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अब किसे कहेंगे वाह उस्ताद!जानें मुंबई से सैन फ्रांसिस्को तक का सफर

जाकिर हुसैन आज भले ही हमारे बीच न हों। लेकिन मुंबई में जन्मे जाकिर हुसैन सिर्फ मुंबई के ही नहीं, बल्कि इस दुनिया की हस्ती थे। उनकी हस्ती ऐसी थी कि हर कोई उन्हें वाह उस्ताद कहता था। अपने लंबे करियर के दौरान उन्होंने कई अवॉर्ड जीते। मुगल-ए-आजम फिल्म में उन्हें सलीम की भूमिका भी मिली थी, चलिए जानते हैं जाकिर हुसैन के बारे में सब कुछ-

City ki Hasti Zakir Husain.City ki Hasti Zakir Husain.City ki Hasti Zakir Husain.

उस्ताद जाकिर हुसैन

मुंबई में जन्मे उस्ताद जाकिर हुसैन ऑल टाइम ग्रेट तबला वादकों की लिस्ट में रहे हैं। 9 मार्च 1951 को मुंबई में जन्में जाकिर हुसैन ने 73 साल की उम्र में 15 दिसंबर 2024 को अमेरिकी शहर सैन फ्रांसिस्को में अंतिम सांस ली। वह सिर्फ तबला वादक नहीं थे, बल्कि उस्ताद थे। वह तबला वादक अल्ला रक्खा के सबसे बड़े बेटे थे। जाकिर हुसैन सिर्फ संगीतकार, म्यूजिक प्रोड्यूसर और फिल्म एक्टर भी थे। जी हां, उन्होंने फिल्मों में भी काम किया था।

जाकिर हुसैन का शुरुआती जीवन

9 मार्च 1951 को मुंबई में जन्मे जाकिर हुसैन का पूरा नाम जाकिर हुसैन अल्ला रक्खा कुरैशी था। उन्होंने मुंबई में ही माहिम के सेंट माइकल्स हाई स्कूल (St. Michael's High School) से पढ़ाई की और बाद में सेंट जेवियर कॉलेज (St. Xavier's College) से ग्रेजुएशन की। जाकिर हुसैन को बचपन में क्रिकेट खेलने का बड़ा शौक था। एक इंटरव्यू में उन्होंने इस बारे में जानकारी दी। उनके पिता अल्ला रक्खा चाहते थे कि वह तबला वादक बनें, इसलिए उन्होंने क्रिकेट खेलने से मना कर दिया।

मुगल-ए-आजम में सलीम का रोल

जाकिर हुसैन के पिता अल्ला रक्खा और फिल्म डायरेक्टर के. आसिफ अच्छे दोस्त थे। बचपन में उनके पिता के एक अन्य दोस्त शौकत उन्हें फिल्म 'मुगल-ए-आजम' के सेट पर ले गए थे। मोहन स्टूडियो में 'प्यार किया तो डरना क्या...' गाने की शूटिंग चल रही थी। शौकत ने युवा जाकिर हुसैन की मुलाकात दिलीप कुमार से करवाई। दिलीप कुमार ने जाकिर हुसैन के सिर पर हाथ रखा और के.आसिफ को देखकर ठीक है बोले। इसका मतलब यह था कि उन्होंने युवा सलीम के रोल के लिए जाकिर हुसैन को फाइनल कर लिया है।

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