Yamuna Expressway: मौतों का सौदागर बना यमुना एक्सप्रेसवे! अबतक निगल गया 1,320 जिंदगियां; RTI में खुलासा
एक आरटीआई में खुलासा हुआ है कि पैदल चलने पर प्रतिबंध के बावजूद यमुना एक्सप्रेसवे पर पैदल यात्रियों की मौत की संख्या बढ़ी है। वर्ष 2012 में इस 165 किलोमीटर लंबे यमुना एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद से अबतक इतने पैदल यात्रियों ने अपनी जान गवांई हैं।
यमुना एक्सप्रेसवे पर मौतों का आंकड़ा
मुख्य बातें
- यमुना एक्सप्रेसवे पर पैदल यात्रियों की मौत की संख्या बढ़ी
- 12 साल में पैदल चलने वाले कुल 39 लोगों की मौत
- 12 साल में कुल सभी हादसों में 1,320 लोगों की मौत
नोएडा: यमुना एक्सप्रेसवे पर मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। प्रत्येक साल इसमें कई दुर्घटनाएं हो रही हैं। लोगों के पैदल चलने पर प्रतिबंध के बावजूद पिछले कुछ वर्ष में इस मार्ग पर सड़क दुर्घटनाओं में पैदल चलने वालों लोगों की मौत की संख्या में वृद्धि हुई है। सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के माध्यम से मिली जानकारी के मुताबिक 41 प्रतिशत लोगों की मौत सिर्फ 2023 में ही हुई। वर्ष 2012 में इस 165 किलोमीटर लंबे यमुना एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद से पैदल चलने वाले कुल 39 लोगों की मौत हुई। इस एक्सप्रेसवे को 2012 में ही खोला गया था। वहीं, 16 लोगों की मौत सिर्फ 2023 में हुई, जो अब तक एक वर्ष में होने वाली मौत में सबसे अधिक है।
उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता और सड़क सुरक्षा से जुड़े कार्यकर्ता किशन चंद जैन ने आरटीआई अधिनियम के तहत यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (वाईईआईडीए) से पैदल यात्रियों से जुड़ी दुर्घटनाओं, चोटों और मौतों का वर्षवार विवरण मांगा था।
यह भी पढ़ें - खुलने वाला है दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे! सुहाने सफर की हमसफर बनेंगी वादियां-जंगल सफारी
जेपी इंफ्राटेक ने बनाया था यमुना एक्सप्रेसवे
आरटीआई के जवाब में मिली जानकारी के मुताबिक, जेपी इंफ्राटेक द्वारा निर्मित यमुना एक्सप्रेसवे एक ‘एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे’ है, जहां पैदल चलने या इसे पार करने की अनुमति नहीं है। वर्ष 2012 से 2023 तक एक्सप्रेसवे पर पैदल चलने वाले लोगों से संबंधित दुर्घटनाओं की कुल संख्या 103 थी, जिसमें इस अवधि के दौरान मरने वालों की संख्या 39 और घायलों की संख्या 41 बताई गई।
पैदल चलने वाले लोगों के मौत का आंकड़ा
साल | मौतों की संख्या (पैदल) |
2012 | 3 |
2013 | 10 |
2014 | 8 |
2015 | 8 |
2016 | 8 |
2017 | 13 |
2018 | 11 |
2019 | 2 |
2020 | 4 |
2021 | 5 |
2022 | 8 |
2023 | 23 |
आरटीआई में हुआ ये खुलासा
आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक, साल 2013, 2014 व 2015 में तीन-तीन, 2016 में दो, 2017 में एक, 2018, 2019 व 2020 में दो-दो, 2021 में एक, 2022 में चार और 2023 में 16 लोगों ने इस एक्सप्रेसवे पर पैदल चलते हुए अपनी जान गंवाई। इसके अनुसार, 2012 में दो, 2013 में तीन, 2014 में छह, 2015 में तीन, 2016 में दो, 2017 में तीन, 2018, 2019 व 2020 में दो-दो, 2021 में एक, 2022 में चार और 2023 में नौ लोग हादसों में घायल हो गये ।आगरा के रहने वाले जैन ने बताया कि यमुना एक्सप्रेसवे पर पैदल चलने वाले लोगों से जुड़ी दुर्घटनाएं और मौतें पुलिस प्रशासन व वाईईआईडीए की गंभीर चूक को उजागर करती हैं। पैदल चलने वाले लोगों को एक्सप्रेसवे पर जाने से सख्ती से रोकने की तत्काल आवश्यकता है।
2012 से 2023 के बीच इतने लोगों की मौत
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2012 से 2023 के बीच यमुना एक्सप्रेसवे पर कुल 7,625 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसके परिणामस्वरूप 1,320 लोगों की मौत हुई और 11,168 लोग घायल हुए।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | नोएडा (cities News) और बजट 2024 (Union Budget 2024) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
Pushpendra kumar author
पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्षा-दीक्षा भी उसी परिवेश के साथ आगे बढ़ी। साल 2016 स...और देखें
End of Article
संबंधित खबरें
Firozabad: शिकोहाबाद में जबरदस्त ब्लास्ट से उड़े कई मकान, 4 लोगों की मौत; मलबे में दबे कई लोग
Lucknow: केमिकल गोदाम में लगी भीषण आग, धुएं के गुबार में पूरा इलाका
झारखंड को झटका, NGT ने ठोंक दिया बड़ा जुर्माना; जानें क्यों?
Greater Noida: क्या इरोस ग्रुप होगा मालामाल? नए आवासीय प्रोजेक्ट से कमाएगा 900 करोड़
इंडस्ट्री, एयरपोर्ट, एक्सप्रेस वे, मेट्रो से लेकर एम्स-नालंदा तक, कितना बदला बिहार; मोदी सरकार के दावे में कितना दम?
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited