Mumbai Crime News: 70 साल के बुजुर्ग का इलाज करने का दावा कर फर्जी डॉक्टर ने महिला से की 2.70 लाख रुपये की ठगी
Mumbai Crime News: मुंबई के गिरगांव में इलाज के नाम पर ठगी करने की एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। एक फर्जी डॉक्टर ने एक महिला के पिता का इलाज करने का आश्वासन देकर 2.70 लाख रुपये की ठगी की।
डॉक्टर बनकर धोखाधड़ी कर महिला से 2.70 लाख रुपए ठगे। (सांकेतिक फोटो)
मुख्य बातें
- मुंबई के गिरगांव में बुजुर्ग के इलाज के नाम पर महिला के साथ ठगी
- फर्जी डॉक्टर ने बुजुर्ग के इलाज का आश्वासन देकर की 2.70 लाख रुपये की ठगी
- बॉडी से ब्लड क्लॉट निकालकर घटना को दिया अंजाम
Mumbai Crime News: एक महिला के साथ उसके पिता के इलाज के नाम पर फर्जी डॉक्टर ने 2.70 लाख रुपये की ठगी की है। महिला का आरोप है कि आरोपी डॉक्टर ने उसे आश्वासन दिया था कि वह उसके 70 वर्षीय पिता के पैरों को इलाज कर ठीक करेगा, जिससे बुजुर्ग फिर से चल सकेंगे। लेकिन महिला उस वक्त हैरान रह गई जब उसको पता चला कि इलाज के नाम पर उसके साथ ठगी हुई है। घटना डीबी मार्ग पुलिस थाना क्षेत्र की है। अब पुलिस ठग डॉक्टर और उसके साथियों की तलाश कर रही है। संबंधित खबरें
पीड़ित महिला का नाम हेमाली मेहता (32) है, जो मुंबई के गिरगांव में अपने 70 वर्षीय पिता दिनेश और 63 वर्षीय मां गीता के साथ रहती है। सितंबर के आखिरी हफ्ते में एक सर्जरी के बाद दिनेश को चलने में परेशानी हो रही थी, जिसके इलाज के लिए आरोपी डॉक्टर महिला के संपर्क में आया था।संबंधित खबरें
अज्ञात व्यक्ति ने महिला से संपर्क किया
मामले पर पुलिस ने कहा है कि एक अज्ञात व्यक्ति ने महिला से संपर्क किया, जिसने उसे आर थानावाला नाम के एक डॉक्टर का नंबर दिया। अजनबी ने उसे बताया कि उसके एक रिश्तेदार को भी इसी तरह की समस्या का सामना करना पड़ा था, जिसे डॉक्टर ने ठीक कर दिया था। पिता के अनुरोध पर, हेमाली ने थानावाला से संपर्क किया, जिसने उसे बताया कि वह पुणे से है और वरिष्ठ नागरिकों की जांच के लिए महीने में एक या दो बार मुंबई और दिल्ली का दौरा करता है। 30 सितंबर को थानावाला महिला के घर गया और दिनेश की जांच करने के बाद, परिवार को सूचित किया कि वह पित्त ग्रस्त है और अगर उनके शरीर से एसिड निकाल दिया जाए तो उनकी नसें फिर से काम करने लगेंगी। उसने कुछ उपकरणों की मदद से महिला के पिता के पैरों से कुछ खून निकाला और हेमाली को बताया कि वह पित्त के कारण बने रक्त के क्लॉट हैं। संबंधित खबरें
इस तरह घटना को दिया अंजाम
पुलिस के अनुसार फर्जी डॉक्टर ने अपनी फीस 4,000 रुपये प्रति ब्लड क्लॉट बताई। बातचीत के बाद 3,500 प्रति क्लॉट पर सहमति बनी। डॉक्टर ने काम करना शुरू कर दिया और 90 ब्लड क्लॉट निकालने का दावा किया। चूंकि हेमाली के पास घर पर केवल 2,70,000 नकद थे, उसने इतना भुगतान कर दिया था। जब 15 दिनों तक दिनेश की हालत में कोई सुधार नहीं दिखा तो हेमाली ने फिर फर्जी डॉक्टर को फोन किया, लेकिन उसने पाया कि डॉक्टर का फोन स्विच ऑफ था। तब उसे एहसास हुआ कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है और उसने पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 420 और धारा 34 (सामान्य इरादे) के तहत धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। फिलहाल पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी हुई है।संबंधित खबरें
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टाइम्स नाउ नवभारत author
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