300 से ज्यादा स्कूल बसें खतरनाक, कहीं आपका बच्चा भी जान जोखिम में डालकर तो नहीं जा रहा

बच्चों को स्कूल भेजकर भले ही आप निश्चिंत हो जाते हों, लेकिन अगर आपके बच्चे स्कूल बस से आते-जाते हैं तो स्कूल प्रशासन से कुछ प्रश्न पूछने जरूरी हैं। क्योंकि नोएडा-ग्रेटर नोएडा में कई स्कूल बसों की फिटनेस और परमिट खत्म हो चुका है। ऐसी बसों में आपके बच्चे कतई सुरक्षित नहीं हैं।

School-Bus

आपके बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं ये स्कूल बसें

मुख्य बातें
  • नोएडा-ग्रेनो में 300 खतरनाक स्कूल बसें चल रही हैं
  • जिले में 141 बसों की फिटनेस खत्म हो चुकी है
  • 122 बसों के संचालकों के पास परमिट नहीं है

कल यानी सोमवार 1 जुलाई से नोएडा-ग्रेटर नोएडा में भी बच्चों के स्कूल खुल गए हैं। डेढ़-दो महीने की छुट्टी के बाद बच्चे खुशी-खुशी स्कूल जा रहे हैं और माता-पिता भी बच्चों के स्कूल जाने से खुश हैं। आपके बच्चों ने भी स्कूल जाना शुरू कर दिया होगा। क्या आपके बच्चे स्कूल बस से स्कूल जाते हैं? अगर हां, तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। इस खबर को आप बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं कर सकते, क्योंकि यह आपके बच्चे की सुरक्षा का मामला है। कहीं ऐसा तो नहीं है कि आप अपने बच्चे को जिस स्कूल बस से रोज सुबह खुशी-खुशी स्कूल भेजते हैं, वही आपके लाडले या लाडली की जान के लिए खतरा हो… चलिए जानते हैं -

दैनिक हिन्दी अखबार हिन्दुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार नोएडा और ग्रेटर नोएडा की सड़कों पर 300 से अधिक स्कूल बसों की स्थिति ठीक नहीं है। यह आपके बच्चों के स्कूल आने-जाने के लिए सुरक्षित नहीं हैं। इन बसों में स्कूल भेजकर आप अपने बच्चों की जान खतरे में डाल रहे हैं। इन बसों में आपके नौनिहालों का स्कूल का सफर जोखिम भरा साबित हो सकता है।

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फिटनेस और परमिट खत्मअखबार की रिपोर्ट में कहा गया है कि परिवहन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार इन स्कूल बसों का न सिर्फ फिटनेस सर्टिफिकेट खत्म हो चुका है, बल्कि परमिट भी समाप्त हो चुका है। इस संबंध में परिवहन विभाग ने स्कूलों और बस ऑपररेटरों को नोटिस भी जारी किया है।

परिवहन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक गौतमबुद्ध नगर जिले में 1798 स्कूल बसें रजिस्टर्ड हैं। करीब 1800 बसों में से 141 स्कूब बसों का फिटनेस सर्टिफिकेट खत्म हो चुका है। यही नहीं 122 स्कूब बसें ऐसी हैं, जिनका परमिट समाप्त हो चुका है और उसको रिन्यु नहीं कराया गया है। परिवहन विभाग के अनुसार 15 साल की समय सीमा पूरी कर चुकी 49 स्कूल बसों का रजिस्ट्रेशन निरस्त किया जा चुका है।

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ARTO प्रशासन डॉ. सियाराम वर्मा ने इस संबंध में कहा कि इसमें ऐसी बसें भी शामिल हो सकती हैं, जिनका रजिस्ट्रेशन और फिटनेस दोनों समाप्त हो गए हों। उन्होंने बताया कि स्कूलों और बस ऑपरेटरों को बसों के परमिट व फिटनेस टेस्ट कराने के लिए नोटिस जारी किया जा चुका है।

जब्त की जाएंगी बसेंARTO प्रशासन डॉ. सियाराम वर्मा ने कहा कि अगर ये स्कूल बसें सड़कों पर चलती मिलती हैं तो उन्हें जब्त कर लिया जाएगा। यही नहीं ऐसी बसें चलाने पर स्कूलों और बस ऑपरेटरों के खिलाफ जुर्माने सहित अन्य कार्रवाई भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह बच्चों की सुरक्षा से जुड़ा मामला है, इसमें स्कूलों को लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'स्कूल अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए बसों का फिटनेस और परमिट रिन्यु होने तक बसों को सड़कों पर न उतारें'

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आपके बच्चों के लिए वैन भी सुरक्षित नहींपरिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार स्कूलों के लिए एक भी वैन रजिस्टर्ड नहीं है। वैन मालिक व्यावसायिक गतिविधि के तहत अपनी वैन का रजिस्ट्रेशन कराते हैं। एआरटीओ प्रशासन डॉ. सियाराम वर्मा ने बताया कि निजी वैन में बच्चों को स्कूल लेकर जाना प्रतिबंधित है।

प्रवर्तन टीम के अनुसार बच्चों के बैठे होने के कारण निजी वैन को जब्त नहीं किया जाता है। यह स्कूलों की जिम्मेदारी है कि बसों के दस्तावेजों की जांच करें और सही पाए जाने पर ही बस को सड़क पर चलने दें, ताकि स्कूल आने वाले बच्चों का सफर सुरक्षित हो।

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Digpal Singh author

खबरों की दुनिया में लगभग 19 साल हो गए। साल 2005-2006 में माखनलाल चतुर्वेदी युनिवर्सिटी से PG डिप्लोमा करने के बाद मीडिया जगत में दस्तक दी। कई अखबार...और देखें

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