Mumbai: दुष्कर्म मामले में आरोपी डॉक्टर को नहीं राहत, कोर्ट ने जमानत याचिका की खारिज
ठाणे जिले की एक अदालत ने एक डॉक्टर की जमानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने इस मामले में कहा कि जांच के लंबित रहने के दौरान आरोपी को जमानत दिए जाने पर साक्ष्यों से छेड़छाड़ संभव है। आरोपी डॉक्टर और 27 वर्षीय महिला 2017 में दोस्त बने और डॉक्टर ने 2020 में शादी का प्रस्ताव रखा। महिला ने अप्रैल 2024 में पुलिस से संपर्क किया-
प्रतिकात्मक तस्वीर
Mumbai: ठाणे जिले की एक अदालत ने एक डॉक्टर की जमानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने इस मामले में कहा कि जांच के लंबित रहने के दौरान आरोपी को जमानत दिए जाने पर साक्ष्यों से छेड़छाड़ संभव है। ठाणे के 32 साल के एक डॉक्टर पर महिला से शादी का वादा कर उससे दुष्कर्म करने का आरोप है। अतिरिक्त सत्र न्यायधीश प्रेमल एस विठलानी ने 11 जून को दिए अपने आदेश में कहा,"मेरे विचार से अपराध की गंभीरता और मामले के तथ्यों को देखते हुए जांच के बीच में जमानत देने का कोई मामला नहीं बनता है।" इस आदेश की एक प्रति मंगलवार को उपलब्ध कराई गई।
2020 डॉक्टर ने रखा था शादी का प्रस्ताव
उन्होंने कहा, "प्रत्येक जमानत आवेदन पर निर्णय उस मामले की गंभीरता, तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करके किया जाना चाहिए। जमानत आवेदन मंजूर करने या खारिज करने के लिए कोई निश्चित फॉर्मूला नहीं हो सकता।" अभियोजन पक्ष के अनुसार आरोपी डॉक्टर और 27 वर्षीय महिला 2017 में दोस्त बने और डॉक्टर ने 2020 में शादी का प्रस्ताव रखा। महिला ने अप्रैल 2024 में पुलिस से संपर्क किया और डॉक्टर के खिलाफ दुष्कर्म और आपराधिक धमकी के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई।
शादी का झूठा वादा कर किया पीड़िता का शोषण
अदालत ने 24 अप्रैल को डॉक्टर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी और सात मई को उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। अभियोजन पक्ष ने डॉक्टर की जमानत याचिका का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि उसने शादी का झूठा वादा करके पीड़िता का शोषण किया तथा उसे यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर करने के लिए धमकियां दीं। अदालत ने मोबाइल फोन की रिकॉर्डिंग और आरोपी के वकील द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य की समीक्षा की।
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विडियो और फोटोज वायरल करने की धमकियां
अदालत ने कहा, "मामले के तथ्यों को देखते हुए, यह देखना होगा कि क्या आरोपी को जमानत मिलनी चाहिए। इसमें कोई संदेह नहीं है कि शारीरिक संबंधों के लिए महिला की सहमति थी। आरोपी के वकील ने प्रेमपूर्ण व्यक्तिगत संबंध दिखाने वाली तस्वीरें रिकॉर्ड में पेश की हैं। "साथ ही अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता का आरोप है कि आरोपी द्वारा शादी के झूठे वादे और यौन गतिविधि की तस्वीरें और वीडियो वायरल करने की धमकी के कारण उसने सहमति दी थी।
(इनपुट- भाषा)
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Maahi Yashodhar author
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