गले मिलने को तैयार राजधानी-उपराजधानी, खुलने वाला है 701 KM लंबा 'समृद्धि' वाला एक्सप्रेसवे

Mumbai-Nagpur Expressway : मुंबई से नागपुर के बीच यात्रा करने वाले वाहन चालकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। इसी साल समृद्धि एक्सप्रेसवे (samruddhi Expressway) के पूरे हिस्से को यातायात के लिए खोल दिया जाएगा। 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वाहन दौड़ाने के लिहाज से विकसित किया एक्सप्रेसवे 10 जिलों को आपस में कनेक्ट करता है। आइये जानते हैं इस हाईटेक सड़क मार्ग की और क्या खासियतें हैं?

Mumbai-Nagpur Expressway.

मुंबई-नागपुर समृद्धि एक्सप्रेसवे

Mumbai-Nagpur Expressway : महाराष्ट्र के तमाम शहरों को रफ्तार की सौगात मिलने वाली है। राज्य के 10 जिलों के तमाम शहरों के बीच यातायात सुगम होने वाला है। जी, हां मुंबई-नागपुर समृद्धि महामार्ग को पूरी तरह खोलने का प्लान है। इसके ज्यादातार हिस्से का कार्य पूरा हो चुका है। 701 किलोमीटर तक फैला यह एक्सप्रेसवे इंजीनियरिंग का आधुनिक चमत्कार बताया जा रहा है। यह राज्य की राजधानी और उपराजधानी को आपस में जोड़ता है। हालांकि, यह वर्तमान में 625 किमी. नागपुर से भरवीर तक यातायात के लिए खुला है। उम्मीद थी की जुलाई 2024 तक शेष हिस्से का कार्य पूरा होने पर पूरी तरह संचालित कर दिया जाएगा। लेकिन, जुलाई तो नहीं अगस्त में इसके आंशिक हिस्से को खोलने की बात चल रही है। आइये जानते हैं ये हाईटेक मार्ग किन शहरों से होकर गुजरेगा और इसकी खासियतें क्या-क्या हैं?

मुंबई-नागपुर समृद्धि महामार्ग का इतना काम शेष

मुंबई-नागपुर समृद्धि महामार्ग की नींव साल 2018 में रखी गई थी। इसे बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग (Balasaheb Thackeray Maharashtra Samriddhi Mahamarg) के नाम से जाना जाता है। फिलहाल, इगतपुरी और ठाणे के अमाने गांव के बीच अंतिम 76 किलोमीटर के हिस्से का निर्माण कार्य जारी है, जो सीधे मुंबई को जोड़ेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से उस 76 किमी के 90 प्रतिशत हिस्से का कार्य पूरा कर लिया गया है, जिसमें कसारा घाट (Kasara Ghat) सेक्शन पर 1.8 किमी लंबा खारदी पुल (Khadari Bridege) सबसे बड़ा चैलेंजिग है। आपको बता दें कि कसारा घाट एक पहाड़ी दर्रा है। यह मुंबई-नासिक राजमार्ग (Mumbai-Nasik Highway) पर स्थित। इधर, मुंबई से 110 किमी और उधर, नासिक से 70 किमी की दूरी पर है। यह पश्चिमी घाट की सह्याद्रि पर्वतमाला (Sahyadri Mountain Range) का हिस्सा है। कसारा घाट को थाल घाट या कसारा बुद्रुक के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा 8 किलोमीटर लंबी सुरंग का कार्य पिछले दिनों पूरा कर लिया गया था। वैसे एक्सप्रेसवे प्रारंभिक 6 लेन का है, लेकिन खारदी पुल पर इसे चार लेन का कर दिया जाएगा। भविष्य में एक्सप्रेसवे को आठ लेन तक विस्तार देने की योजना है। उस स्थिति में समानांतर फोर लेन का पुल बनाया जा सकता है।

मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे रूट (Mumbai-Nagpur Expressway Route Map)

मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे समृद्धि एक्सप्रेसवे (samruddhi Expressway) की लंबाई 701 किमी है। यह एक्सप्रेसवे 390 गांव और 10 जिलों को जोड़ता है। जिनमें नागपुर, कल्याण, औरंगाबाद नासिक, शिर्डी, भिवंडी और वर्धा शामिल हैं। इस सड़क मार्ग के कंपलीट होने से मुंबई और नागपुर के बीच आठ घंटे तक का समय कम हो जाएगा। फिलहाल, नागपुर से मुंबई पहुंचने में 14 से 15 घंटे का सफर तय करना पड़ता है। यह इकलौता ऐसा राजमार्ग है, जिस पर 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से वाहन दौड़ाया जा सकता है।

समृद्धि एक्सप्रेसवे पर पड़ने वाले मुख्य शहर

  • भिवंडी
  • कल्याण
  • शाहपुर
  • इगतपुरी
  • सिन्नर
  • शिरडी
  • वैजापुर
  • औरंगाबाद की गुफाएं
  • शेन्द्रा
  • जलना
  • सिंदखेड राजा
  • मेहकर
  • मालेगांव जहांगीर
  • करंजा
  • धामनगांव
  • पुलगांव
  • वर्धा
  • सेलू
  • बुटीबोरी पावर प्लांट
  • मिहान सेज (नागपुर)
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बंदरगाह-हवाई अड्डे से होगा कनेक्ट

मुंबई-नागपुर समृद्धि महामार्ग आर्थिक महत्वपूर्ण आर्थिक केंद्रो को कनेक्ट करता है, जिसमें जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह (Jawaharlal Nehru Port) और नवी मुंबई में बनने वाला अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (International Airport) शामिल है। उधर, इसी एक्सप्रेसवे के अनुरूप 179 किमी. लंबे जालना-नांदेड़ एक्सप्रेसवे (Jalna-Nanded Expressway) पर एमएसआरडीसी ने कार्य शुरू कर दिया है। इसके अलावा नागपुर-गोदियां (Nagpur-Godiyan) और नागपुर-चंद्रपुर एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे (Nagpur-Chandrapur Access Control Expressway) भी प्रस्तावित किए हैं। यह तीन एक्सप्रेसवे मुंबई-नागपुर महामार्ग से जुड़ेंगे। इन तीनों के आपस में कनेक्ट होने राज्य में यातायात के क्षेत्र में क्रांति आएगी।

तीन नए एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे का विवरण

  • जालना-नांदेड़ 180 किमी एक्सप्रेसवे को बनाने के लिए एमएसआरडीसी 19,000 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान रखा है।
  • 127 किमी नागपुर-गोदियां एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे के लिए 7345 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रारंभिक प्रावधान रखा गया है।
  • भंडारा से गोदिया से जोड़ने वाला एक अन्य 28 किमी का स्ट्रेच 1587 करोड़ रुपये में निर्मित किया जाएगा।
  • नागपुर से चंद्रपुर तक 194 एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे के निर्माण में एमएसआरडीसी 9543 करोड़ रुपये में करने का प्रावधान है।
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मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे टोल प्लाजा (Mumbai-Nagpur Expressway Toll Plaza

मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे पर कुल टोल शुल्क वसूलने के लिए 31 टोल प्लाजा हैं। इसमें 1.75 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से टोल शुल्क वसूला जा रहा है। इस एक्सप्रेसवे पर 120 किलोमीटर प्रति घंटे के हिसाब से वाहन दौड़ाए जा सकते हैं। यह सिर्फ आठ पहिए वाले तक के वाहनों के लिए लिमिट है।

मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे की खूबियां

इस एक्सप्रेसवे को इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम (ITS) जो सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण रखेगा। आईटीएस सिस्टम सड़क पर आने वाली दुश्वारियों पर निगरानी रखता है। यह तकनीकी वाहन चालकों को मौसम की स्थिति के बारे में भी जानकारी उपलब्ध कराता है। इसके अलावा इस हाईटेक मार्ग पर ऑप्टिकल केबल फाइबर नेटवर्क, विजुअल संदेश सेवा, घटनाओं के वीडियो, यातायात उल्लंघन और ड्रोन से निगरानी इत्यादि सुविधाएं मिलेंगी। एक्सप्रेसवे के 100 किलोमीटर के अंतर में एक इलेक्ट्रॉनिक टोल केंद्र है। साथ ही पूरे मार्ग पर ईवी चार्जिंग प्वाइंट भी लगाए गए हैं।
जानकारीविवरण
एक्सप्रेसवे का नाम मुंबई-नागपुर समृद्धि एक्सप्रेसवे
एक्सप्रसवे की लंबाई 701 किमी.
परियोजना की लागत 55,000 करोड़
लेन 6 (8 तक विस्तार)
शुरुआती बिंदु सेलदोह गांव (वर्धा)
आखिरी बिंदु घाटकुल गांव (नागपुर)
यात्रा का संभावित समय 8 घंटे
कार्य पूरा होने की सीमा दिसंबर 2024 विलंबित
निर्माणकर्ता कंपनी MSRDC

रियल स्टेट व्यापार को मिला बूस्ट

इसके निर्माण से रियल स्टेट के बिजनेस को बूस्ट मिला है। उधर, सरकार एक्सप्रेसवे के किनारे कौशल आधारित उद्योग, आईटी हब और शैक्षणिक संस्थानों के विकास पर विचार कर रही है। उद्योग धंधे विकसित होने स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। साथ ही आसपास रेजिडेंशियल घरों की मांग भी बढ़ेगी, जिससे लोगों के जीवन में समृद्धि आएगी।
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Pushpendra kumar author

पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्षा-दीक्षा भी उसी परिवेश के साथ आगे बढ़ी। साल 2016 स...और देखें

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