Water Crisis: मराठवाड़ा में गंभीर जल संकट, 11 प्रमुख बांधों में से पांच में पानी हुआ खत्म

महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में पानी की गंभीर समस्या है। यहां के 11 प्रमुख जलाशयों में से पांच पूरी तरह से सूख चुका है। यानी उसमें पानी नहीं बचा है।

सांकेतिक फोटो।

Water Crisis: महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के 11 प्रमुख जलाशयों में से पांच में पानी नहीं बचा है और इनमें सबसे बड़े जायकवाड़ी बांध में वर्तमान में इसकी कुल भंडारण क्षमता का केवल चार प्रतिशत पानी शेष है। मराठवाड़ा क्षेत्र में छत्रपति संभाजीनगर, जालना, बीड, परभणी, हिंगोली, धाराशिव, लातूर और नांदेड़ जिले शामिल हैं।

कई डैम में पानी खत्म

मंडलायुक्त कार्यालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि पिछले वर्ष कम वर्षा के कारण इस क्षेत्र की ग्यारह प्रमुख परियोजनाओं को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से चार जलाशयों में पानी का भंडारण शून्य प्रतिशत तक कम हो गया है। मराठवाड़ा क्षेत्र के सबसे बड़े जलाशय जायकवाड़ी बांध में वर्तमान में केवल तीन टीएमसी (हजार मिलियन क्यूबिक फुट) पानी है, जो इसकी कुल भंडारण क्षमता का केवल चार प्रतिशत है।

कहां- कितना बचा है पानी?

बता दें कि जिन पांच जलाशयों में जल स्तर शून्य प्रतिशत तक गिर गया है, उनमें सिद्धेश्वर (हिंगोली), माजलगांव और मांजरा (दोनों बीड), निम्न टेरणा और सिना कोलेगांव (दोनों धाराशिव) शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार, सात अन्य परियोजनाओं में जल स्तर का आंकड़ा जायकवाड़ी (छत्रपति संभाजीनगर) 4.04 प्रतिशत, निम्न दुधना (परभणी) 6.23, विष्णुपुरी (नांदेड़) 15.58, मनार (नांदेड़) 22.63, येलदारी (परभणी) 26.66 और पेंगंगा (नांदेड़) 29.23 प्रतिशत है।

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