नासिक-मुंबई हाईवे पर गड्ढे बने मुसीबत, 4 घंटे का सफर पूरा करने में लग जाते हैं करीब 9 घंटे

Potholes On Nashik-Mum Highway: नासिक-मुंबई हाईवे पर गड्ढों के कारण यात्रा में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गड्डे और टूटे-फूटे हाईवे के चलते यात्रियों की यात्रा अब मंगलमय नहीं हो पा रहा है। लगातार यात्रा का समय बढ़ ही रहा है। इस हाईवे ने 4 घंटे के सफर को 9 घंटे का बना दिया है।

Nashik-Mumbai Highway

मुंबई-आगरा हाईवे पर वाहन चलाना मुश्किल ।

Nasik: बारिश के मौसम में नासिक और मुंबई के बीच मुंबई-आगरा हाईवे पर वाहन चलाना मुश्किल हो रहा है, क्योंकि पूरा हाईवे गड्ढों से भरा हुआ है, जिससे वाहनों की गति धीमी हो रही है और यात्रा का समय सामान्य चार घंटे से बढ़कर लगभग नौ घंटे हो गया है। सबसे ज्यादा प्रभावित उद्यमी और अन्य लोग हैं, जो अक्सर दोनों शहरों के बीच यात्रा करते हैं।

यात्रीगण कृपया ध्यान दें! नासिक-मुंबई हाईवे पर हैं ढेर सारे गड्ढे

इस हाईवे की रफ्तार कम होने के चलते यात्रियों लंबे समय तक यात्रा करना पड़ता है। जिसके कारण वो अपने जरूरी कार्यों को समय पर पूरा कर पाने से चूक जाते हैं। रायगढ़नगर, पिंपरी फाटा और सिन्नर फाटा जंक्शनों पर, वाडीवरहे और इगतपुरी के बीच गड्ढे बन गए हैं। यात्रियों ने हाईवे की खराब स्थिति पर अपना गुस्सा जाहिर किया है, क्योंकि हर साल मानसून खत्म होने के बाद अधिकारियों ने इस हाईवे को फिर से बनाने के अलावा कुछ नहीं किया है।

लोग उठा रहे सवाल- ठेकेदारों को जवाबदेह क्यों नहीं ठहराया जाता?

नासिक फर्स्ट ऑर्गनाइजेशन के अध्यक्ष अभय कुलकर्णी ने कहा, 'साल दर साल हाईवे की यही कहानी है। यात्रियों की पीड़ा का अंदाजा लगाया जा सकता है। बारिश शुरू होते ही राजमार्ग को नुकसान पहुंचना शुरू हो जाता है, जिससे कुछ हिस्सों में यह लगभग चलने लायक नहीं रह जाता है।' उन्होंने पूछा, 'ठेकेदारों को जवाबदेह क्यों नहीं ठहराया जाता या उन्हें काली सूची में क्यों नहीं डाला जाता?' उन्होंने आगे कहा कि यह जनता का पैसा है जो हर साल एक ही सड़क की मरम्मत पर खर्च किया जा रहा है।

यात्रियों और टैक्सी चलाने वालों ने बयां किया अपना-अपना दर्द

टैक्सी सेवा चलाने वाले अमोल गंगुर्दे ने कहा कि गड्ढों के कारण यात्रा का समय बढ़ने के कारण उनकी कैब के चालक नासिक-मुंबई मार्ग पर चलने से इनकार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 'रायगढ़नगर, वाडीवरहे, गोंडे और घोटी के पास जंक्शनों पर गड्ढे इतने बड़े हैं कि वाहन उनसे गुजरते समय खतरनाक तरीके से झूलते हैं।'

एक अन्य यात्री ने कहा कि जब राजमार्ग पर पुल, फ्लाईओवर और अंडरपास बनाने का प्रस्ताव था, तो भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई), महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी), पुलिस और अन्य संबंधित अधिकारियों को उचित सड़कें बनाने के बारे में सोचना चाहिए था। वाहन चालकों ने कहा कि कसारा से भिवंडी तक के हिस्सों की हालत दयनीय है।

स्थिति सुधारने के लिए अधिकारियों को दिया 10 दिन का समय

हाईवे पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वे समय-समय पर एनएचएआई के साथ संवाद कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मानसून से पहले सभी काम पूरे हो जाएं। पिछले कुछ दिनों में घोटी टोल प्लाजा पर आंदोलन हुआ था और हाईवे की स्थिति पर चर्चा के लिए पीडब्ल्यूडी मंत्री दादा भुसे ने बैठक बुलाई थी। वाहन चालक चाहते हैं कि सड़क की हालत जल्द से जल्द सुधारी जाए। घोटी टोल प्लाजा से रोजाना 40,000 से ज्यादा वाहन गुजरते हैं। भुसे ने संबंधित अधिकारियों को स्थिति सुधारने के लिए 10 दिन का समय दिया है।

बीते गुरुवार को उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भिवंडी में नासिक-मुंबई हाईवे की खराब सड़क की स्थिति पर चर्चा के लिए एक बैठक बुलाई थी। बैठक में शामिल हुए नासिक कलेक्टर जलज शर्मा ने कहा, 'उपमुख्यमंत्री ने सर्विस रोड, शौचालय ब्लॉक, खासकर महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए निर्माण और यातायात प्रबंधन के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करने को कहा है।'

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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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