खुद टॉपर रह चुका है NEET Paper Leak मामले का मुख्य आरोपी यादवेंदु, LED घोटाले में भी था नाम

नीट परीक्षा धांधली में बिहार की आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने मामले की जांच करते हुए सिकंदर यादवेंदु को मुख्य आरोपी के रूप में शामिल किया है। सिकंदर यादवेंदु का नाम 2016 में हुए एलईडी घोटाले में शामिल है।

खुद टॉपर रह चुका है Neet Paper Leak मामले का मुख्य आरोपी यादवेंदु

Samastipur NEET Update: नीट पेपर लीक मामले की जांच जारी है। इस दौरान कई चौका देने वाले तथ्य सामने आए हैं। नीट पेपर लीक का मामला रिजल्ट की घोषणा के बाद सामने आया। जब मेडिकल के लिए देश की सबसे कठिन परीक्षा में 67 उम्मीदवारों ने 100 प्रतिशत अंकों के साथ टॉप किया। इसमें हैरान कर देने वाली बात ये थी कि परीक्षा टॉप करने वाले 6 उम्मीदवार एक ही परीक्षा केंद्र से थे। इतना ही नहीं रिजल्ट में ग्रेस मार्क्स दिए जाने को लेकर भी बहुत हंगामा हुआ। उसी समय से नीट पेपर में धांधली का मामला तूल पकड़ रहा है। मामले को लेकर लगातार एनटीए पर सवाल खड़े हो रहे हैं। राजनीतिक पार्टियां भी एक दूसरे पर आरोप लगा रही हैं। नीट परीक्षा में हुई धांधली की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा की जा रही है। इस बीच यूजीसी नेट और नीट पीजी की परीक्षा को स्थगित किया गया है। नीट परीक्षा में धांधली के मामले को लेकर पूरे देशभर में आक्रोश है।
नीट परीक्षा धांधली मामले पर कई अभ्यार्थियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, जिसमें कई तथ्य सामने आए। हिरासत में लिए एक अभ्यर्थी ने पूछताछ में बताया कि नीट परीक्षा से करीब 4 घंटे पहले प्रश्नपत्र और उसके उत्तर मिल गए थे। ये जानकारी मिलते ही धांधली को लेकर जांच और तेज हो गई। जांच के दौरान परीक्षा की धांधली में कई लोगों के नाम सामने आए। मुख्य आरोपी के रूप में सिकंदर प्रसाद यादवेंदु का नाम सामने आया। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई की टीम की जांच में सिकंदर यादवेंदु को नीट परीक्षा के अवैध प्रसार में मुख्य आरोपी के रूप में शामिल किया गया।

नीट धांधली का मास्टरमाइंड खुद रह चुका है मैट्रिक में टॉपर

नीट परीक्षा धांधली का मास्टरमाइंड सिकंदर प्रसाद यादवेंदु बिहार के समस्तीपुर जिले के बिथान थाना क्षेत्र के पुसहो गांव का रहने वाला है। यादवेंदु ने 1984 में पीएसपी हाई स्कूल बिथान से मैट्रिक परीक्षा पास की थी, जिसमें उसने टॉप किया था। उसके बाद यादवेंदु ने आगे की पढ़ाई रांची से की। गांव के लोगों का मानना है कि 1990-92 के दौरान नौकरी के सिलसिले में सिकंदर यादवेंदु ने पुसहो गांव के रहने वाले महेंद्र नारायण मुखिया से मुलाकात की, जो उस समय रांची में REO में जेई के पद पर थे। महेंद्र नारायण मुखिया ने यादवेंदु की मदद भी की थी। यादवेंदु के करियर में नया मोड 2012 में आया, जब उसने एनडीए की सरकार के दौरान बिहार जल संसाधन विभाग में जूनियर इंजीनियर का पद हासिल किया। लेकिन 2016 में यादवेंदु का नाम एलईडी घोटाले में सामने आया। रोहतास नगर परिषद में 2.92 करोड़ रुपये के एलईडी घोटाले में नाम आने से उसकी गिरफ्तारी हुई, जिसके बाद जमानत पर रिहाई मिली। इस पूरी घटना का यादवेंदु के करियर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
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