पोर्श दुर्घटना मामले में बड़ा खुलासा, कार में किशोर चालक के अलावा दो नहीं.. तीन नाबालिग थे
Pune Car Accident Case: पोर्श कार दुर्घटना मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। जहां ये बात सामने आई है कि कार में किशोर चालक के अलावा दो नहीं, तीन नाबालिग थे। एक दिन पहले ही इस कांड में खून के नमूने की हेराफेरी में 2 और लोग पकड़े गए थे, इनके ही खून से ही सैंपल बदले गए थे।
फाइल फोटो।
Maharashtra News: महाराष्ट्र के पुणे में हुए कार हादसे मामले में एक नया मोड़ सामने आया है, जिसमें ये खुलासा हुआ है कि कार में किशोर चालक के अलावा दो नहीं, तीन नाबालिग मौजूद थे। दुर्घटना के वक्त इनमें से एक भाग गया था। कल्याणी नगर में हुई पोर्श कार दुर्घटना की जांच में पाया गया है कि कार में किशोर चालक के अलावा दो नहीं, बल्कि तीन नाबालिग थे। इस दुर्घटना में दो युवा आईटी पेशेवरों की मौत हो गई थी।
भीड़ ने पीटना शुरू किया तो वह भाग निकला
इससे पहले, पुलिस ने कहा था कि 19 मई को जब कार ने मोटरसाइकिल को टक्कर मारी थी तब कार में चार लोग सवार थे जिनमें कार चला रहा 17 वर्षीय किशोर, उसके दो नाबालिग दोस्त और किशोर के परिवार का चालक था। लेकिन आरोपपत्र में शामिल चौथे नाबालिग के बयान के अनुसार, दुर्घटना के बाद जब भीड़ ने उन्हें कार से बाहर निकाला और पीटना शुरू किया तो वह भाग निकला। उसने एक ऑटो-रिक्शा लिया और घर पहुंचा।
खून के नमूने की हेराफेरी में पकड़े गए 2 और लोग
पोर्श कार दुर्घटना मामले में एक दिन पहले ही पुणे पुलिस ने खून के नमूने बदलने के आरोप में दो और लोगों को गिरफ्तार किया। एक पुलिस अधिकारी ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी थी। मामले को लेकर अधिकारी ने बताया था कि सोमवार देर रात दो और आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ ही पोर्श कार दुर्घटना मामले में गिरफ्तार लोगों की संख्या बढ़कर नौ हो गई है। खून के नमूने बदलने के लिए पैसों के लेन-देन के वास्ते आरोपी के पिता और डॉक्टरों के बीच बिचौलियों की भूमिका निभाने वाले दो अन्य आरोपियों-अश्पक मकानदार और अमर गायकवाड़ को भी गिरफ्तार कर लिया गया था। पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने मंगलवार सुबह कहा, 'कार में किशोर आरोपी के साथ मौजूद दो नाबालिगों के खून के नमूने इन दो व्यक्तियों के खून के नमूनों से बदले गए थे।'
क्या है पूरा मामला, जानें अब तक का अपडेट
पुणे के कल्याणी नगर इलाके में 19 मई को तड़के कथित तौर पर नशे की हालत में कार चला रहे नाबालिग लड़के ने मोटरसाइकिल पर सवार एक महिला समेत दो आईटी पेशेवर को टक्कर मार दी थी, जिसके बाद दोनों की मौत हो गई थी। लड़के के माता-पिता, फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के तत्कालीन प्रमुख डॉ. अजय तावड़े, डॉ. श्रीहरि हल्नोर और ससून अस्पताल के एक कर्मचारी अतुल घाटकांबले को नाबालिग के खून के नमूनों को उसकी मां के नमूनों के साथ बदलने के आरोप में पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
खून के नमूने बदलने के लिए पैसों के लेन-देन के वास्ते आरोपी के पिता और डॉक्टरों के बीच बिचौलियों की भूमिका निभाने वाले दो अन्य आरोपियों-अश्पक मकानदार और अमर गायकवाड़ को भी गिरफ्तार कर लिया गया था। पुणे पुलिस ने हाल ही में मामले में सात आरोपियों के खिलाफ 900 पेज का आरोपपत्र दायर किया था।
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