शरीर के घावों की तरह अपने आप भर जाएंगे सड़क के गड्ढ़े! Made in India सॉल्यूशन पर हो रहा काम
देश में सड़कों के गड्ढ़ों के कारण हर साल सैकड़ों-हजारों लोगों की जान चली जाती है। कभी पानी तो कभी किसी अन्य वजह से सड़क में हो जाते हैं। लेकिन NHAI अब एक सॉल्यूशन पर काम कर रहा है, जिससे सड़कों पर गड्ढ़े नहीं होंगे।
सड़क में गड्ढ़े
किसी चोट के कारण शरीर पर लगने वाला घाव कैसे अपने-आप भर जाता है? यही तो कुदरत का करिश्मा है। आपके शहर की सड़कों पर गड्ढ़ों को लेकर आप यही सोचते होंगे कि काश ये भी अपने आप भर जाते। क्योंकि सरकारें तो आसानी से सुध लेती नहीं हैं। अगर आपकी यही इच्छा है तो समझ लीजिए कि आपकी यह इच्छा जल्द ही पूर्ण होने वाली है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) एक ऐसे ही सॉल्यूशन पर काम कर रहा है, जिससे देश की सड़कों में गड्ढ़ों की समस्या से हमेशा के लिए निजात मिल जाए। NHAI इस तरह की टेक्नोलॉजी लाकर देश में सड़कों के रखरखाव और सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देना चाहता है।
सड़कों को मिलेगी अनोखी सुरक्षा
अंग्रेजी दैनिक टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी सड़़ोंकों की उम्र बढ़ाने और गड्ढ़ों की महामारी से मुक्ति पाने के लिए एक अनोखा कदम उठाने पर विचार कर रहे हैं। एक अधिकारी ने कहा, हम सड़कों की उम्र बढ़ाने और गड्ढ़ों से मुक्ति पाने के लिए सरल और अपरंपरागत तरीकों पर विचार कर रहे हैं। सेल्फ-हीलिंग डामर की शुरुआत इस गंभीर समस्या के स्थायी समाधान की ओर एक कदम है।ये भी पढ़ें - अगले साल उत्तराखंड के पहाड़ों में दौड़ेगी Train, होंगे चारधाम के दर्शन; जानिए काम का Update
कॉस्ट बेनिफिट एनालिसिस
इस सेल्फ हीलिंग डामर का इस्तेमाल करने और गड्ढ़ों से मुक्ति मिले, इससे पहले यह जानना जरूरी है कि इस पर खर्च कितना आएगा। इसकी व्यवहारिकता और प्रभावशीलता का आकलन करना जरूरी है। इवैलुएशन के जरिए सावधानीपूर्वक संसाधनों का अधिकतम उपयोग करने और सड़क के रखरखाव पर इसके असर को भी समझा जाएगा।
साल 2022 में राष्ट्रीय राजमार्गों पर गड्ढ़ों के कारण सड़क हादसों में 22.6 फीसद की बढ़ोतरी देखने को मिली है। गड्ढ़ों की वजह से 1856 लोगों की जान चली गई। सेल्फ हीलिंग डामर की तकनीक मुख्यतौ पर स्टील वूल यानी स्टील के रेशों से बनी शीट पर निर्भर करती है। स्टील वूल को डामर में मिलाया जाता है और इसमें बाइंडिंग एजेंट के तौर पर डामर का इस्तेमाल होता है। इस तकनीक के जरिए स्टील के रेशे आसपास के बिटुमिन और रोड़ियों को जोड़कर रखते हैं। इस तरह से सड़क पर गड्ढ़े नहीं बनते।
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Digpal Singh author
खबरों की दुनिया में लगभग 19 साल हो गए। साल 2005-2006 में माखनलाल चतुर्वेदी युनिवर्सिटी से PG डिप्लोमा करने के बाद मीडिया जगत में दस्तक दी। कई अखबार...और देखें
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