Noida News: अमिताभकांत समिति की सिफारिशें को ठेंगा दिखा रहे बिल्डर, पैसा नहीं जमा किया तो होगी कार्रवाई

अमिताभकांत समिति की सिफारिशें लागू हुए चार महीने का समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक मात्र 15 प्रोजेक्ट के बिल्डर ही पैसा जमा कराने के लिए सामने आए हैं। उधर, जिन बिल्डरों ने तय धनराशि जमा नहीं की उन पर कार्रवाई की तैयारी है।

फ्लैट्स प्रतीकात्मक

नोएडा: शहर में फ्लैट खरीदारों की सहूलियत के लिए अमिताभकांत समिति की सिफारिशें लागू हुए चार महीने का समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक मात्र 15 प्रोजेक्ट के बिल्डर ही पैसा जमा करने के लिए बढ़े हैं। करीब 27 बिल्डरों ने अभी तक पैसा जमा नहीं किया है। लिहाजा, अब नोएडा प्राधिकरण ऐसे बिल्डरों पर सख्ती की तैयारी कर मामले से जुड़ी स्टेटस रिपोर्ट शासन को भेज दी है। साथ ही यह भी पूछा है कि जो बिल्डर पैसे जमा करने को आगे नहीं आ रहे हैं, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जाए।

यूपी कैबिनेट ने 2023 में दी थी मंजूरी

पिछले साल ही लंबे इंतजार के बाद यूपी कैबिनेट की मंजूरी के बाद अमिताभकांत समिति की सिफारिशों को 21 दिसंबर 2023 को लागू कर दिया गया था। जानकारी के मुताबिक, नोएडा में 57 ऐसी परियोजनाएं हैं, जिनका किसी न्यायालय या किसी तरह का विवाद नहीं है। उसी दौरान इन परियोजनाओं के बिल्डरों के साथ सीईओ ने बैठक की थी। अधिकारियों ने बताया कि 57 में से 42 बिल्डरों ने इस सुविधा का फायदा लेने को सहमति दी थी। इन 42 में से 15 बिल्डरों ने अभी तक कुल बकाए में से 25 प्रतिशत धनराशि जमा कर दी है। इन बिल्डरों के जरिए 125 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं, जबकि 27 बिल्डरों ने अभी तक कोई पैसा जमा नहीं किया है।

डिफाल्टर बिल्डरों पर कार्रवाई के संकेत

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पैसा जमा करने को लेकर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम ने करीब 15 दिन पहले डिफाल्टर बिल्डर और क्रेडाई के पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी। इसमें सीईओ ने बिल्डरों को अल्टीमेटम दिया था कि 12 अप्रैल तक बकाया जमा कर दें, लेकिन कोई बिल्डर पैसे जमा करने के लिए अभी तक आगे नहीं आया। हालांकि, उसी दिन बैठक में सीईओ के सामने बिल्डरों ने 12 मई तक बकाया जमा करने की छूट मांगी थी। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि अभी तक कितने बिल्डरों ने कितना-कितना पैसा जमा कराया है, कितने फ्लैट की रजिस्ट्री होनी प्रस्तावित है और कितनी हो चुकी है समेत अन्य बिंदुओं पर पूरी स्टेटस रिपोर्ट बनाकर शासन को भेज दी गई है। इसके अलावा जो बिल्डर पैसा जमा करने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं, उन पर क्या कार्रवाई की जा सकती है। इसको लेकर भी शासन से मार्गदर्शन मांगा है। अधिकारियों ने बताया कि कुल बकाए में से 15 परियोजनाओं के बिल्डरों ने 25 प्रतिशत राशि जमा की है। इसके अलावा चार परियोजनाओं के बिल्डरों ने बकाए में कुछ पैसा जमा किया है।

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