौजूद नहीं थीं और उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि वहां क्या हुआ था। बकौल सुले, ‘‘दादा (अजित) के जन्म से पहले भी पवार और चोरडिया परिवारों के बीच अच्छा संबंध था क्योंकि (अतुल) चोरडिया के पिता और पवार साहब कॉलेज में एक साथ थे। इसलिए, अगर दोनों परिवार मिलते हैं तो इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं है।’’
BJP के 'ऑफर' पर क्या आई टिप्पणी?भाजपा से ‘प्रस्ताव’ मिलने के दावे से जुड़ी खबरों के बारे में पूछे जाने पर सुले ने कहा कि उन्हें किसी से कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। आगे अजित के रुख के बारे में सुले ने कहा कि मतभेद होते रहते हैं। इसे स्वस्थ लोकतंत्र के संकेत के रूप में देखा जाना चाहिए। शरद की बहन सरोज पाटिल दिवंगत कॉमरेड डॉ. एन डी पाटिल की पत्नी हैं, लेकिन (शरद) पवार और पाटिल कई मौकों पर एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हुए। उन्होंने कहा, ‘‘इसका मतलब यह नहीं कि बुआ का हमारे प्रति प्यार कम हो गया है। हमारे परिवार में, निजी संबंध एक तरफ हैं और राजनीतिक विचार दूसरी तरफ है।’’
'मोदी ने मणिपुर दौरा करना तक जरूरी न समझा'पवार अपनी पीसी से पहले बीड में मीडिय से बोले, ‘‘मोदी सरकार मणिपुर पर मूकदर्शक बनी है। पूर्वोत्तर क्षेत्र महत्वपूर्ण और संवेदनशील है। चीन की सीमा से लगे इलाकों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। वहां जो कुछ हुआ और कराया गया, वह देश के लिए बेहद खतरनाक है। मणिपुर इसका उदाहरण है। मोदी को पूर्वोत्तर जाकर लोगों को आश्वस्त करना चाहिए, पर उन्होंने इसे जरूरी नहीं समझा। फिर भी उन्होंने मप्र में चुनावी सभाओं को संबोधित करने को प्राथमिकता दी।’’
"गुप्त भेंट" से चिंता में चली गई कांग्रेस!दरअसल, कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने एक रोज पहले 15 अगस्त, 2023 को कहा था कि यह उनकी पार्टी के लिए चिंता की बात है कि शरद और अजित ‘‘गुप्त रूप से’’ मुलाकात कर रहे हैं। चूंकि, शरद शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और राकांपा के महाविकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन का हिस्सा हैं, जबकि अजित पिछले महीने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना-भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) नीत सरकार में शामिल हो गए थे।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | मुंबई (cities News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
End of Article
अभिषेक गुप्ता author
छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ...और देखें
End Of Feed
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited