Mumbai News: ई-डबल डेकर बस में इस तरह मिलेगा ई-टिकट, यात्रियों को होगी सहूलियत
Mumbai News: ई-डबल डेकर बस में ई-टिकट सुविधा स्थापित की जाएगी। ई-डबल डेकर के आगे और पीछे के दरवाजों पर टैप-इन और टैप-आउट सुविधा के लिए मशीनें लगाई हैं। टैप-इन और टैप-आउट सुविधा होने से यात्रियों को काफी सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही ई-डबल डेकर बस पूरी तरह से डिजिटल बस बन गई।
डबल डेकर बस में ई-टिकट (प्रतीकात्मक तस्वीर)
मुख्य बातें
- डबल डेकर बस में ई-टिकट सुविधा स्थापित
- टैप-इन और टैप-आउट सुविधा के लिए लगी मशीनें
- दोनों रूटों पर रोजाना चलेगी ई-डबल डेकर बस
Mumbai News: मुंबई में पहुंच जल्द भारत की पहली ई-डबल डेकर शुरू होने वाली है। इसको लेकर बेस्ट में पूरी तैयारियां कर ली हैं। इस बीच बेस्ट ने शुक्रवार को नए ई-डबल डेकर के आगे और पीछे के दरवाजों पर टैप-इन और टैप-आउट सुविधा के लिए मशीनें लगाई हैं, जिससे यह मुंबई के लिए 100% डिजिटल बस बन गई। टैप-इन और टैप-आउट सुविधा होने से यात्रियों को काफी सुविधा मिलेगी। इस बात को लेकर बेस्ट के महाप्रबंधक लोकेश चंद्र ने जानकारी दी है।
उन्होंने कहा है कि, बस को आरटीओ में पंजीकृत किया गया है और बेस्ट की योजना 21 फरवरी, 2023 (मंगलवार) से सीएसएमटी से गेटवे ऑफ इंडिया और चर्चगेट से गेटवे ऑफ इंडिया तक देश की पहली ई-डबल डेकर बस चलाने की तैयारी है। यात्रियों की भारी संख्या है। दोनों रूटों पर रोजाना और बस पर्यटकों और अन्य यात्रियों के बीच एक प्रमुख आकर्षण होगा।
इस तरह तय किया जाएगा किरायालोकेश चंद्र ने बताया है कि शुक्रवार दोपहर मरीन ड्राइव पर बस का ट्रायल रन किया गया। उन्होंने बताया है कि कोई भी अपने मोबाइल फोन पर चलो एप का उपयोग कर बस के सामने के दरवाजे से प्रवेश करते समय टैप करने के लिए कर सकता है। यात्री को पीछे के दरवाजे से बाहर निकलने के लिए मोबाइल एप का उपयोग करके टैप आउट करना होगा। यह किराए की गणना करेगा। तय की गई दूरी के आधार पर और ऑनलाइन वॉलेट से पैसे काटे जाएंगे। यात्री इस उद्देश्य के लिए चलो स्मार्ट कार्ड का उपयोग भी कर सकते हैं। ई-डबल डेकर का 5 किमी न्यूनतम दूरी के लिए 6 रुपये का किराया है।
मानसून को देखते हुए बस को किया गया डिजाइनबस को इस तरह से बनाया गया है कि यह भारी बारिश के दौरान बेस्ट बसों के सामने आने वाली चुनौतियों का सामना कर सके। इसे जलभराव वाली सड़कों पर चलाने के लिए डिजाइन किया गया है, बशर्ते जल स्तर बहुत अधिक न हो। उन्होंने बताया है कि बैटरी को बस में अच्छी तरह से संरक्षित किया गया है और इंजन में पानी प्रवेश नहीं करेगा, इसलिए बस कुछ समय के लिए पानी में डूबी रह सकती है, लेकिन खराब नहीं होगी या टूटेगी नहीं। प्रत्येक मानसून के दौरान भारी बारिश के दिनों में 12 से 50 बसें खराब हो जाती हैं। बस शहर की सड़कों पर अच्छे सस्पेंशन और शॉक एब्जॉर्बर के साथ चल सकती है ताकि खराब सड़कों पर यात्रियों को कम से कम असुविधा हो। बस की ऊंचाई पुराने डबल डेकर से अधिक है।
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