Mumbai-Pune Expressway: सबसे महंगा है यह एक्‍सप्रेसवे! टोल टैक्स चुकाने में छूटते हैं पसीने

Mumbai Pune Expressway Toll Tax: देश में बड़ी संख्या में संचालित एक्सप्रेसवे पर सहूलियत और व्यवस्थाओं के लिहाज से टोल टैक्स चुकाना होता है। लेकिन, एक ऐसा भी एक्सप्रेसवे है जहां पर औसत टोल से 1 रुपये प्रति किलोमीटर अधिक चुकाना होता है। यह एक्सप्रेसवे भारत का सबसे पुराना (Oldest Expressway of India) और पहला एक्सप्रेसवे भी कहा जाता है। तो आइये जानते हैं वह सड़क मार्ग कौन है, जो सबसे महंगा टोल वसूलता है?

Mumbai-Pune Expressway: सबसे महंगा है यह एक्‍सप्रेसवे! टोल टैक्स चुकाने में छूटते हैं पसीने
India Most Expensive Mumbai-Pune Expressway Toll Tax: एक्सप्रेसवे पर आपने कभी न कभी सफर तो किया ही होगा। इन हाईटेक सड़क मार्गों पर आप जितनी रफ्तार से वाहन दौड़ाते हैं, उसी हिसाब से टोल टैक्स (Toll Tax) भी चुकाते हैं। सामान्य तौर पर सभी एक्सप्रेसवे पर उसकी सहूलियत और व्यवस्थाओं के मुताबिक, अलग-अलग दर पर टोल चुकाना होता है। जैसे- दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे देश का सबसे लंबा और हाईटेक एक्सप्रेसवे है। लिहाजा, इसमें टोल दरें अलग होंगी। इसी तरह यूपी समेत अन्य राज्यों के संचालित एक्सप्रेसवे पर अलग टोल दरें होंगी। लेकिन, देश में एक सबसे महंगा एक्सप्रेसवे है, जिस पर प्रति किलोमीटर की दर से 1 रुपया अधिक चुकाना होता है। दूसरी बात यह है कि यह देश का सबसे पुराना एक्सप्रेसवे है, जिसका निर्माण स्व. अटल बिहारी वाजजेपी की सरकार में 2002 में किया गया था। यानी 22 साल पहले इस सड़क मार्ग को तैयार कर जनता को सौंपा गया था। तो आइये जानते हैं कि इस हाईटेक मार्ग की खासियतें क्या हैं और इसकी लागत के साथ स्पीड क्या है?

भारत का सबसे पुराना एक्सप्रेसवे (Oldest Expressway of India)

दरअसल, मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे (Mumbai Pune Expressway) देश का सबसे पुराना (Oldest Expressway of India) और पहला ( India Frist Expressway) एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे है। इसके इतर यह देश का पहला सिक्स लेन (Six Lane मार्ग भी है। इस एक्सप्रेसवे का निर्माण साल 2002 में एनडीए सरकार यानी अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की सरकार में किया गया था। यह सड़क मार्ग महाराष्ट्र के दो महत्वपूर्ण शहरों को आपस में जोड़ता है। ये दोनों शहर महाराष्ट्र के दृष्टि काफी अहम हैं। इन दोनों की कनेक्टिविटी बेहतर होने से कई संभावनाएं बढ़ी हैं। यहां, यात्रा काफी सुगम हो गई है, वहीं व्यापार को भी बूस्ट मिला है।

एनएचएआई ने नहीं, एमएसआरडीसी (MSRDC) ने कराया निर्माण

भारत के सबसे पहले एक्सप्रेसवे को बनाने के लिए तत्कालीन पीएम ने बड़ा बजट मुहैया कराया था। इसके निर्माण में करीब 16.3 हजार करोड़ की लागत आई थी। 94.5 किमी लंबा यह एक्सप्रेसवे नवी मुंबई के कलमबोली इलाके से शुरू होता है और पुणे के किवाले में समाप्त होता है। हालांकि, इसका निर्माण नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने नहीं बल्कि, महाराष्ट्र स्टेट डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (MSRDC) ने कराया था। इस सड़क मार्ग के दोनों ओर 3-3 लेन की कंक्रीट की सर्विस लेन भी बनाई गई है। इसकी चौड़ाई अधिक होने से वाहन चालकों को काफी सहूलियत मिली। उस वक्त इतने चौड़े सड़क मार्ग नहीं हुआ करते थे। लिहाजा, इसके खुलने से वाहनों की रफ्तार में बढ़ोतरी और यात्रा के समय में बड़ी कटौती हुई थी।

स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटे (Mumbai Pune Expressway Speed)

मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर यात्रा का समय 3 घंटे से कम होकर महज एक घंटा रह गया है। यानी कि पहले के मुकाबले वाहन चालकों का सीधे-सीधे 2 घंटे का समय बच रहा है। दोनों शहरों के बीच रोजाना अपडाउन करने वाले लोगों की संख्या बढ़ गई है। रोजाना लोग अपने घर ms नौकरी-पेशा या व्यापार के वास्ते एक ही दिन के भीतर आते जाते हैं। इससे लोगों को काफी सलूलियत मिली है। इस एक्सप्रेसवे पर यात्रा करना बेहद सुखद अनुभव कराता है। खासकर, शहाद्री पर्वत श्रृंखला (Shahadri Mountain Range) को पार करते समय जो खूबसूरती झलकती है वो देखते ही बनती है। सड़क मार्ग के दोनों ओर पहाड़ियों और हरियाली के बीच खुले वातावरण में सांस लेना वाकई में जन्नत जैसा फील कराता है। इस पर वाहनों की गति 100 किलोमीटर प्रति घंटे रखी गई है। इस पहाड़ी को पार करने के लिए टनल और अंडरपास बनाए गए हैं। इनके बीच से गुजरना अगल तरह का रोमांच पैदा करता है।

मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे टोल दर ((Mumbai Pune Expressway Toll Rate)

मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे देश का सबसे महंगा एक्सप्रेसवे भी कहा जाता है। यहां कार के लिए एक तरफ का 336 रुपये टोल चुकाना होता है। इस लिहाज से देखें तो प्रति किमी के हिसाब से 3.40 पैसे देने पड़ते हैं। वैसे देश के अन्य एक्सप्रेसवे पर अधिकतम टोल दर 2 रुपये चालीस पैसे प्रति किलोमीटर तक रखी गई है। इस लिहाज से कंपेयर करें तो सीधे तौर प्रति किलोमीटर एक रुपये अधिक चुकाने होते हैं।

मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे इंटरचेंज (Mumbai-Pune Expressway Interchange)

इस एक्सप्रेसवे पर पांच इंटरचेंज हैं। कोन, चौक, खालापुर, कुसगांव और तालेगांव है। कोन-भटन सुरंग से माडप सुरंग तक खालापुर टोल स्टॉप से खालापुर-सजगांव गैस स्टॉप से अदोशी सुरंग। अदोशी टनल से वाहन चालक डेक्कन कोंकण स्टोन ट्रेस्टल (Deccan Konkan Stone Trestle) तक पहुंचेंगे। पत्थर की ट्रेस्टल खंडाला सुरंग (Trestle Khandala Tunnel) की ओर जाती है, जो आगे खंडाला और तुंगरली तक जाती है। यहां से वाहन चालक खामसेट 1 और 2 सुरंग व फिर तालेगांव टोल स्टेशन (Talegaon Toll Station) पहुंचेंगे। टोल स्टेशन से आप सोमाटेन इंटरचेंज पहुंचेंगे, जो रूट के अंत में पुणे में समाप्त होता है। साथ ही यह रूट अलग से बनाया गया था, जो एनएचएआई हाईवे का हिस्सा नहीं है।
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जानकारीविवरण
एक्सप्रेसवे का नाम मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे
एक्सप्रेसवे की लंबाई94.5 किमी
परियोजना की लागत16.3 हजार करोड़
लेन6
शुरुआती बिंदुकलंबोली (नवी मुंबई)
आखिरी बिंदुकिवाले (पुणे
स्पीड
  • 100 किमी/घंटा (समतल क्षेत्र)
  • 40-60 किमी/घंटा (घाटी क्षेत्र)
उद्घाटन तिथिअप्रैल 2002
निर्माणकर्ताएमएसआरडीसी

मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर टोल दर (Toll Tax on Mumbai-Pune Expressway)

मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर दो पांच टोल हैं, लेकिन खालापुर और तालेगांव मुख्य हैं। निजी कारों के लिए 250 रुपये और मल्टी-एक्सल ट्रेलरों के लिए 1750 रुपये शुल्क रखा गया है। मिंट के मुताबिक, साल 2023 से दो एक्सल वाले ट्रकों के लिए 685 है और बसों के लिए 940 रुपये, तीन एक्सल वाले ट्रकों के लिए 1630 और मल्टी-एक्सल ट्रकों और मशीनरी वाहनों के लिए 2165 रुपये बतौर टोल वसूला जा रहा है। इस एक्सप्रेसवे की समतल हिस्से में वाहनों की गति 100 किमी प्रति घंटे और घाट क्षेत्रों में इसकी स्पीड 40 या 60 किमी प्रति घंटे रखी गई है। हालांकि, चढ़ान में स्पीड धीमी होती है,चुंकि उसका क्षेत्र थोड़ा है। लिहाजा, कुछ किलोमीटर के बाद गति सामान्य तौर आ जाती है।
मुंबई एक्सप्रेसवे पर 6 सुरंगे हैं, जिनकी लंबाई 5724 मीटर है।
सुरंग का नाम
  • भूटान
  • पागलप
  • अदोशी
  • खंडाला
  • कामशेत -1
  • कामशेत - 2
मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे के खुलने के बाद यहां के रियल स्टेट बिजनेस (Real State Bussiness) को बूस्ट मिला है। यहां जमीन की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिला है। सात ही यहां बिजनेस में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है। उधर, मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे की मिसिंग लिंक परियोजना ( Missing Link Project) का निर्माण कार्य चुनौतियों के बावजूद पूरा होने वाला है। इस परियोजना के पूरा होने कि तिथि 2025 है।
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Pushpendra kumar author

पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्षा-दीक्षा भी उसी परिवेश के साथ आगे बढ़ी। साल 2016 स...और देखें

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