UP में प्राइमरी स्कूलों के छात्रों की बदलेगी तकदीर, भोजपुरी हो या अवधी..स्थानीय भाषा में भविष्य संवारेंगे बच्चे
New Education Policy: नई नीति के तहत बच्चों को मातृभाषा में शिक्षित करने को लेकर बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे शिक्षक बच्चों को आसानी से पढ़ा सकेंगे और यही वजह है कि 75 हजार शब्दों का शब्दकोश भी तैयार किया गया है।
परिषदीय विद्यालयों में पढ़ाई। (सांकेतिक फोटो)
New Education Policy: उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने की दिशा में लगातार काम कर रही है। ऐसे में प्रदेश सरकार ने एक और निर्णय लिया है। नई नीति के तहत अब परिषदीय विद्यालयों के कक्षा दो तक के स्टूडेंट्स को उनकी ही क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ाई कराई जाएगी। बेसिक शिक्षा विभाग ने सरकार की नीति के क्रियान्वयन के लिए तेजी से काम करना शुरू दिया है। बता दें कि इस फैसले को एक खास वजह से क्रियान्वित किया जा रहा है। क्योंकि सरकार अब क्षेत्रीय भाषाओं और मातृभाषा को बढ़ावा दे रही है और विमर्श में ये बात सामने आई कि क्षेत्रीय भाषा में बच्चे दक्ष हो पाएंगे। साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि, ये नीति आगामी सत्र से परिषदीय विद्यालयों में लागू की जाएगी।
क्या है मन्तव्य
बेसिक शिक्षा विभाग का कहना है कि, सरकार की इस नीति को आने वाले सत्र से परिषदीय विद्यालयों में लागू कर दिया जाएगा। स्थानीय और क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई करने से छात्र-छात्राओं को पढ़ने में लाभ होगा और अध्यापक को उनकी समस्याएं समझने में लाभ होगा। बहुधा देखा जाता है कि, परिषदीय विद्यालयों के स्टूडेंट्स स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली भाषा में असहज होते हैं क्योंकि वे अपने घर में बोली जाने वानी भाषा से स्कूल की भाषा में भिन्नता देखते हैं। इन नई नीति का फायदा बच्चों को जरूर मिल सकेगा क्योंकि, क्षेत्रीय भाषा में पढ़ने से छात्र-छात्राओं को शिक्षक बोलचाल की भाषा में शिक्षक पढ़ाएंगे।
75 हजार शब्दों की डिक्शनरी
कहा जा रहा है कि, नई नीति के तहत बच्चों को मातृभाषा में शिक्षित करने को लेकर बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे शिक्षक बच्चों को आसानी से पढ़ा सकेंगे और यही वजह है कि 75 हजार शब्दों का शब्दकोश भी तैयार किया गया है। इसके लिए भोजपुरी, अवधी, ब्रज और बुंदेली से शब्दों का संकलन (कलेक्शन) और परिमार्जन (मोडिफिकेशन) किया गया है। ये इसलिए किया गया है ताकि, शिक्षकों को भी बच्चों को पढ़ाने में दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
इनकी भी सुनिए
बीएसए हेमंत राव के मुताबिक, 2269 परिषदीय विद्यालयों में नई नीति के क्रियान्वयन की तैयारियां चल रही हैं। विभागीय अधिकारियों ने इसके लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य प्रारंभ कर दिया है। इस योजना को लागू करने में को समस्या न हो इसलिए शिक्षकों का ग्रुप बनाकर उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि ये प्रशिक्षण हासिल कर शिक्षक अपने साथियों को भी दक्ष कर सकें।
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शाश्वत गुप्ता author
पत्रकारिता जगत में पांच साल पूरे होने जा रहे हैं। वर्ष 2018-20 में जागरण इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट ए...और देखें
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