Muzaffarnagar में त्रिकोणीय मुकाबला, कैंपेन में दिखे थे अजब-गजब रंग; अब 4 का इंतजार

सात चरणों का लोकसभा चुनाव 2024 अब समाप्ति की ओर है। अंतिम चरण का मतदान 1 जून को होगा और फिर हर किसी को इंतजार होगा 4 जून का, जब चुनाव परिणाम घोषित होंगे। उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट हमेशा चर्चा में रहती है। केंद्रीय मंत्री संजीव बालयान यहां से हैट्रिक की आस में हैं।

मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट का हाल

केंद्रीय मंत्री संजीव बालयान (Sanjeev Balyan) को केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने एक बार फिर मुजफ्फरनगर से अपना उम्मीदवार बनाया। संजीव बालयान 2014 और 2019 में भी यहां से चुनाव जीत चुके हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि 4 जून 2024 को वह मुजफ्फरनगर में हैट्रिक लगाएंगे। लेकिन उन्हें सीधी टक्कर मिल रही है विपक्षी गठबंधन INDIA की ओर से समाजवादी (SP) प्रत्याशी हरेंद्र मलिक से। उधर मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी (BSP) उम्मीदवार दारा सिंह प्रजापति इन दोनों की राह मुश्किल बना रहे हैं।

ऐसा रहा बालयान का प्रचार अभियान

पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट (Muzaffarnagar Loksabha Constituency) के लिए पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान हुआ था। यह सीट उन सीटों में से है, जिसको मतदान के नतीजों के लिए सबसे ज्यादा इंतजार करना पड़ा है। राजपूतों की नाराजगी की खबरों के बीच मुजफ्फरनगर में मतदान हुआ था। अगर राजपूतों की नाराजगी की खबर सही है तो इसका सबसे ज्यादा असर भाजपा उम्मीदवार और मौजूदा सांसद संजीव बालयान पर ही पड़ेगा। बालिया ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान जिले के सोरम गांव में सर्व खाप पंचायत भी की थी। इस सर्व खाप पंचायत में क्या घोड़े, क्या बैंड, जीप, कारें शामिल हुईं। इसके अलावा गाने, डांस और ग्रामीणों व पार्टी कार्यकर्ताओं ने स्टेज को फूलों से पाट दिया था। यहां आने वाले मेहमानों और मीडियाकर्मियों के लिए चाय-पानी की भी व्यवस्था की गई थी।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, RLD विधायक राजपाल बालयान, योगी सरकार में मंत्री अनिल कुमार और दो पूर्व विधायक उमेश मलिक व योगराज सिंह यहां आने वाले मेहमानों और वक्ताओं में शामिल थे।

सपा नेता के प्रचार का हाल

सोरम गांव से कुछ ही किमी दूर समाजवादी पार्टी (SP) उम्मीदवार हरेंद्र मलिक ने कुकरा गांव में रैली की। हरेंद्र कुमार ने यहां स्वयं कैंपेन किया और उनके साथ बमुश्किल दो कारें थीं। यहां उन्होंने ग्रामीणों के साथ बैठक की और गांव का दौरा किया। एक युवा लाउडस्पीकर लेकर सपा उम्मीदवार हरेंद्र मलिक के नाम के नारे लगा रहा था तो उसके पीछे-पीछे दो ढोल वाले पूरी ताकत से ढोल पर थाप दे रहे थे।

BSP ने दारा सिंह ने भी गांव का दौरा किया

BSP उम्मीदवार तारा सिंह प्रजापति भी बिना किसी भारी-भरकम शोर शराबे के गांव-गांव गए और मतदाताओं से अपने लिए वोट करने की अपील की। उन्होंने सभी संभावित मतदाताओं से मुलाकात की, जिसमें दलित, सैनी और कश्यप सभी शामिल थे। इनमें से बहुत लोगों के लिए तो सिर्फ हाथी का निशान ही काफी है, वह हाथी का निशान देखकर बसपा उम्मीदवार के लिए वोट करते हैं।

'अहंकार और संस्कार की जंग'

सपा उम्मीदवार हरेंद्र मलिक ने एक भाषण में कहा कि यह अहंकार और संस्कार के बीच की लड़ाई है, इस बार आपको इनमें से एक को चुनना है। हरेंद्र ने अपने संबोधन में कहा कि आप लोगों को बालयान के समर्थकों ने पिछले 10 वर्षों में खूब प्रताड़ित और शोषित किया है, लेकिन उनके अपने संस्कार ऐसे नहीं हैं। हरेंद्र ने लोगों को याद दिलाया कि पिछले चार दशक के राजनीतिक सफर में उन्होंने यहां के लोगों की बड़ी सेवा की है।

'काम के आधार पर वोट मांग रहा हूं'

दूसरी तरफ भाजपा उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री संजीव बालयान ने अपने चुनाव प्रचार में पिछले 10 वर्षों के विकास कार्यों को गिनाया। हालांकि, उन्होंने राम मंदिर का जिक्र नहीं किया और किसी तरह की धार्मिक टिप्पणी भी नहीं की। सोरम गांव में हुई सर्व खाप चौपाल में उन्होंने कहा, 'मैं धर्म और जाति के आधार पर वोट नहीं मांगूंगा, बल्कि अपने काम के आधार पर वोट मांग रहा हूं।' उन्होंने कहा कि BJP और RLD का गठबंधन यहां लोगों के लिए और ज्यादा खुशी और विकास लेकर आएगा। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने का जिक्र भी अपने भाषण में किया।
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