लोनार झील को मिलेगा ‘यूनेस्को टैग'! होगी भारत की 41वीं यूनेस्को विश्व धरोहर

लोनार झील को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को एक प्रस्ताव प्रस्तुत करने की योजना बना रही है।

लोनार झील

मुंबई: महाराष्ट्र सरकार बुलढाणा जिले में स्थित प्रसिद्ध लोनार झील को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को एक प्रस्ताव प्रस्तुत करने की योजना बना रही है। अधिकारियों ने बताया कि इस स्थल को पर्यटन और अनुसंधान के लिए वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित करने तथा इसका संरक्षण किए जाने के मकसद से यह कदम उठाया जा रहा है। अमरावती संभागीय आयुक्त निधि पांडे ने हाल ही में प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए लोनार में विभिन्न विभागों के अधिकारियों से मुलाकात की थी।

उल्कापिंड के प्रभाव से बनी थी लोनार

पांडे ने बताया कि यह प्रस्ताव जल्द ही प्रस्तुत किया जाएगा। लढाणा जिलाधिकारी किरण पाटिल ने कहा कि हम प्रस्ताव को पूरा करने के बाद प्रस्तुत करेंगे। अन्य यूनेस्को स्थलों के विपरीत लोनार झील कई श्रेणियों का एक अनूठा मिश्रण पेश करती है। यह भौगोलिक और वैज्ञानिक चमत्कारों में से एक है, जो उल्कापिंड के प्रभाव से बना है।

अधिकारी ने बताया कि मुंबई से लगभग 460 किलोमीटर दूर लोनार झील में कई मंदिर हैं, जिसमें कुछ 1,200 साल पुराने मंदिर भी शामिल हैं। यूनेस्को ‘टैग’ 113 हेक्टेयर में फैली इस झील के ‘उत्कृष्ट सार्वभौमिक मूल्य’ होने के बारे में जानकारी सुनिश्चित करेगा। अगर यह स्वीकृति मिल जाती है तो लोनार झील, अजंता और एलोरा गुफाओं, एलीफेंटा गुफाओं तथा मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस जैसे प्रतिष्ठित स्थानों के साथ भारत का 41वां यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल बन जाएगी।

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