अटल सेतु पर 'स्पाइडर मैन' जैसी फुर्ती दिखाकर मुंबई का ये कैब ड्राइवर बना हीरो, जिंदगी भर याद रहेगा वो दिन

कैब ड्राइवर संजय यादव कहते हैं, मुझे नहीं लगता कि मैंने कुछ भी असाधारण किया है। जीवन अनमोल है और किसी को इसे इतनी आसानी से नहीं छोड़ना चाहिए। उस दिन का वाकया उन्हें जिंदगी भर याद रहेगा।

Mumbai driver at Atal setu

अटल सेतु पर खुदकुशी की कोशिश

Mumbai Cab Driver: मुंबई के कैब ड्राइवर संजय यादव इन दिनों खूब चर्चा में हैं। पिछले सप्ताह शुक्रवार को उनके सामने ऐसी घटना आई जिसे वे उम्रभर नहीं भुला सकेंगे। इस दिन वह छुट्टी पर थे। मुलुंड से एक महिला यात्री को लेने की कॉल आई तो वह तुरंत तैयार हो गए। उन्हें नहीं पता था कि वह जो देखेंगे उनके मन पर हमेशा से लिए वो घटना अंकित हो जाएगी और अपनी 'स्पाइडरमैन-जैसी' फुर्ती के लिए उन्हें सोशल मीडिया का हीरो बना देगी। दरअसर, इस महिला का कहना था कि वह कुछ पवित्र प्रतीक चिन्हों को समुद्र में गिराने के लिए अटल सेतु पर जाना चाहती है।

अटल सेतु जाना चाहती थी महिला

संजय शाम करीब 7 बजे उसे लेकर अटल सेतु पर पहुंचे और महिला से जल्दी करने को कहा। लेकिन महिला क्रैश बैरियर पर चढ़ गई तो उनके दिल की धड़कनें तेज हो गईं। पुलिस गश्ती दल के सायरन ने माहौल को और तनावपूर्ण कर दिया। महिला तुरंत कूद पड़ी, लेकिन संजय का हाथ तेजी से आगे बढ़ा और उन्होंने फुर्ती से महिला के बाल पकड़ लिए। वह तक महिला को पकड़े रहे जब तक कि पुलिसकर्मी नहीं पहुंच गए। तीन पुलिसकर्मियों ने मदद करके महिला को ऊपर खींच लिया।

परिवार को भी संजय पर गर्व

संजय कहते हैं, मुझे नहीं लगता कि मैंने कुछ भी असाधारण किया है। जीवन अनमोल है और किसी को इसे इतनी आसानी से नहीं छोड़ना चाहिए। इस महिला को बचाने के दौरान रेलिंग के तेज किनारों ने उनके हाथ को घायल कर दिया, लेकिन वह अगले 16 सेकंड तक महिला को बालों से पकड़े रहे। एक हफ्ते बाद, संजय मुंबई के साथ-साथ अपने सुदूर झारखंड के गांव में भी हीरो बन गए हैं। वह कहते हैं, मैंने अपने परिवार के साथ अखबार की कतरनें साझा की थीं और उन्हें मुझ पर बहुत गर्व है।

तीन साथियों के साथ एक कमरे में रहते हैं संजय

31 वर्षीय कैब ड्राइवर संजय ठाणे में चार और लोगों के साथ 15x10 वर्ग फुट कमरे में रहते हैं। घटना वाले दिन वह ड्राइवर वाली सफेद शर्ट पहनी और सुबह 9 बजे घर से निकल गए। उन्हें नहीं पता था कि वह 24 घंटों के भीतर सोशल मीडिया सनसनी बन जाएंगे। दोपहर 3 बजे तक संजय ने 3-4 ट्रिप पूरे कर लिए थे। वह एक कप चाय के लिए बैठे थे, तभी उनके रूममेट, जो कैब ड्राइवर था, उसने एक महिला यात्री को लेने के लिए कहा। 57 वर्षीय महिला मुलुंड में रहती थी, जो ठाणे से ज्यादा दूर नहीं है। महिला का कहना था कि वह देवताओं की तस्वीरों को विसर्जित करने के लिए अटल सेु की ओर जाना चाहती है।

रेलिंग में चढ़कर समुद्र में कूदने लगी महिला

संजय यादव याद करते हैं, मैंने महिला को शाम करीब साढ़े पांच बजे मुलुंड से पिक किया। जैसे ही वह कार में बैठी, उसने कहा कि वह देवी-देवताओं की तस्वीरें विसर्जित करने के लिए अटल सेतु जाना चाहती है। मैंने उससे कहा कि हमें कहीं और जाना चाहिए क्योंकि पुल पर कारों को रोकने की अनुमति नहीं है, लेकिन वह जिद पर अड़ी रही। उसने कहा कि वह पांच मिनट से अधिक समय नहीं लेगी। इसके बाद महिला कार से उतरी और रेलिंग में चढ़कर समुद्र में कूदने लगी।

सही समय पर पुलिस ने लिया एक्शन

यहां पुलिस टीम भी ठीक समय पर पहुंच गई। संजय ने फुर्ती से महिला के बाल पकड़ लिए और वहां पहुंचे तीनों पुलिसकर्मी रेलिंग पर चढ़ गए और उसे पकड़ लिया। उसे सुरक्षित निकालने में एक मिनट से अधिक समय लगा। वे उसे नवी मुंबई के उल्वे पुलिस स्टेशन ले गए और उसके परिवार को बुलाया गया। पुलिस का कहना है कि महिला ने उन्हें बताया कि उसका समुद्र में कूदने का इरादा नहीं था और वह किसी अनुष्ठान के तहत तस्वीरें विसर्जित कर रही थी। एक अधिकारी ने कहा कि महिला ने दावा किया कि वह पुलिस वैन को देखकर घबरा गई और कूद गई।

महिला के परिजनों ने बताया फरिश्ता

संजय यादव को पुलिस स्टेशन में उससे बात करने का मौका नहीं मिला, लेकिन पुलिस और उसके परिवार ने उसकी जान बचाने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। संजय कहते हैं, उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे धन्यवाद देते रहे। उन्होंने कहा कि मैं उनके लिए फरिश्ता हूं। पुलिस ने संजय को धन्यवाद देने के बाद दोबारा पुल पर न रुकने की चेतावनी दी। संजय का कहना है कि अगर उन्हें महिला से बात करने का मौका मिलेगा तो वह उससे कहेंगे कि वह उम्मीद न खोए। आखिरकार, उम्मीद ही वह चीज है जिसने उन्हें अपनी आजीविका कमाने के लिए 6 साल पहले झारखंड छोड़कर मुंबई आने के लिए प्रेरित किया।
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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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