Independence Day 2024: मुंबई में कहां था जिन्ना का घर, जानिए जिन्ना हाउस का इतिहास
Jinnah House Mumbai Facts, History And Condition Today: मोहम्मद अली जिन्ना पाकिस्तान के संस्थापक और पहले गवर्नर जनरल थे। आजादी से पहले टू-नेशन थ्योरी के लिए जिन्ना को जिम्मेदार ठहराया जाता है। क्या आप जानते हैं कि भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में जिन्ना का अपना एक बंगला भी था, जो आज भी जिन्ना हाउस के नाम से जाना जाता है।
मुंबई के जिन्ना हाउस की पूरी कहानी
Jinnah House Mumbai Facts, History And Condition Today: मोहम्मद अली जिन्ना... के बारे में तो आप जानते ही होंगे। इन्हीं की जिद पर 1947 में आजादी मिलने के साथ भारत के दो टुकड़े हुए। मोहम्मद अली जिन्ना (Muhammad Ali Jinnah) पाकिस्तान (Pakistan) के संस्थापक और पहले गवर्नर-जनरल थे। आजादी से पहले वह मुंबई में रहते थे और दिल्ली में भी उनका समय बीतता था। क्या आप जानते हैं कि मुंबई में ही जिन्ना का घर था। इस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारत के स्वाधीनता आंदोलन से जुड़ी कुछ रोचक कहानियां और तथ्य हम आपके सामने रख रहे हैं। आज जानते हैं मुंबई में कहां था जिन्ना का घर, इस घर में वह कितने साल रहे और इस घर को लेकर विवाद क्या है?
मुंबई में कहां है जिन्ना का घरमुंबई में कभी जिन्ना का आवास रहे घर को जिन्ना हाउस के नाम से जाना जाता है। इसे साउथ कोर्ट भी कहते हैं। यह घर मुंबई के भाऊसाहेब हिरे मार्ग (तत्कालीन माउंट प्लीजेंट रोड) मालाबार हिल इलाके में मौजूद है। जिन्ना हाउस से अरब सागर का बहुत ही खूबसूरत नजारा दिखता है।
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कब बना जिन्ना हाउसमालाबार हिल इलाके में 2.5 एकड़ जमीन पर साल 1936 में इस घर को बनाया गया था। यह इमारत में इटैलियन मार्बल का काम किया गया था और उस समय की समकालीन इमारत थी। जल्द ही यह इमारत शहर में चर्चा का विषय बन गई थी। कहा जाता है कि मोहम्मद अली जिन्ना को यह घर बहुत पसंद था और वह अक्सर महात्मा गांधी और पंडित जवाहर लाल नेहरू को यहां बुलाया करते थे। यहां पर वह पाकिस्तान के रूप में नए राष्ट्र पर चर्चा करते थे। बताया जाता है कि इस इमारत को उस समय 2 लाख रुपये में तैयार किया गया था।
जिन्ना कब पहुंचे मालाबार हिलजिस जगह पर जिन्ना हाउस बना है, वहां पर पहले एक दूसरी बिल्डिंग थी, जिसका नाम साउथ कोर्ट था। जिन्ना साल 1918 में अपनी पत्नी रुट्टी के साथ यहां आए थे। साउथ कोर्ट का यह बंगला मालाबार हिल के अन्य शानदार घरों के मुकाबले छोटा था, लेकिन वह लंबे समय तक यहां रहे। जिन्ना और रुट्टी की कहानी भी मजेदार है। दरअसल जिन्ना सर डिनशॉ पेटिट के घर पर अक्सर आते-जाते थे, जो मालाबार के पास में ही था। 42 साल के जिन्ना और सर डिनशॉ पेटिट की 18 साल की बेटी रुट्टी (Ruttie) में प्रेम हो गया और साल 1918 में में दोनों में शादी कर ली। जिसके बाद वह साउथ कोर्ट में रहने लगे। हालांकि, यह लव स्टोरी ज्यादा लंबी नहीं चली। जल्द ही दोनों के बीच अनबन की खबरें आने लगीं। साल 1928 में एक अवसर ऐसा भी आया जब रुट्टी ने घर छोड़ दिया और बॉम्बे में ताज महल होटल के सुईट में रहने लगीं। लेकिन एक साल से भी कम समय में कथित तौर पर लंबी बीमारी के चलते उनकी मौत हो गई।
इस दौरान जिन्ना का कद लगातार बढ़ता रहा और वह इंग्लैंड में बड़े वकील बन गए। रुट्टी की मौत के कई साल बाद साल 1934 में वह भारत लौटे। भारत आकर वह यहां के मुस्लिम समुदाय के बड़े नेता बन गए। अब उनके लिए पैसा भी कोई बड़ी दिक्कत नहीं थी। साल 1936 में उन्होंने साउथ कोर्ट की जगह जिन्ना हाउस बनवाया। इसके बाद 1940 में वह जिन्ना हाउस में रहने आए और 1946 तक यहां रहे और फिर कराची चले गए।
जिन्ना हाउस बनते ही पाकिस्तान की घोषणासाल 1940 में जब मालाबार हिल्स में जिन्ना हाउस बनकर तैयार हुआ। इसी साल मुसलमानों के लिए अलग देश पाकिस्तान की घोषणा की गई। 7 अगस्त 1947 को मोहम्मद अली जिन्ना पाकिस्तान चले गए। इसके बाद देश का बंटवारा हो गया और दोनों नए बने देशों में नरसंहार हुआ, जिसमें हजारों लोगों की जान चली गई। बंटवारे के बाद भी जिन्ना ने वापस मुंबई आने और जिन्ना हाउस में फिर से रहने की इच्छा जतायी थी।
ब्रिटिश हाईकमीशन को किराए पर दिया जिन्ना हाउसदेश के आजाद होने के बाद साल 1948 में जिन्ना हाउस, ब्रिटिश हाई कमीशन को किराए पर दे दिया गया। साल 2003 में इसके एक हिस्से को इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशन्स को सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए दे दिया गया। पाकिस्तान 1979 से ही भारत से गुहार लगा रहा है कि जिन्ना हाउस को उसे बेच दिया जाए, या किराए पर दे दिया जाए। जिससे कि पाकिस्तान सरकार अपने संस्थापक को श्रद्धांजलि दे सके और इसे काउंसुलेट के रूप में इस्तेमाल कर सके।
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